यूपी सरकार सुनिश्चित करें कि मुख़्तार अंसारी को किसी अप्रत्याशित स्थिति से न गुज़रना पड़े: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश गैंगस्टर से नेता बने मुख़्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी द्वारा दायर याचिका के जवाब में दिए हैं. उमर ने उनके पिता को उत्तर प्रदेश के बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने की मांग करते हुए जेल परिसर के भीतर उनकी सुरक्षा का मुद्दा उठाया था. मुख़्तार अंसारी फ़िलहाल बांदा की एक जेल में हैं.

मुख़्तार अंसारी. (फोटो साभार: फेसबुक)

सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश गैंगस्टर से नेता बने मुख़्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी द्वारा दायर याचिका के जवाब में दिए हैं. उमर ने उनके पिता को उत्तर प्रदेश के बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने की मांग करते हुए जेल परिसर के भीतर उनकी सुरक्षा का मुद्दा उठाया था. मुख़्तार अंसारी फ़िलहाल बांदा की एक जेल में हैं.

मुख़्तार अंसारी. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कि राज्य की बांदा जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी किसी भी ‘अप्रत्याशित स्थिति’ में न पड़ें, उनकी सुरक्षा के लिए किए गए उपायों को जारी रखने का निर्देश दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष अदालत ने मुख्तार अंसारी के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था को दर्शाने वाले चार्ट को ध्यान से देखा और पाया कि वे ‘काफी मजबूत’ लगते हैं.

जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने जेल परिसर के भीतर भी अपने पिता की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए उन्हें यूपी के बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने की मांग की थी.

यूपी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने पीठ के समक्ष मुख्तार अंसारी के खिलाफ विभिन्न चरणों में लंबित मामलों की संख्या और सुरक्षा व्यवस्था का विवरण रखा. उन्होंने कहा कि उन मामलों का विवरण दिया गया है जो जांच के चरण में हैं और जिनकी सुनवाई चल रही है.

पीठ ने कहा, ‘वे (सुरक्षा व्यवस्था) काफी मजबूत दिखाई देते हैं. यह हमारी धारणा है.’

डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पीठ से मामले को जुलाई तक के लिए स्थगित करने को कहा.

अदालत ने कहा कि राज्य के वकील ने उसके ध्यान में कुछ उपाय लाए हैं और कहा है कि सभी सावधानियों के साथ भी चीजें घटित हो सकती हैं.

पीठ ने कहा, ‘फिलहाल, जो भी किया जा रहा है, उसे जारी रहने दें.’ पीठ ने मामले की अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे सप्ताह में तय की.

याचिकाकर्ता उमर अंसारी ने लाइव टेलीविजन पर पूर्व लोकसभा सांसद और दागी नेता अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद की हत्या का जिक्र करते हुए अपने पिता की सलामती को लेकर चिंता व्यक्त की है.

उनकी याचिका में कहा गया, ‘यह स्पष्ट है कि इन हिरासत में हत्याओं में एक उभरता हुआ पैटर्न है जहां राजनीतिक विपक्ष से जुड़े लोग मुख्य निशाना हैं.’

पीठ ने कहा, ‘हम उत्तर प्रदेश राज्य के अधिकारियों को सभी सुरक्षा उपाय जारी रखने का निर्देश देना उचित समझते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हिरासत में लिए गए मुख्तार अंसारी से किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में मुलाकात न हो.’

मालूम हो कि पिछले साल दिसबंर में जेल में बंद उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली राज्य सरकार बांदा जेल, जहां वह वर्तमान में बंद हैं, में उनकी हत्या करने की योजना बना रही है.