राम मंदिर समारोह के बीच योगी द्वारा गोरखनाथ मठ की समावेशी विरासत के अंत पर बात होनी चाहिए: लालू

अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर चौतरफा माहौल के बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि ऐसे समय में जब आस्था और राजनीति के बीच की रेखाएं पहले से कहीं अधिक धुंधली हो गई हैं, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि कैसे योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मठ की ‘समावेशिता की विरासत’ को ख़त्म कर दिया.

लालू प्रसाद यावद. (फोटो साभार: फेसबुक)

अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर चौतरफा माहौल के बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि ऐसे समय में जब आस्था और राजनीति के बीच की रेखाएं पहले से कहीं अधिक धुंधली हो गई हैं, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि कैसे योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मठ की ‘समावेशिता की विरासत’ को ख़त्म कर दिया.

लालू प्रसाद यावद. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अयोध्या के राम मंदिर उद्घाटन समारोह को लेकर चारों ओर बने माहौल पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में उस समय को याद किया कि कैसे गोरखनाथ मंदिर की समन्वयवादी परंपरा तब उलट गई थी, जब उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री और हिंदुत्ववादी नेता योगी आदित्यनाथ जैसे लोग इसके प्रमुख बने थे.

लालू यादव ने इससे पहले बुधवार (17 जनवरी) को पत्रकारों से बात करते हुए पुष्टि की थी कि वह अयोध्या के समारोह में शामिल नहीं होंगे.

अपने जीवनी लेखक और वरिष्ठ पत्रकार नलिन वर्मा के साथ मिलकर इंडियन एक्सप्रेस के लिए लिखे एक लेख में उन्होंने कहा कि ‘ऐसे समय में जब आस्था और राजनीति के बीच की रेखाएं पहले से कहीं अधिक धुंधली हो गई हैं’, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि कैसे आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मठ की ‘समावेशिता की विरासत’ को खत्म कर दिया.

लेख में कहा गया है, ‘यह एक विरोधाभास है कि एक नेता जो गोरखनाथ का अनुयायी होने का दावा करता है वह ऐसी राजनीति करता है, जो समावेशिता की उनकी विरासत को कमजोर करती है.’

लेख में 11वीं शताब्दी के गोरखनाथ संप्रदाय की समन्यवादी प्रथाओं का वर्णन किया गया है.

लालू यादव ने लिखा है, ‘महान गोरखनाथ के अनुयायी हिंदुओं और मुसलमानों दोनों के बीच थे. (गोरखपुर में) 52 एकड़ भूमि में फैले (गोरखनाथ) मंदिर के वर्तमान स्वरूप का श्रेय महंत बुद्धनाथ (1708-1723) को जाता है. ऐतिहासिक वृत्तांतों से पता चलता है कि अवध के नवाब आसफ-उद-दौला ने 18वीं शताब्दी में एक फकीर और गोरखनाथ के भक्त बाबा रोशन अली को जमीन दान में दी थी.’

उन्होंने आगे लिखा है, ‘इसने मंदिर के जीर्णोद्धार में मदद की और इसकी महिमा और वैभव में वृद्धि हुई. मंदिर के सामने रोशन अली का मकबरा गोरखपुर की पहचान है.’

उन्होंने कहा कि गोरखनाथ संप्रदाय का राजनीतिकरण 1937 में शुरू हुआ, जब दिग्विजयनाथ इसके महंत बने, जो बाद में महात्मा गांधी हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए थे. दिग्विजयनाथ चुनावी राजनीति में प्रवेश करने वाले संप्रदाय के पहले प्रमुख भी थे, जब उन्होंने 1967 में हिंदू महासभा के टिकट पर गोरखपुर सीट से चुनाव लड़ा था.

उन्होंने लिखा है, ‘दिग्विजयनाथ के उत्तराधिकारियों, अवैद्यनाथ और आदित्यनाथ, ने खुद को गोरखपुर क्षेत्र में उग्र हिंदुत्व के प्रतीक के रूप में तैयार किया. अवैद्यनाथ ने लखनऊ विधानसभा (सीट) और लोकसभा में कई बार गोरखपुर का प्रतिनिधित्व किया. वर्तमान महंत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने भी पांच बार (1998-2014) लोकसभा में गोरखपुर का प्रतिनिधित्व किया.’

