जन्मतिथि के प्रमाण के तौर पर अब आधार कार्ड स्वीकार्य नहीं: ईपीएफओ

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने एक सर्कुलर में कहा है कि आधार मुख्य रूप से एक पहचान सत्यापित करने का तरीका है, न कि जन्म के प्रमाण का.

(इलस्ट्रेशन: द वायर)

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने एक सर्कुलर में कहा है कि आधार मुख्य रूप से एक पहचान सत्यापित करने का तरीका है, न कि जन्म के प्रमाण का.

(इलस्ट्रेशन: द वायर)

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने मंगलवार (16 जनवरी) को घोषणा की है कि वह अब आधार कार्ड को जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं करेगा.

रिपोर्ट के मुताबिक, यह निर्णय केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (सीपीएफसी) की मंजूरी से लिया गया है. बताया गया है कि ईपीएफओ द्वारा निम्नलिखित दस्तावेजों को जन्मतिथि का वैध प्रमाण माना जाएगा:

किसी मान्यता प्राप्त सरकारी बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी मार्कशीट
नाम और जन्मतिथि के साथ स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र (एसएलसी)/स्कूल स्थानांतरण प्रमाणपत्र (टीसी)/एसएससी प्रमाणपत्र
सेवा रिकॉर्ड के आधार पर प्रमाणपत्र
पैन कार्ड
केंद्रीय/राज्य पेंशन भुगतान आदेश
सरकार द्वारा जारी किया गया निवास प्रमाण पत्र
पासपोर्ट
सरकारी पेंशन
सिविल सर्जन द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्र

ईपीएफओ ने एक सर्कुलर में कहा है कि आधार मुख्य रूप से एक पहचान सत्यापन का तरीका है, न कि जन्म के प्रमाण का.

ईपीएफओ ने कहा, ‘इस संबंध में यूआईडीएआई से एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें कहा गया है कि जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में आधार के उपयोग को स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची से हटाने की जरूरत है. तदनुसार, जन्मतिथि में सुधार के लिए आधार को स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची- जैसा कि संदर्भ के तहत जेडी एसओपी के अनुलग्नक -1 की तालिका-बी में उल्लिखित है, से हटाया जा रहा है.’

यह कदम भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के निर्देश के बाद अधिसूचित किया गया था.