जम्मू कश्मीर: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को पूछताछ के लिए बुलाया

पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला 2001 से 2012 तक जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे. समन में उन्हें श्रीनगर में ईडी कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है. उनके ख़िलाफ़ आरोप है कि उन्होंने एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में अपने पद का ‘दुरुपयोग’ कर खेल निकाय में नियुक्तियां की थीं.

फ़ारूक़ अब्दुल्ला. (फोटो साभार: एएनआई)

पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला 2001 से 2012 तक जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे. समन में उन्हें श्रीनगर में ईडी कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है. उनके ख़िलाफ़ आरोप है कि उन्होंने एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में अपने पद का ‘दुरुपयोग’ कर खेल निकाय में नियुक्तियां की थीं.

फ़ारूक़ अब्दुल्ला. (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पूछताछ के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को गुरुवार को तलब किया है. बीते बुधवार (10 जनवरी) को आधिकारिक सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी.

समझा जाता है कि 86 वर्षीय अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित अनियमितताओं की संघीय एजेंसी की जांच के सिलसिले में बुलाया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में श्रीनगर लोकसभा सीट से सांसद अब्दुल्ला के खिलाफ ईडी ने साल 2022 में आरोप-पत्र दायर किया था.

ईडी ने कहा था, यह मामला जेकेसीए के पदाधिकारियों सहित असंबद्ध पक्षों के विभिन्न व्यक्तिगत बैंक खातों में ट्रांसफर और जेकेसीए बैंक खातों से अस्पष्टीकृत नकद निकासी के माध्यम से एसोसिएशन के धन को निकालने से संबंधित है.

ईडी का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर 2018 के आरोप-पत्र पर आधारित है.

इस मामले को लेकर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, ‘फारूक अब्दुल्ला एक कद्दावर नेता हैं. वह एक केंद्रीय मंत्री थे और आज इंडिया गठबंधन की एक साहसी आवाज हैं. उनके पिता और उन्होंने कश्मीर के संबंध में मजबूत राजनीतिक कदम उठाए, इसलिए उन्हें दंडित किया जाना तय था. मुझे ऐसा लगता है कि ये राजनीतिक प्रतिशोध है.’

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में अपने पद का ‘दुरुपयोग’ किया और खेल निकाय में नियुक्तियां कीं, ताकि बीसीसीआई द्वारा प्रायोजित फंड को लूटा जा सके.

अब्दुल्ला 2001 से 2012 तक जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे. समन में उन्हें श्रीनगर में ईडी कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है.

कथित घोटाला, जिसकी जांच सीबीआई और ईडी दोनों द्वारा की जा रही है, जाहिर तौर पर 2004 और 2009 के बीच हुआ था.