उत्तर प्रदेश: मेरठ में अतिक्रमण हटाओ अभियान के विरोध में आत्मदाह करने वाले किसान की मौत

उत्तर प्रदेश में मेरठ ज़िले के मवाना क्षेत्र का मामला. जिलाधिकारी ने बताया कि घटना बीते 4 जनवरी को वन और राजस्व विभाग द्वारा चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान से जुड़ी है. उन्होंने बताया कि किसान ने दावा किया था कि उन्हें ज़मीन के एक भूखंड से ग़लत तरीके से बेदख़ल किया गया था और कार्रवाई के विरोध में उन्होंने आत्मदाह कर लिया था.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स/Tony Webster/ CC BY-SA 4.0)

उत्तर प्रदेश में मेरठ ज़िले के मवाना क्षेत्र का मामला. जिलाधिकारी ने बताया कि घटना बीते 4 जनवरी को वन और राजस्व विभाग द्वारा चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान से जुड़ी है. उन्होंने बताया कि किसान ने दावा किया था कि उन्हें ज़मीन के एक भूखंड से ग़लत तरीके से बेदख़ल किया गया था और कार्रवाई के विरोध में उन्होंने आत्मदाह कर लिया था.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स/Tony Webster/ CC BY-SA 4.0)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के मवाना क्षेत्र में एक उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के कार्यालय के सामने खुद को आग लगाने के एक दिन बाद बीते शनिवार (6 जनवरी) को एक 53 वर्षीय किसान की मौत हो गई.

जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा, ‘किसान जगबीर की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई. प्रशासन उनके परिवार को हरसंभव सहायता प्रदान करेगा.’ मीणा ने शुक्रवार को कहा कि यह घटना गुरुवार (4 जनवरी) को वन और राजस्व विभाग द्वारा चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान से जुड़ी है.

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने बताया कि अलीपुर मोरना गांव के निवासी किसान ने दावा किया था कि उन्हें जमीन के एक भूखंड से गलत तरीके से बेदखल किया गया था और कार्रवाई के विरोध में उन्होंने आत्मदाह कर लिया.

मृतक किसान की पहचान जगबीर के रूप में हुई है. आत्मदाह के बाद 70 फीसदी जल चुके जगबीर को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था, जहां से उन्हें इलाज के लिए मेरठ रेफर कर दिया गया था. उनके निधन के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया.

जगबीर की मौत की खबर से उनके परिजनों और ग्रामीणों में गुस्सा फैल गया. उन्होंने कहा कि जब तक दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वे उनका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.

इससे पहले एसडीएम अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया. यादव ने ग्रामीणों को हरसंभव मदद और गहन जांच का आश्वासन दिया था.

राष्ट्रीय लोक दल का एक प्रतिनिधिमंडल जगबीर के परिवार से मिलने मेरठ के अस्पताल पहुंचा और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.

जिलाधिकारी मीणा ने बीते शुक्रवार को मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. जांच अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) अमित कुमार और पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कमलेश बहादुर कर रहे हैं.

इससे पहले 27 दिसंबर 2023 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में अपने पड़ोसी के खिलाफ दर्ज किए गए भूमि विवाद के मामले में पुलिस द्वारा कथित ढिलाई से परेशान होकर एक 32 वर्षीय दलित किसान ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) के कार्यालय के बाहर कथित तौर पर खुद को आग लगा ली थी.

80 प्रतिशत से अधिक जलने के बाद 29 दिसंबर 2023 को लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में उन्होंने दम तोड़ दिया था.

पुलिस ने बताया था कि मामला 400 वर्ग गज जमीन को लेकर पड़ोसियों के साथ लंबे समय से चल रहे विवाद से जुड़ा है.