​‘अयोध्या राम मंदिर प्रसाद​’ के भ्रामक दावों के साथ मिठाइयों की बिक्री पर अमेज़ॉन को नोटिस

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने अमेज़ॉन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू कर दी है. नोटिस अमेज़ॉन वेबसाइट पर ​‘श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद​’ नाम से मिठाई की बिक्री को लेकर जारी किया गया है. अमेजॉन ने कहा है कि हम इस उल्लंघन की जांच कर रहे हैं.

(फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमंस)

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने अमेज़ॉन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू कर दी है. नोटिस अमेज़ॉन वेबसाइट पर ​‘श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद​’ नाम से मिठाई की बिक्री को लेकर जारी किया गया है. अमेजॉन ने कहा है कि हम इस उल्लंघन की जांच कर रहे हैं.

(फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमंस)

नई दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने अयोध्या के राम मंदिर का प्रसाद बताकर ​‘भ्रामक दावों’ के साथ हो रही मिठाइयों की बिक्री पर ई-कॉमर्स कंपनी अमेजॉन को नोटिस जारी किया है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार सीसीपीए – जिसके प्रमुख मुख्य आयुक्त रोहित कुमार सिंह हैं – ने अमेजॉन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. नोटिस www.amazon.in पर ​‘श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद​’ नाम से मिठाई की बिक्री को लेकर जारी किया गया है.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ​‘कार्रवाई कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के एक प्रतिवेदन के आधार पर शुरू की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अमेजॉन ​‘श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद​’ की आड़ में मिठाइयों की बिक्री से जुड़ी भ्रामक व्यापार प्रथाओं में संलग्न है.​’

आगे कहा गया है, ​‘सीसीपीए ने नोटिस जारी होने के सात दिनों के भीतर अमेजॉन से जवाब मांगा है, ऐसा न करने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाएगी.​’

इसके अनुसार, ​‘प्रतिवेदन की जांच के अनुसार, यह देखा गया है कि विभिन्न मिठाइयां या खाद्य उत्पाद अमेजॉन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (www.amazon.in) पर बिक्री के लिए उपलब्ध हैं, जो ​‘श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद​’ होने का दावा करते हैं. ऑनलाइन गलत प्रस्तुतियों के साथ खाद्य उत्पादों की बिक्री को सक्षम करना उपभोक्ताओं को उनके वास्तविक गुणों के बारे में गुमराह करता है. ऐसी प्रथाएं उपभोक्ताओं को उत्पाद खरीदने के लिए गलत तरीके से प्रभावित करती हैं, अगर सही गुणों का उल्लेख किया गया होता, तो शायद वे न खरीदते.​’

मंत्रालय ने बयान में कहा, ​‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 2(28) के तहत परिभाषित ​‘भ्रामक विज्ञापन​’ वह है, जो ऐसे उत्पाद या सेवा का गलत वर्णन करता है, या झूठी गारंटी देता है, या किसी उत्पाद या सेवा की प्रकृति, पदार्थ, मात्रा या गुणवत्ता के बारे में उपभोक्ताओं को गुमराह करने की संभावना रखता है.​​’

घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमेजॉन ने एक बयान के माध्यम से सूचित किया, ​‘हमें कुछ विक्रेताओं द्वारा उत्पाद के भ्रामक दावों के संबंध में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) से एक संचार प्राप्त हुआ है और हम उल्लंघन की जांच कर रहे हैं. हम अपनी नीतियों के अनुसार ऐसी लिस्टिंग के खिलाफ उचित कार्रवाई कर रहे हैं.​’