राम मंदिर: बार काउंसिल ने सीजेआई से 22 जनवरी को सभी अदालतों को छुट्टी देने का आग्रह किया

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी, 2024 को होना है. यह कार्यक्रम देश भर के लाखों लोगों के लिए अत्यधिक धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है.

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का प्रस्तावित डिजाइन. (फोटो साभार: एक्स/@ShriRamTeerth)

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी, 2024 को होना है. यह कार्यक्रम देश भर के लाखों लोगों के लिए अत्यधिक धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है.

अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर. (फोटो साभार: X@ShriRamTeerth)

नई दिल्ली: बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने बीते बुधवार (17 जनवरी) को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर देश की सभी अदालतों में छुट्टी देने का अनुरोध किया है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने कहा, ‘मैं उचित विचार के लिए महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और सांस्कृतिक महत्व के मामले को आपके सम्मानित ध्यान में लाने के लिए लिख रहा हूं.’

पत्र में कहा गया है, ‘जैसा कि आप जानते हैं, अयोध्या में श्री राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी, 2024 को होना है. यह आयोजन देश भर के लाखों लोगों के लिए अत्यधिक धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, जो एक लंबे समय से प्रतीक्षित सपने के साकार होने और कानूनी कार्यवाही की परिणति का प्रतीक है जो देश की संरचना को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण रही है.’

आगे कहा गया है, ​‘14 और 22 जनवरी 2024 के बीच निर्धारित उद्घाटन समारोह में अनुष्ठानों और कार्यक्रमों का सात दिवसीय कार्यक्रम होना है. इस आयोजन के धार्मिक, सांस्कृतिक, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के आलोक में मैं विनम्रतापूर्वक आपके सम्मानित कार्यालय से अनुरोध करता हूं कि 22 जनवरी को पूरे भारत में सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालयों, जिला न्यायालयों और अन्य अदालतों में छुट्टी घोषित करने पर विचार करें.’

उन्होंने कहा, ‘यह अवकाश कानूनी बिरादरी के सदस्यों और अदालत के कर्मचारियों को अयोध्या और देश भर में अन्य संबंधित कार्यक्रमों में भाग लेने या देखने की अनुमति देगा.’

मनन कुमार मिश्रा ने कहा, ‘मैं न्याय प्रणाली के निरंतर कामकाज को सुनिश्चित करने के महत्व को समझता हूं और इसलिए मैं प्रस्ताव करता हूं कि तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता वाले मामलों को विशेष व्यवस्था के माध्यम से समायोजित किया जा सकता है या अगर आवश्यक हो, तो अगले कार्य दिवस के लिए पुनर्निर्धारित किया जा सकता है.’

उन्होंने कहा, ‘मैं प्रार्थना करता हूं कि आप इस अनुरोध पर अत्यंत सहानुभूति के साथ विचार करेंगे और इस ऐतिहासिक अवसर को लोगों की भावनाओं के अनुरूप मनाने के लिए उचित कदम उठाएंगे.’