छत्तीसगढ़: माओवादी समर्थक होने के आरोप में शिक्षक गिरफ़्तार, विरोध में ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि करेकट्टा गांव के सरकारी प्राथमिक स्कूल में संविदा के आधार पर नियुक्त गेस्ट शिक्षक पर पिछले साल सितंबर में इलाके में माओवादी बैनर और पोस्टर लगाने में शामिल होने का आरोप है. पूछताछ में उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है.

(फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स)

छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि करेकट्टा गांव के सरकारी प्राथमिक स्कूल में संविदा के आधार पर नियुक्त गेस्ट शिक्षक पर पिछले साल सितंबर में इलाके में माओवादी बैनर और पोस्टर लगाने में शामिल होने का आरोप है. पूछताछ में उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है.

(फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में एक 25 वर्षीय स्कूल शिक्षक को कथित तौर पर माओवादी समर्थक होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. रविवार को पुलिस ने ये जानकारी दी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गिरफ्तारी से नाराज स्कूली बच्चों सहित ग्रामीणों के एक समूह ने उनकी रिहाई की मांग करते हुए जिले के एक पुलिस स्टेशन के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू किया.

एक अधिकारी ने बताया कि रामलाल नुरेटी को शनिवार (6 जनवरी) को मदनवाड़ा पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत कारेकट्टा गांव से गिरफ्तार किया गया.

उन्होंने बताया कि वह पिछले साल सितंबर में इलाके में माओवादी बैनर और पोस्टर लगाने में कथित तौर पर शामिल थे.

सीतागांव थाना क्षेत्र के महका गांव का रहने वाला आरोपी करेकट्टा गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में संविदा के आधार पर नियुक्त गेस्ट शिक्षक के रूप में काम करता है.

उन्होंने बताया कि 15 सितंबर 2023 को पुलिस ने मदनवाड़ा इलाके से पोस्टर और बैनर बरामद किए थे, जिसमें माओवादियों ने गैरकानूनी आंदोलन की 19वीं वर्षगांठ मनाने की अपील की गई थी.

अधिकारी ने कहा कि जांच में नुरेटी की संलिप्तता का पता चला और पुलिसकर्मियों ने उन पर नजर रखी.

उन्होंने कहा कि जांच और तकनीकी सबूतों से आरोपी की अपराध में संलिप्तता की पुष्टि हुई, जिसके बाद सीतागांव पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया.

अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के दौरान नुरेटी ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन बाद में माओवादी पोस्टर और बैनर लगाने की बात स्वीकार कर ली, जिसके बाद उन्हें छत्तीसगढ़ विशेष सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर स्थानीय अदालत में पेश किया गया.

उन्होंने बताया कि आरोपी को राजनांदगांव जिला जेल भेज दिया गया है.

इस बीच, उनकी रिहाई की मांग को लेकर ग्रामीण सीतागांव थाने के सामने धरने पर बैठ गए.

एक प्रदर्शनकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘नुरेटी की रिहाई तक हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे. बिना किसी जांच के उन्हें स्कूल से गिरफ्तार कर लिया गया. वह एक स्कूल शिक्षक हैं, नक्सली नहीं.’

रविवार (7 जनवरी) को स्कूली बच्चे आंदोलन में शामिल हुए और प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टरों का उपयोग करके मानपुर-औंधी और मदनवाड़ा-सीतागांव सड़कों को अवरुद्ध कर दिया.

प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.