ईरान ने मंगलवार को पाकिस्तान में सुन्नी आतंकवादी समूह जैश अल-अदल के ठिकानों पर हमला करने की बात कही है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने हमले की पुष्टि करते हुए इसे अपने हवाई क्षेत्र का ‘अकारण उल्लंघन’ बताया है और ईरान से अपने राजदूत को वापस बुलाते हुए पाक में ईरानी राजदूत को निष्कासित कर दिया है.
नई दिल्ली: ईरान ने दावा किया है कि उसने मंगलवार को सीमा पार हमले में पाकिस्तान में सुन्नी आतंकवादी समूह जैश अल-अदल से संबंधित ठिकानों पर हमला किया.
रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना ईरान द्वारा पिछले कई दिनों में सीरिया और इराक पर इसी तरह के हमले शुरू करने के बाद हुई है.
मिसाइल हमले उस दिन हुए जब पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच के मौके पर ईरानी विदेश मंत्री एच. अमीरा-अब्दालोहियन से मुलाकात की.
در نخستین روز از سفر به سوئیس برای شرکت در اجلاس مجمع جهانی اقتصاد @wef در داووس با آقای انوار الحق، نخست وزیر پاکستان🇵🇰، آقای نجیب میقاتی، نخستوزیر لبنان🇱🇧، آقای اسپن بارت اید @EspenBarthEide وزیر امور خارجه نروژ🇳🇴 و آقای خوزه مانوئل آلبارز @jmalbares وزیر امور خارجه اسپانیا🇪🇸… pic.twitter.com/zYc3DCy8RV
— H.Amirabdollahian امیرعبداللهیان (@Amirabdolahian) January 16, 2024
ईरानी सरकार के मीडिया विभाग ने यह भी बताया है कि मंगलवार वह दिन था जब ईरानी और पाकिस्तानी नौसेनाओं ने होरमुज जलडमरूमध्य क्षेत्र में एक दिवसीय सैन्य अभ्यास आयोजित किया था.
इस बीच, इस्लामाबाद ने तेहरान से अपने राजदूत को वापस बुलाते हुए ईरानी राजदूत को निष्कासित करने की घोषणा की है.
Following Iran’s violation of Pakistani airspace, Islamabad announces to expel the Iranian ambassador while recalling its envoy from Tehran: Pakistan’s Geo News
— ANI (@ANI) January 17, 2024
पाकिस्तान पर ईरानी हमलों के बारे में हम क्या जानते हैं?
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के अनुसार, ईरान के सरकारी मीडिया ने पहले बताया था कि ऑपरेशन में ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन फिर जल्द ही उस रिपोर्ट को हटा दिया गया. तब से इसने हमले की खबर दोबारा प्रकाशित नहीं की है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने हमले की पुष्टि करते हुए इसे अपने हवाई क्षेत्र का ‘अकारण उल्लंघन’ बताया. उसने बताया कि इस घटना में दो बच्चों की मौत हो गई और तीन लोग घायल हुए.
विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, ‘पाकिस्तान की संप्रभुता का यह उल्लंघन पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.’
बयान में आगे कहा गया, ‘यह और भी चिंताजनक है कि यह अवैध कृत्य पाकिस्तान और ईरान के बीच संचार के कई माध्यमों के अस्तित्व में होने के बावजूद हुआ है. पाकिस्तान का कड़ा विरोध पहले ही तेहरान में ईरानी विदेश मंत्रालय के संबंधित वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष दर्ज कराया जा चुका है. इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान की संप्रभुता के इस घोर उल्लंघन की हमारे द्वारा कड़ी निंदा जताने और यह संदेश देने के लिए कि परिणामों की पूरी जिम्मेदारी ईरान की होगी, हमने ईरानी चार्ज डी-अफेयर्स को विदेश मंत्रालय बुलाया है.’
पाकिस्तान और ईरान के बीच तनाव क्यों है?
गाजा में संघर्ष के चलते पहले से ही बनी हुई तनावपूर्ण स्थिति के बीच यह घटना वैश्विक परिदृश्य में तनाव और भड़का सकती है, जो परमाणु-सशस्त्र पाकिस्तान और परमाणु-महत्वाकांक्षी ईरान के बीच संबंधों के लिए ठीक नहीं है.
दोनों लंबे समय से एक-दूसरे पर ऐहतियातन नजर रख रहे थे, और साथ ही साथ राजनयिक संबंध बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे.
हालांकि ईरान अतीत में सीमा पर जैश अल-अदल आतंकवादियों के साथ झड़पों में शामिल रहा था, लेकिन सीमा पार मिसाइल हमलों को अंजाम कभी नहीं दिया गया था.