वीवीपैट पर इंडिया गठबंधन दलों से मिलने से चुनाव आयोग का इनकार दुर्भाग्यपूर्ण है: जयराम रमेश

विपक्ष के इंडिया गठबंधन की ओर से ईवीएम और वीवीपैट को लेकर चुनाव आयोग को एक और पत्र लिखकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि यह सभी पार्टियों के लिए ‘गंभीर चिंता’ का विषय है. विपक्ष आयोग से ईवीएम पर अपने संदेहों पर चर्चा और वीवीपैट (वोटर वेरि​फिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) की ‘100% गिनती’ करने की मांग लगातार कर रहा है.

जयराम रमेश. (फोटो साभार: फेसबुक)

विपक्ष के इंडिया गठबंधन की ओर से ईवीएम और वीवीपैट को लेकर चुनाव आयोग को एक और पत्र लिखकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि यह सभी पार्टियों के लिए ‘गंभीर चिंता’ का विषय है. विपक्ष आयोग से ईवीएम पर अपने संदेहों पर चर्चा और वीवीपैट (वोटर वेरि​फिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) की ‘100% गिनती’ करने की मांग लगातार कर रहा है.

जयराम रमेश. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा ईवीएम और वीवीपैट (VVPAT) के बारे में विपक्ष के इंडिया गठबंधन की चिंताओं को खारिज करने के कुछ दिनों बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक बार फिर मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार को पत्र लिखा है.

इस पत्र में कहा गया है कि गठबंधन के नेताओं से मिलने के लिए आयोग का इनकार ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है.

जयराम रमेश ने कहा कि यह सभी पार्टियों के लिए ‘गंभीर चिंता’ का विषय है. यहां ​त​क कि इंडिया गठबंधन के सदस्यों के लिए भी, जिन्होंने 2019 के चुनावों में ‘60 प्रतिशत से अधिक लोकप्रिय वोट हासिल किया है’.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार (7 जनवरी) को सीईसी कुमार को भेजा गया जयराम रमेश का पत्र, चुनाव आयोग और कांग्रेस नेता के साथ-साथ इंडिया गठबंधन के बीच लिखित आदान-प्रदान की श्रृंखला में नवीनतम था, जो ईवीएम पर अपने संदेहों पर चर्चा और चुनाव के दौरान वीवीपैट (वोटर वेरि​फिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) की ‘100% गिनती’ करने की मांग के लिए आयोग पर दबाव डाल रहा है.

पत्र में उन्होंने लिखा है, ‘चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया हमारे अनुरोध को पूरी तरह से खारिज करते हुए एक बार फिर हमारे प्रश्नों और वास्तविक चिंताओं का ठोस जवाब देने में विफल रही है. इसके बजाय आयोग हमें बार-बार सभी प्रश्नों की उत्तर पुस्तिका के रूप में सामान्य ईसीआई एफएक्यू (ECI FAQs यानी अक्सर पूछे जाने वाले सवाल) की ओर निर्देशित करता रहा है.’

यह कहते हुए कि इस मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध ‘इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की ओर से किया जा रहा है, जिन्होंने हमारे देश को पीएम और सीएम दिए हैं’, उन्होंने चुनाव आयोग से कहा, ‘ईवीएम या वीवीपैट पर राजनीतिक प्रतिभागियों के साथ बातचीत करने से भी आपका स्पष्ट इनकार है. यह न सिर्फ इंडिया गठबंधन से जुड़े दलों के लिए बल्कि सभी पार्टियों के लिए गंभीर चिंता का विषय है.’

पत्र के अनुसार, ‘2019 के लोकसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन में शामिल दलों को 60 प्रतिशत से अधिक लोकप्रिय वोट मिले थे. फिर भी चुनाव आयोग इन दलों को अपने साथ बैठक करने का अवसर देने से इनकार करता रहा है. यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे बहुत हल्के शब्दों में कहें तो अप्रत्याशित है.’

30 दिसंबर 2023 को भेजे गए अपने आखिरी पत्र में जयराम रमेश ने चुनाव आयोग को याद दिलाया था कि अगस्त से एक बैठक के लिए कई अभ्यावेदन और अनुरोधों के बावजूद उसने अभी तक विपक्षी दलों की चिंताओं को संबोधित नहीं किया है.

बीते 5 जनवरी को जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को अपनी वेबसाइट पर अपडेटेड एफएक्यू सेक्शन को शामिल करने का निर्देश दिया था, जिसमें कहा गया था कि इसमें ‘ईवीएम के उपयोग के सभी उचित और वैध पहलुओं’ को शामिल किया गया है. यह जवाब वैसा ही था जैसा चुनाव आयोग ने पिछले साल 23 अगस्त को इंडिया गठबंधन के वकील को बताया था.

चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को यह भी बताया कि ईवीएम और वीवीपैट ‘पिछले 40 वर्षों में सरकारों द्वारा मजबूत किए गए’ कानूनी ढांचे का अनुपालन करते हैं और जहां पेपर ट्रेल प्रणाली के कुछ पहलू न्यायाधीन थे, ईवीएम में ‘पूर्ण विश्वास’ है.

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें मौजूदा 2 प्रतिशत के बजाय वीवीपैट पर्चियों की 100 प्रतिशत गिनती की मांग की गई है.