टरमैक पर यात्रियों के खाना खाने को लेकर इंडिगो और मुंबई एयरपोर्ट पर 1.80 करोड़ रुपये का जुर्माना

सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में मुंबई एयरपोर्ट पर इंडिगो की एक फ्लाइट के पास टरमैक पर यात्री खाना खाते नज़र आ रहे थे. इसे लेकर ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी और डीजीसीए ने इंडिगो पर 1.20 करोड़ रुपये और मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड पर कुल 90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

इंडिगो फ्लाइट के पास बैठे यात्री. (स्क्रीन ग्रैब साभार: ट्विटर)

सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में मुंबई एयरपोर्ट पर इंडिगो की एक फ्लाइट के पास टरमैक पर यात्री खाना खाते नज़र आ रहे थे. इसे लेकर ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी और डीजीसीए ने इंडिगो पर 1.20 करोड़ रुपये और मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड पर कुल 90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

इंडिगो फ्लाइट के पास बैठे यात्री. (स्क्रीन ग्रैब साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: विमानन सुरक्षा नियामक ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) ने मुंबई हवाई अड्डे पर एक विमान के पास यात्रियों द्वारा टरमैक (हवाई पट्टी) पर खाना खाने की हालिया घटना को लेकर इंडिगो और मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) पर कुल 1.80 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बुधवार को इंडिगो पर विभिन्न उल्लंघनों के लिए कुल 1.20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया, वहीं मुंबई हवाई अड्डे के संचालक एमआईएएल पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा, विमानन सुरक्षा निगरानी संस्था- नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने उक्त घटना में सुरक्षा संबंधी उल्लंघनों के लिए एमआईएएल पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

यात्रियों के टरमैक पर बैठकर खाना खाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद मंगलवार को बीसीएएस ने एयरलाइन और एमआईएएल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

बताया गया है कि यह घटना रविवार को इंडिगो की गोवा-दिल्ली फ्लाइट से जुड़ी है, जिसे दिल्ली हवाई अड्डे पर कोहरे से संबंधित व्यवधान के कारण मुंबई की ओर मोड़ दिया गया था. विमान लैंड होने पर यात्रियों को कथित तौर पर टरमैक पर उतरने की इजाज़त दी गई और उन्हें नाश्ता भी परोसा गया, जो नियमों का उल्लंघन है.

दोनों विमानन नियामकों के अनुसार, इंडिगो ने सुरक्षा जांच की प्रक्रिया का पालन किए बिना यात्रियों को डायवर्ट की गई फ्लाइट- 6E 2195 – से एप्रन (वो जगह जहां विमान पार्क किए जाते हैं) पर उतरने और फिर उन्हें दूसरी फ्लाइट- 6E 2091- पर चढ़ने की अनुमति दी, जो नियमों का उल्लंघन है.

अख़बार के अनुसार, सोमवार को सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनके मंत्रालय के अधिकारियों के साथ देर रात एक बैठक बुलाई थी, जिसके बाद मंगलवार अलसुबह एयरलाइन और एमआईएएल को नोटिस जारी किए गए. इंडिगो और एमआईएएल द्वारा दाखिल जवाब के आधार पर बीसीएएस और डीजीसीए ने भारी जुर्माना लगाने का फैसला किया.

बताया गया है कि इंडिगो और एमआईएएल द्वारा दी गई दलीलों के अलावा बीसीएएस ने जुर्माने पर फैसला लेने से पहले सिक्योरिटी कैमरा के फुटेज सहित घटना से संबंधित अन्य सबूतों की भी जांच की थी.

इंडिगो के खिलाफ जारी पेनाल्टीआदेश के अनुसार, विमानन सुरक्षा नियामक ने पाया कि एयरलाइन बीसीएएस को घटना की रिपोर्ट करने में विफल रही, यात्रियों को दूसरी फ्लाइट में बैठाने से पहले उनके केबिन लगेज की सुरक्षा जांच सुनिश्चित नहीं की गई, जरूरी संख्या में सुरक्षा कर्मचारियों को तैनात नहीं किया गया और जिम्मेदार और कुशल तरीके से स्थिति को नहीं संभाला गया.

एमआईएएल संबंधित पेनाल्टी आदेश में कहा गया है कि उन्होंने घटना की रिपोर्टनहीं दी, एप्रन और रनवे की निगरानी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की, जहां सुरक्षा कैमरे निष्क्रिय थे और एयरपोर्ट सिक्योरिटी व्यवस्था द्वारा सुनिश्चित तरीके नहीं अपनाए गए. बीसीएएस ने यह भी कहा कि एमआईएएल ने यात्रियों वाले टरमैक क्षेत्र को घेरने के लिए ‘सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती के बारे में गलत बयान दिया.’

बीसीएएस ने कहा कि इंडिगो और एमआईएएल दोनों ही स्थिति का अनुमान लगाने और हवाई अड्डे पर यात्रियों के लिए उचित सुविधा व्यवस्था करने में सक्रिय नहीं थे. डीजीसीए ने कहा कि उसने एमआईएएल को सुरक्षा नियमों का उल्लंघन पाया क्योंकि यात्री काफी समय तक सक्रिय एप्रन पर थे. सुरक्षा नियमों के अनुसार, यात्रियों को किसी सक्रिय एप्रन पर चलने की अनुमति नहीं है.

रोस्टरिंग चूक के लिए एयर इंडिया, स्पाइसजेट पर भी लगा जुर्माना

डीजीसीए ने कम दृश्यता (low visibility ) की स्थिति में फ्लाइट संचालन के लिए पायलटों की रोस्टरिंग के निर्देशों का पालन न करने के लिए एयर इंडिया और स्पाइसजेट पर 30-30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. डीजीसीए ने दिसंबर के अंत में दिल्ली की कुछ फ्लाइटों के लिए कम दृश्यता की स्थिति में काम करने के लिए प्रशिक्षित पायलटों को तैनात न करने के लिए दोनों एयरलाइंस को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. दिसंबर के आखिरी हफ्ते में दिल्ली एयरपोर्ट पर घने कोहरे के कारण कई फ्लाइटों को दूसरे एयरपोर्ट पर डायवर्ट करना पड़ा था.