लेख में कहा गया है कि मंदिर के राजनीतिकरण ने कई प्रेम कहानियों, जैसे कि प्रसिद्ध हीर-रांझा (दोनों मुस्लिम), सोरठी-बृजभार और यहां तक कि कबीर, नानक, रैदास, दादू और मीरा के भजनों को भी.

लेख में आगे कहा गया है, ‘नाथ संप्रदाय ब्राह्मणों के वर्चस्व को स्वीकार नहीं करता था. संप्रदाय के अनुयायी अपने गुरु अपने समुदायों – बुनकर, रंगरेज, चरवाहे और किसान – से ही बनाते थे. गुरु और शिष्य भिक्षा के लिए साथ घूमते थे.’

लालू लिखते हैं, ‘(प्रख्यात हिंदी लेखक हजारी प्रसाद) द्विवेदी कहते हैं कि हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों में समाज के निचले तबके के लोग – जिन्हें पुरोहित वर्ग द्वारा नीची दृष्टि से देखा जाता था – उत्तर के साथ-साथ विंध्य के दक्षिण में भी (गोरखनाथ संप्रदाय के) योगी बन गए.’

उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं इन कहानियों को लेकर बहुत भावुक हूं. जब मैं 1990 में बिहार का मुख्यमंत्री बना, तो मैंने लोक गीतकारों से परफॉर्म करवाया. जब भी मुझे समय मिलता है मैं उनसे परफॉर्म करवाता हूं.’

वह आगे लिखते हैं, ‘ओशो अपनी एक रिकॉर्डिंग में बताते हैं कि एक बार हिंदी कवि सुमित्रानंदन पंत ने उनसे भारत की 12 प्रमुख धार्मिक हस्तियों को चुनने के लिए कहा था. ओशो ने कृष्ण, पतंजलि, गौतम बुद्ध, महावीर, नागार्जुन, शंकर, गोरखनाथ, कबीर, नानक, मीरा और राम कृष्ण का नाम लिया था. इसके बाद पंत ने उनसे सूची को घटाकर सात, पांच और फिर चार करने को कहा. ओशो ने कृष्ण, पतंजलि, बुद्ध और गोरखनाथ का नाम लिया. जब पंत ने उनसे सूची को और छोटा करके केवल तीन करने के लिए कहा, तो ओशो ने इनकार कर दिया था. पंत ने पूछा, वे गोरखनाथ को क्यों नहीं छोड़ सकते? ओशो ने उत्तर दिया, मैं उन्हें नहीं छोड़ सकता क्योंकि गोरखनाथ ने एक नया मार्ग खोला और एक नए धर्म को जन्म दिया. उसके बिना, कोई कबीर या नानक नहीं होता. न कोई दादू होता और न ही वाजिद, फरीद और मीरा.’

वे लिखते हैं, ‘भारत की संपूर्ण भक्ति और सूफी परंपरा गोरखनाथ की ऋणी है. अंतरात्मा की खोज की ओर ले जाने वाली उनकी शिक्षाओं में कोई भी उनकी बराबरी नहीं कर सकता.’

बता दें कि जब लालू यादव मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने 23 अक्टूबर 1990 को भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में बिहार से गुजरने वाली रथ यात्रा को रोक दिया था और उनको गिरफ्तार कर लिया था.

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

 

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games pkv games bandarqq dominoqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq https://sayalab.com.mx/lab/pkv-games/ https://sayalab.com.mx/lab/dominoqq/ https://sayalab.com.mx/lab/bandarqq/ https://blog.penatrilha.com.br/penatri/pkv-games/ https://blog.penatrilha.com.br/penatri/bandarqq/ https://blog.penatrilha.com.br/penatri/dominoqq/ http://dierenartsgeerens-mechelen.be/fileman/Uploads/logs/bocoran-admin-jarwo/ https://www.bumiwisata-indonesia.com/site/bocoran-admin-jarwo/ http://dierenartsgeerens-mechelen.be/fileman/Uploads/logs/depo-25-bonus-25/ http://dierenartsgeerens-mechelen.be/fileman/Uploads/logs/depo-50-bonus-50/ https://www.bumiwisata-indonesia.com/site/slot77/ https://www.bumiwisata-indonesia.com/site/kakek-merah-slot/ https://kis.kemas.gov.my/kemas/kakek-merah-slot/