राजस्थान: बिजली कटौती के बाद जोधपुर के अस्पताल में ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने से मरीज़ की मौत

राजस्थान के जोधपुर शहर स्थित एमडीएम अस्पताल का मामला. कैंसर से पीड़ित मरीज़ अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर पर थे, जब बिजली कटौती से कथित तौर पर ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने के बाद उनकी मौत हो गई. मरीज़ के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही से मौत का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक)

राजस्थान के जोधपुर शहर स्थित एमडीएम अस्पताल का मामला. कैंसर से पीड़ित मरीज़ अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर पर थे, जब बिजली कटौती से कथित तौर पर ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने के बाद उनकी मौत हो गई. मरीज़ के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही से मौत का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: राजस्थान के जोधपुर शहर स्थित एमडीएम अस्पताल में शुक्रवार (12 जनवरी) तड़के बिजली कटौती से ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने के बाद कथित तौर पर एक कैंसर रोगी की मौत हो गई. मरीज अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर पर था. कथित तौर पर शुक्रवार सुबह 4 बजे के आसपास यह घटना हुई.

घटना के बाद मृत मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही से मौत का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल प्रशासन ने ओसियां निवासी गोपाल भाटी की मौत की जांच शुरू कर दी है, जिन्हें बीते गुरुवार (11 जनवरी) को कैंसर के पहले चरण के इलाज के लिए भर्ती कराया गया था.

भाटी के परिजनों का अस्पताल में विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो वायरल हुआ है. परिजनों दावा किया कि नर्सिंग स्टाफ द्वारा लाए गए ऑक्सीजन सिलेंडर खाली निकले. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वार्ड के वरिष्ठ पुरुष नर्स और प्रभारी डॉक्टर दोनों घटनास्थल से गायब थे.

एसीओ (पश्चिम) नरेंद्र दायमा ने कहा, ‘मरीज को अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के रेड जोन में वेंटिलेटर पर रखा गया था. सुबह करीब 4 बजे लाइट बंद हो गई, जिससे वेंटिलेटर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो गया.’

भाटी के परिवार ने आरोप लगाया कि जब तक ऑक्सीजन के नए सिलेंडर की व्यवस्था की गई, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी और उस समय वार्ड में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, जबकि नर्सिंग स्टाफ समय पर निर्णय लेने में विफल रहा.

हालांकि, एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक विकास राजपुरोहित ने कहा कि मरीज पहले से ही फेफड़ों के कैंसर से गंभीर स्थिति में था. उन्होंने कहा, ‘हमने मामले की जांच शुरू कर दी है और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.’