हाल ही में मुंबई दक्षिण लोकसभा क्षेत्र पर सार्वजनिक रूप से दावा करने वाली शिवसेना (यूबीटी) पर मिलिंद देवड़ा ने नाराज़गी ज़ाहिर की थी. वह 2014 और 2019 में लगातार दो लोकसभा चुनाव शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत से हार चुके हैं. कांग्रेस ने कहा है कि देवड़ा के पार्टी छोड़ने का समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तय किया गया है.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में तीन दलों में से एक में शामिल होने की अटकलों के बीच वरिष्ठ नेता और पूर्व लोकसभा सांसद मिलिंद देवड़ा ने रविवार (13 जनवरी) को कांग्रेस का साथ छोड़ दिया.
रविवार दिन में उनके महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होने की उम्मीद है.
इस निर्णय की घोषणा करते हुए देवड़ा ने सोशल साइट एक्स पर लिखा, ‘आज मेरी राजनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हुआ. मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया है, जिससे पार्टी के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है. मैं वर्षों से उनके अटूट समर्थन के लिए सभी नेताओं, सहकर्मियों और कार्यकर्ताओं का आभारी हूं.’
Today marks the conclusion of a significant chapter in my political journey. I have tendered my resignation from the primary membership of @INCIndia, ending my family’s 55-year relationship with the party.
I am grateful to all leaders, colleagues & karyakartas for their…
— Milind Deora | मिलिंद देवरा ☮️ (@milinddeora) January 14, 2024
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 2014 और 2019 में लगातार दो लोकसभा चुनाव शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत से हार चुके मुरली देवड़ा ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सीट बंटवारे की व्यवस्था में मुंबई दक्षिण सीट उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पास जाने की संभावना पर नाखुशी व्यक्त की.
हाल ही में जारी एक वीडियो में देवड़ा ने अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं को शांत रहने की सलाह दी थी और शिवसेना से किसी भी लोकसभा क्षेत्र पर दावा नहीं करने को कहा था, जब तक कि सीट बंटवारे की बातचीत में इसे अंतिम रूप नहीं दिया जाता.
उन्होंने कहा था कि उनके दिवंगत पिता मुरली देवड़ा सहित उनके परिवार ने 40 वर्षों से अधिक समय तक इस निर्वाचन क्षेत्र (मुंबई दक्षिण) की सेवा की है.
सूत्रों के मुताबिक, देवड़ा के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच शिखर सम्मेलन में भी जाने की संभावना है.
वह विशेष रूप से मुंबई दक्षिण लोकसभा क्षेत्र से मुंबई में चुनाव अभियान शुरू करने और यह दावा करने के लिए कि सावंत ही 2024 के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार होंगे, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और आदित्य ठाकरे से नाखुश थे.