राजस्थान के विधानसभा उपचुनाव में भाजपा सरकार के कैबिनेट मंत्री की हार समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर सीट पर हुए विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रुपिंदर सिंह कुन्नर ने भाजपा के सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को लगभग 12 हज़ार मतों से हरा दिया है. ज्ञात हो कि सुरेंद्रपाल सिंह को विधायक बनने से पहले ही कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया गया था. नवभारत टाइम्स के अनुसार, विधानसभा चुनाव 2023 की घोषणा के दौरान कांग्रेस ने गुरमीत सिंह कुन्नर को चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन उनके आस्कमिक देहांत के बाद पार्टी ने उनके बेटे रुपिंदर सिंह कुन्नर को टिकट दिया. मालूम हो कि श्रीगंगानगर जिले में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 5 सीटों पर 3 दिसंबर को ही चुनाव का नतीजा आ चुके हैं, जहां भाजपा को दो और कांग्रेस को तीन सीटें मिली थीं.

बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के 11 दोषियों की सज़ामाफी और समयपूर्व रिहाई के फैसले को ख़ारिज कर दिया. लाइव लॉ के अनुसार, जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने कहा कि गुजरात सरकार ने ‘दोषियों के साथ मिलीभगत से काम किया’ और कहा कि ‘यह वही आशंका थी जिसके कारण इस अदालत को पहले मुकदमे को राज्य से बाहर महाराष्ट्र ट्रांसफर करना पड़ा था.’ सोमवार को उनकी रिहाई का आदेश रद्द करते हुए कोर्ट ने कहा कि गुजरात सरकार के पास दोषियों को समय से पहले रिहा करने का हक़ नहीं है. अदालत ने दोषियों को दो हफ्ते के अंदर वापस जेल में सरेंडर करने को कहा है.

कर्नाटक के बेलागवी में भीड़ द्वारा मौसेरे भाई-बहन को अंतरधार्मिक कपल समझकर मारपीट करने का मामला सामने आया है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, घटना 6 जनवरी को हुई, जहां 24 वर्षीय लड़का अपनी 21 साल  मौसेरी बहन के साथ सरकार की बेरोजगारों को दी जाने वाली युवा निधि योजना के लिए आवेदन करने पहुंचे थे.  मामले के 17 आरोपियों में नौ पुलिस हिरासत में हैं, जिनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं. इन पर अपहरण और हमला करने के आरोप लगाए गए हैं. बताया गया था कि लड़का-लड़की की मां बहनें हैं, जिन्होंने अलग-अलग धर्मों में शादी की थी. एक पुलिसकर्मी ने बताया कि लेक पार्क के पास हिजाब पहने लड़की के साथ उनका भाई खड़ा था, जिसने तिलक लगाया हुआ था. आरोपियों ने उन्हें अंतरधार्मिक युगल समझा और हमला कर दिया. पीड़ित लड़की ने बताया कि उनके बार-बार यह बताने कि लड़का उनका भाई है, आरोपी नहीं रुके और एक अलग कमरे में ले जाकर लड़के को मारा. लड़की ने कहा कि आरोपियों ने उनके साथ भी मारपीट की और पूछा कि मुस्लिम होते हुए वे हिंदू लड़के के साथ क्यों घूम रही हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा पुणे लोकसभा सीट पर उपचुनाव करवाने के आदेश पर रोक लगा दी है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151 के दायरे की जांच करेगी, जो निर्वाचन आयोग को संसद और राज्य विधानसभाओं के सदनों में आकस्मिक रिक्तियों को भरने का आदेश देती है. प्रावधान के अनुसार किसी भी रिक्ति को भरने के लिए रिक्ति होने की तारीख से छह महीने के भीतर उपचुनाव कराना आवश्यक है. पुणे लोकसभा सीट 29 मार्च को भाजपा सांसद गिरीश बापट के निधन के बाद से खाली है. 13 दिसंबर 2023 को बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम एस. पटेल की अगुवाई वाली पीठ ने यह कहते हुए कि आयोग के कर्मचारियों की व्यस्तता के चलते नागरिकों को प्रतिनिधित्व से वंचित नहीं किया जा सकता है, आयोग को चुनाव करवाने का निर्देश दिया था. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पुणे निवासी सुघोष जोशी, जिनकी याचिका पर हाईकोर्ट का आदेश आया था, को भी नोटिस जारी किया और कहा कि अगली सुनवाई मार्च या अप्रैल में होगी.

हरियाणा के सिरसा स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय की लगभग 500 छात्राओं ने  मुख्यमंत्री, राज्यपाल और महिला आयोग को पत्र लिखकर एक प्रोफेसर पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, गुरुवार को लिखे गए पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया था. एएसपी दीप्ति गर्ग ने कहा कि प्रारंभिक जांच के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी. बताया गया है कि छात्राओं द्वारा प्रोफेसर के खिलाफ लिखा गया यह चौथा ऐसा पत्र है. प्रोफेसर को विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति द्वारा दो बार बरी किया जा चुका है. विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि प्रोफेसर के खिलाफ पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाले सभी चार पत्र हिसार रोड पर एक ही डाकखाने से भेजे गए हैं. ऐसा पहला खत जून 2023 में यूनिवर्सिटी के वीसी को भेजा गया था, जिसके बाद विश्वविद्यालय ने आंतरिक जांच की लेकिन आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार राजेश बंसल ने प्रोफेसर के खिलाफ पहले भी पत्र मिलने की पुष्टि की है. उन्होंने अब बताया कि उनकी आंतरिक जांच में आरोप निराधार पाए गए. लेकिन अब पत्र में अब 500 लड़कियों का जिक्र है, इसलिए पुलिस और विश्वविद्यालय इस मामले पर दोबारा विचार कर रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि केंद्र पूर्वोत्तर के राज्यों में उग्रवादियों से बातचीत कर रहा है, पर जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों के साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव कर रहा है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मुफ़्ती ने अपने पिता और पीडीपी संस्थापक मुफ़्ती मोहम्मद सईद की पुण्यतिथि पर अनंतनाग जिले के बिजबेहरा में एक समारोह में मुफ्ती ने सवाल किया, ‘वहां (उत्तर-पूर्व में) आप आतंकवादियों से बात करते हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर में आपने आम लोगों को आतंकवादी करार दिया है. आपने (अंधाधुंध) गिरफ्तारियां करके जेलें भर दी हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), एनआईए, एसआईए की छापेमारी… क्या कोई अपने ही लोगों के साथ ऐसा व्यवहार करता है?’ उन्होंने कहा कि केंद्र को अलगाववादियों से निपटने में उनके दिवंगत पिता द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण से सीखना चाहिए.