सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर साल 2021 में अपराध की 2,108 घटनाएं दर्ज की गई थीं, जो 2022 में 45 प्रतिशत बढ़कर 3,065 हो गईं और 2021 की तुलना में 105 प्रतिशत की आश्चर्यजनक बढ़ोतरी की साथ 30 नवंबर 2023 तक इनकी संख्या बढ़कर 4,342 हो गई थीं.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले तीन वर्षों में रेलवे स्टेशन परिसरों में होने वाले अपराधों की संख्या में वृद्धि देखी गई है. सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दिए गए जवाब में यह जानकारी सामने आई है.
आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर साल 2021 में अपराध की 2,108 घटनाएं दर्ज कई गई थीं, जो 2022 में 45 प्रतिशत बढ़कर 3,065 हो गईं और 2021 की तुलना में 105 प्रतिशत की आश्चर्यजनक बढ़ोतरी की साथ 30 नवंबर 2023 तक इनकी संख्या बढ़कर 4,342 हो गई थी.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, यह आरटीआई मध्य प्रदेश स्थित कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौड़ द्वारा दायर की गई थी.
दिल्ली पुलिस के डीसीपी (रेलवे) अपूर्व गुप्ता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बड़े पैमाने पर चोरी की घटनाएं दर्ज की गई है. साल 2021 में इनकी संख्या 2,016 थी. 2022 में चोरी के मामले 18 प्रतिशत बढ़कर 2,831 हो गए और 30 नवंबर 2023 तक 3,909 सामने आए थे, जो 2021 की तुलना में 93 प्रतिशत की भारी वृद्धि है.
मूल्यवान वस्तुओं की छिनैती की घटनाएं 2021 में 19 से बढ़कर 2022 में 85 हो गई थीं, जो 347 प्रतिशत की वृद्धि है. साल 2023 में इनकी संख्या 96 रही, जो 2021 की तुलना में 405 प्रतिशत की वृद्धि है.
टाउटिंग अधिनियम के तहत, जिसमें रेलवे टिकटों की खरीद और आपूर्ति का अनधिकृत कारोबार शामिल है, के भी अधिक मामले दर्ज किए गए. 2023 में इनकी संख्या 124 थी, जो 2021 में दर्ज किए गए 6 मामलों और 2022 में दर्ज किए गए 8 मामलों से कहीं अधिक है.
डकैती की घटनाएं साल 2022 में 10 से दोगुनी होकर 2023 में 22 हो गईं. वहीं अपहरण के वारदातों की संख्या भी 2021 में 9 मामलों से बढ़कर 2022 में 14 मामले और यह संख्या 2023 में बढ़कर 24 पर पहुंच गई.
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विविध धाराओं के तहत दर्ज मामले 2021 में 14 से बढ़कर 2022 में 26 और 2023 में बढ़कर 104 हो गए हैं.
अन्य श्रेणियां जिनमें अपराध दर्ज किए गए, उनमें हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, छेड़छाड़, दुर्घटना, चोट, धोखाधड़ी, जबरन वसूली, मादक पदार्थ, नशीले पदार्थ, जुआ, हथियार, उत्पाद शुल्क के मामले शामिल हैं.
एक और परेशान करने वाली प्रवृत्ति यह है कि साल 2021 से रेलवे ट्रैक पर 1,897 लोगों की मौत हो चुकी है. 2021 में 507 लोगों की मौत हुई, जबकि 2022 में यह संख्या 714 और नवंबर 2023 तक 676 लोगों ने रेलवे ट्रैक पर दम तोड़ा था.
इसके अलावा रेलवे ट्रैक पर 468 लोग घायल हुए है. 2021 में ये संख्या 144 थी. 2022 में 174 और साल 2023 में ऐसे 150 मामले सामने आए हैं.