राजधानी भोपाल के परवलिया स्थित अवैध रूप से संचालित एक बालिका गृह से 6 से 18 साल के बीच की 26 लड़कियों के लापता होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने संचालक के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने की बात कही थी. अब मुख्यमंत्री ने बिना अनुमति और पंजीकरण के चल रहे बाल गृहों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को कहा कि बालिका गृह में रहने वालीं 26 लड़कियां, जो कथित तौर पर लापता हो गई थीं, सुरक्षित हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उन्होंने अधिकारियों को अवैध रूप से संचालित होने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया.
इससे पहले दिन में, राज्य पुलिस ने कहा था कि भोपाल के परवलिया इलाके में एक बालिका गृह से लड़कियों के कथित तौर पर गायब होने के संबंध में मामला दर्ज किया गया है. एक अधिकारी ने कहा था कि ऐसा संदेह है कि उन्हें घर की याद आने पर वे वहां से चली गईं.
बता दें कि गुरुवार को पुलिस ने जिला कार्यक्रम अधिकारी रामगोपाल यादव की शिकायत पर अनिल मैथ्यू के खिलाफ अवैध रूप से बाल गृह चलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी. यादव ने दावा किया था कि मैथ्यू यह केंद्र चलाने का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (पंजीकरण प्रमाण पत्र) प्रदान करने में विफल रहे और 68 लड़कियों में से 26 लड़कियां केंद्र से गायब पाई गईं.
मुख्यमंत्री यादव ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि लड़कियां सुरक्षित हैं. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने इंदौर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वरिष्ठ अधिकारियों से यह भी कहा कि बिना अनुमति और पंजीकरण के चल रहे बाल गृहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
भोपाल जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिंह ने भी बताया कि सभी लापता लड़कियां सुरक्षित हैं और अपने परिवार के साथ हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इससे पहले एक वीडियो संदेश में सिन्हा ने कहा था कि अब तक की जांच से पता चला है कि लड़कियों ने घर की याद आने के बाद परवलिया इलाके में आंचल बालिका गृह छोड़ा होगा.
उन्होंने कहा था, ‘कुछ लड़कियां जो स्वयं को सुविधा केंद्र में पंजीकृत कराती हैं, विभिन्न कारणों से घर लौट जाती हैं, जिनमें केंद्र में रहना अच्छा न लगना भी एक कारण है. अब तक की जांच से पता चला है कि वे अपने घर लौट चुकी हैं. इसकी आगे और भी पुष्टि की जा रही है.’
अधिकारी ने कहा कि मैथ्यू पर किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस ने कहा कि मैथ्यू अब तक बालिका गृह का पंजीकरण प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं करा सके हैं.
वहीं, दैनिक भास्कर की एक खबर बताती है कि सभी लापता बच्चियां बरामद कर ली गई हैं. इन्हें भोपाल और आसपास के क्षेत्र से बरामद किया गया है. 10 बच्चियां आदमपुर छावनी हरिपुरा, 13 अयोध्या बस्ती, 2 बच्चियां रूप नगर क्रेशर और एक बच्ची रायसेन से बरामद की गई है.
मामले के संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने एक्स पर लिखा था, ‘कल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के तारासेवनिया में राज्य बाल आयोग अध्यक्ष व सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से एक मिशनरी द्वारा संचालित अवैध बाल गृह का निरीक्षण किया. यहां की संचालक एनजीओ हाल तक सरकारी एजेंसी की तरह चाइल्ड लाइन पार्टनर के रूप में कार्यरत रही है, एवं इसने सरकारी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए जो बच्चे सड़कों से रेस्क्यू किए उनको बग़ैर सरकार को सूचना दिए बिना लाईसेंस चलाए जा रहे स्वयं के इस बाल गृह में गुपचुप ढंग से रखा और उनसे ईसाई धर्म की प्रैक्टिस करवाई जा रही है. 6 साल से 18 साल तक की 40 से ज़्यादा लड़कियों में अधिकांश हिंदू हैं.’
कल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के तारासेवनिया में राज्य बाल आयोग अध्यक्ष व सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से एक मिशनरी द्वारा संचालित अवैध बाल गृह का निरीक्षण किया।
यहाँ की संचालक NGO हाल तक सरकारी एजेन्सी की तरह चाइल्ड लाइन पार्ट्नर के रूप में कार्यरत रही है,एवं इसने सरकारी… pic.twitter.com/yVlWt04c90— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) January 5, 2024
उन्होंने आगे लिखा, ‘दुर्भाग्य से मध्यप्रदेश के महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी ऐसी ही एनजीओ के माध्यम से चाइल्ड हेल्पलाइन ठेके पर चलवाना चाहते हैं.’
उन्होंने मुख्य सचिव को भी नोटिस भेजे जाने की बात कही.