कृषि मंत्रालय ने पिछले 5 साल में आवंटित बजट से 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि लौटाई

कृषि मंत्रालय के तहत आने वाले कृषि और किसान कल्याण विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2022-मार्च 2023) के दौरान अपने 1.24 लाख करोड़ रुपये के वार्षिक आवंटन में से 21,005.13 करोड़ रुपये वापस किए हैं. इसी मंत्रालय के तहत आने वाले कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग ने भी साल दर साल आवंटित राशि वापस लौटा दी है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: IWMI/Flickr CC BY-NC-ND 2.0)

कृषि मंत्रालय के तहत आने वाले कृषि और किसान कल्याण विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2022-मार्च 2023) के दौरान अपने 1.24 लाख करोड़ रुपये के वार्षिक आवंटन में से 21,005.13 करोड़ रुपये वापस किए हैं. इसी मंत्रालय के तहत आने वाले कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग ने भी साल दर साल आवंटित राशि वापस लौटा दी है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: IWMI/Flickr CC BY-NC-ND 2.0)

नई दिल्ली: कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट से पता चला है कि सरकार ने हाल के वर्षों में मंत्रालय के बजट में बढ़ोतरी की है, लेकिन मंत्रालय ने इसका पूरा उपयोग नहीं किया है, क्योंकि इसने पिछले पांच वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि लौटा दी है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘वर्ष 2022-2023 के एकाउंट की एक झलक’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, कृषि और किसान कल्याण विभाग (डीए एंड एफडब्ल्यू) ने पिछले वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2022-मार्च 2023) के दौरान अपने 1.24 लाख करोड़ रुपये के वार्षिक आवंटन में से 21,005.13 करोड़ रुपये वापस कर दिए.

यह पिछले वर्ष 2021-22 के दौरान विभाग द्वारा लौटाई गई राशि का लगभग चार गुना है, जो इसके 1.23 लाख करोड़ आवंटन में से 5,152.6 करोड़ रुपये थी.

विभाग ने 2020-21 में 23,824.53 करोड़ रुपये, 2019-20 में 34,517.7 करोड़ रुपये और 2018-19 में 21,043.75 करोड़ रुपये लौटाए थे.

इसके अलावा कृषि मंत्रालय के तहत आने वाले कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग ने 2022-23 में अपने कुल आवंटन 8,658.91 करोड़ रुपये में से 9 लाख रुपये, 2021-22 में 1.81 करोड़ रुपये, 2020-21 में 600 करोड़ रुपये, 2019-20 में 232.62 करोड़ और 2018-2019 में 7.9 करोड़ रुपये वापस लौटा दिए हैं.

वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान केंद्र द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि शुरू करने के साथ कृषि मंत्रालय के तहत आने वाले इन दोनों विभागों का संयुक्त बजट उस वित्त वर्ष में 54,000 करोड़ रुपये (या केंद्र के 24.42 लाख करोड़ रुपये के कुल बजट का 2.3 प्रतिशत) से बढ़कर 2022-23 में 1.32 लाख करोड़ रुपये (या कुल 39.44 लाख करोड़ रुपये का 3.5 प्रतिशत) हो गया.

पिछले पांच वर्षों में इस योजना का वार्षिक आवंटन 20,000 करोड़ रुपये से 75,000 करोड़ रुपये के बीच रहा है.

हालांकि, शायद धन का उपयोग न होने के कारण सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान मंत्रालय के कुल आवंटन को 2022-23 में 1.32 लाख करोड़ रुपये से मामूली रूप से घटाकर 1.25 लाख करोड़ रुपये कर दिया है.

कृषि मंत्रालय द्वारा फंड लौटाने के मुद्दे को पीसी गद्दीगौदर की अध्यक्षता वाली कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण पर स्थायी समिति ने भी उजागर किया है और सरकार से फंड वापस लौटाने से बचने के लिए कहा है.

13 मार्च, 2023 को संसद के समक्ष प्रस्तुत कृषि और किसान कल्याण विभाग की अनुदान मांग (2023-24) पैनल रिपोर्ट में कहा गया है, ‘धन लौटाना मुख्य रूप से उत्तर-पूर्वी राज्यों, अनुसूचित जाति उप-योजना और जनजातीय क्षेत्र उप-योजना घटकों के तहत कम आवश्यकता के कारण है.’

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