यूपी चुनाव: छठे चरण में दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर, विकास का मुद्दा गायब

इस चरण में भाजपा के हिंदुत्ववादी नेता सांसद महंत आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर और माफिया-राजनेता मुख्तार अंसारी के क्षेत्र मऊ तथा केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र के संसदीय क्षेत्र देवरिया में चुनाव पर खास नजर रहेगी.

(फाइल फोटो: पीटीआई)

विधानसभा चुनाव के छठे चरण में भाजपा के हिंदुत्ववादी नेता सांसद महंत आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर, माफिया-राजनेता मुख़्तार अंसारी के क्षेत्र मऊ और केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र के संसदीय क्षेत्र देवरिया पर ख़ास नज़र रहेगी.

Muzaffarpur : Women voters wait in a queue to cast their votes during fourth phase of Bihar elections in Muzaffarpur on Sunday. PTI Photo (PTI11_1_2015_000133B)
प्रतीकात्मक तस्वीर (पीटीआई)

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के लोकसभा क्षेत्र आज़मगढ़ समेत पूर्वांचल के छह जिलों महराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, मऊ और बलिया जिलों की 49 सीटों पर चार मार्च को मतदान होगा. इस चरण में 77 लाख 84 हजार महिलाओं समेत करीब 1 करोड़ 72 लाख मतदाता कुल 635 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला कर सकेंगे. इसके लिए 17 हजार 926 मतदान केंद्र बनाये गए हैं.

2012 में इन सीटों में से सपा ने 27, बसपा ने नौ, भाजपा ने सात तथा कांग्रेस ने चार सीटें जीती थी, जबकि दो सीटें अन्य के खाते में गई थीं.

इस चरण में सबसे ज्यादा 23 उम्मीदवार गोरखपुर सीट पर मैदान में हैं, जबकि सबसे कम सात उम्मीदवार मऊ जिले की मोहम्मदाबाद गोहना सीट से किस्मत आज़मा रहे हैं.

विकास नहीं है मुद्दा

वैसे अगर देखा जाए तो पूर्वी उत्तर प्रदेश का यह इलाका पश्चिम की तुलना में ज्यादा पिछड़ा हुआ है. इलाके में इंसेफ्लाइटिस, पानी में आर्सेनिक की समस्या और बुनकरों से जुड़ी तमाम समस्याएं हैं लेकिन फिर भी चुनाव में यह मुद्दा नहीं है.

वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार त्रिपाठी कहते हैं,’ इस चुनाव में विकास कही भी मुद्दा नहीं है. रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, परिवारवाद, अपराध सब चुनाव में अपने ढंग से अपनी भूमिका निभा रहे हैं. सारे आदर्श हवा में हैं. सारे जरूरी मुद्दे गायब हैं.’

160 करोड़पति उम्मीदवार

छठे चरण के चुनाव में कुल 160 करोड़पति उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि 126 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं. यूपी इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में छठे चरण के चुनाव में खड़े 78 सियासी दलों के सभी 635 उम्मीदवारों के हलफ़नामों का विश्लेषण किया गया. इसके अनुसार 635 उम्मीदवारों में से 160 करोड़पति हैं.

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मुख़्तार अंसारी (फाइल फोटो: पीटीआई)

पार्टियों के हिसाब से देखें तो रिपोर्ट के मुताबिक बसपा के 49 उम्मीदवारों में से 35, भाजपा के 45 उम्मीदवारों में से 33, सपा के 40 उम्मीदवारों में से 28, कांग्रेस के 10 उम्मीदवारों में से छह, रालोद के 36 उम्मीदवारों में से आठ और 175 निर्दलीयों में से 23 ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है. इस चरण में उतरने वाले प्रत्येक उम्मीदवार के पास औसतन 1.59 करोड़ रुपये की संपत्ति है.

सर्वाधिक अमीर तीन उम्मीदवार बसपा से हैं. इनमें शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की कुल संपत्ति 118 करोड़ रुपये है. उनके बाद विनय शंकर हैं, जिनकी कुल संपत्ति लगभग 67 करोड़ रुपये है और तीसरे हैं एजाज़ अहमद, जिनकी संपत्ति लगभग 52 करोड़ रुपये है.

60 महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में

एडीआर के मुताबिक कुल उम्मीदवारों में से 126 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की जानकारी दी है. 109 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आपराधिक मामले हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 229 उम्मीदवारों ने पांचवीं और बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई की है.

338 उम्मीदवार स्नातक या इससे अधिक पढ़े-लिखे हैं. 38 ने खुद को साक्षर बताया है, जबकि तीन निरक्षर हैं. इस चरण में 60 महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतर रही हैं.

मुलायम, मुख़्तार, योगी, कलराज की प्रतिष्ठा दांव पर

सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र आजमगढ़ में विधानसभा की 10 सीटें हैं. वर्ष 2012 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में सपा ने इनमें से नौ सीटें जीती थीं. हालांकि मुलायम ने इस बार आजमगढ़ में एक भी रैली को संबोधित नहीं किया है.

छठे चरण में सांसद आदित्यनाथ के अलावा केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्र की प्रतिष्ठा भी दांव पर होगी.

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भाजपा नेता अादित्यनाथ (फाइल फोटो: पीटीआई)

छठे चरण में होने वाले चुनाव में प्रमुख उम्मीदवारों में बसपा छोड़कर भाजपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य (पडरौना), भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही (देवरिया), पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव के बेटे श्याम बहादुर यादव (फूलपुर पवई), सपा छोड़कर बसपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी (फेफना) और नारद राय (बलिया सदर) शामिल हैं.

इसके अलावा मऊ से बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी, उनके बेटे अब्बास अंसारी (घोसी) की क़िस्मत का फैसला भी इसी चरण में होगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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