पूर्वोत्तर के उग्रवादियों से बात, लेकिन कश्मीरियों से केंद्र का आतंकी जैसा व्यवहार: महबूबा

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने अपने पिता और पीडीपी संस्थापक मुफ़्ती मोहम्मद सईद की पुण्यतिथि पर कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों में आतंकवादियों से बात में शामिल है, जबकि जम्मू-कश्मीर में आपने आम लोगों को आतंकवादी क़रार दिया है. उन्हें गिरफ्तार कर जेलें भर दी हैं. उन्होंने पूछा कि कोई अपने नागरिकों के साथ ऐसा करता है क्या?

महबूबा मुफ्ती. (फोटो साभार: फेसबुक/J&K Peoples Democratic Party)

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने अपने पिता और पीडीपी संस्थापक मुफ़्ती मोहम्मद सईद की पुण्यतिथि पर कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों में आतंकवादियों से बात में शामिल है, जबकि जम्मू-कश्मीर में आपने आम लोगों को आतंकवादी क़रार दिया है. उन्हें गिरफ्तार कर जेलें भर दी हैं. उन्होंने पूछा कि कोई अपने नागरिकों के साथ ऐसा करता है क्या?

महबूबा मुफ्ती. (फोटो साभार: फेसबुक/Youth PDP)

नई दिल्ली: पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार (7 जनवरी) को कहा कि केंद्र उत्तर-पूर्व/पूर्वोत्तर के राज्यों में उग्रवादियों के साथ बातचीत कर रहा है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों के साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार कर रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुफ्ती ने अनंतनाग जिले के बिजबेहरा में एक समारोह में कहा, ‘हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, हम सफेद झंडा नहीं उठाएंगे. अगर आप हमसे गरिमा के साथ बात करेंगे तो हम सम्मान के साथ जवाब देंगे. हालांकि, यदि आप डंडों के माध्यम से बात करते हैं, जैसा कि आपने बफलियाज में किया था, तो यह काम नहीं करेगा.’

वह अपने पिता और पीडीपी संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद की 8वीं पुण्यतिथि पर उनकी समाधि पर पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की एक सभा को संबोधित कर रही थीं.

महबूबा मुफ्ती ने सवाल किया, ‘वहां (उत्तर-पूर्व में) आप आतंकवादियों से बात करते हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर में आपने आम लोगों को आतंकवादी करार दिया है. आपने (अंधाधुंध) गिरफ्तारियां करके जेलें भर दी हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), एनआईए, एसआईए की छापेमारी… क्या कोई अपने ही लोगों के साथ ऐसा व्यवहार करता है?’

उन्होंने कहा कि केंद्र को अलगाववादियों से निपटने में उनके दिवंगत पिता द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण से सीखना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘मुफ्ती साहब से कुछ सीखें… उन्होंने लोगों के दिलों को जोड़ने की कोशिश की. उन्होंने अलगाववादियों को भी एक रास्ता दिया, ताकि वे सम्मान के साथ इस देश में रह सकें. उन्होंने कभी गलत बात नहीं कही. उन्होंने हमेशा एक ही झंडे को थामा, केवल इतना कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग सम्मान के साथ शांति चाहते हैं.’

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण पार्टी के सह-संस्थापक मुजफ्फर हुसैन बेग और उनकी पत्नी सफीना बेग, जो जिला विकास परिषद बारामूला की अध्यक्ष हैं, की लगभग चार वर्षों के बाद पीडीपी में वापसी थी.

बेग ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुफ्ती मोहम्मद सईद पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलने के बाद हीलिंग टच नीति के बारे में बात की थी.

उन्होंने कहा, ‘जहां तक मुफ्ती की राजनीति का सवाल है, वह भारत के पहले मुस्लिम गृह मंत्री थे. आज तक किसी अन्य मुस्लिम को देश का गृह मंत्री नहीं बनाया गया है. वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने आतंकवाद फैलने के बाद हीलिंग टच नीति के बारे में बात की थी. उन्होंने कहा था कि आतंकवादी हमारे अपने बच्चे हैं, जिन्हें दूसरे देश द्वारा गुमराह किया जा रहा है.’

बेग ने कहा कि पीडीपी संस्थापक ने समाज में विभिन्न विभाजनों से ऊपर उठकर सद्भाव का संदेश दिया.

उन्होंने कहा, ‘उन्होंने शहरी-ग्रामीण विभाजन, पहाड़ी-गुर्जर मतभेद या हिंदू-मुस्लिम विभाजन से ऊपर उठकर सद्भाव का संदेश दिया. मैं अल्लाह से प्रार्थना करूंगा कि वह हम सभी पर दया करे और हमें सम्मान का जीवन प्रदान करे.’

पीडीपी में बेग की वापसी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह लोकसभा चुनाव से चार महीने से भी कम समय पहले हो रहा है.

बेग ने मुफ्ती मोहम्मद सईद की मजार पर फातिहा (विशेष प्रार्थना) पढ़ा. 1990 के दशक के अंत में पीडीपी के सह-संस्थापक रहे बेग को 2016 में सईद की मृत्यु के बाद पार्टी का संरक्षक बनाया गया था.

पूर्व उप-मुख्यमंत्री रहे बेग ने 2020 में पार्टी छोड़ दी और ऐसी खबर थी कि उन्हें सज्जाद लोन के नेतृत्व वाले पीपुल्स कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए कहा गया है. बेग की पत्नी सफीना लोन की पार्टी में शामिल हो गई थीं, हालांकि बेग ने अपनी स्थिति के बारे में आधिकारिक घोषणा नहीं की थी.