अयोध्या में भाजपा नेताओं की कंपनी ने पर्यावरण संवेदनशील ज़मीन अडानी समूह को बेची: रिपोर्ट

एक समाचार रिपोर्ट बताती है कि अक्टूबर-दिसंबर 2023 के बीच टाइम सिटी मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी नामक एक कंपनी ने सरयू नदी के पास 1.13 करोड़ रुपये में ज़मीन का एक टुकड़ा ख़रीदा, जिसे कुछ हफ्तों बाद अडानी समूह को तीन गुना से भी अधिक कीमत पर बेच दिया गया. टाइम सिटी समूह एक पूर्व भाजपा विधायक का है.

गौतम अडानी. (फोटो साभार: फेसबुक/Adani Group)

एक समाचार रिपोर्ट बताती है कि अक्टूबर-दिसंबर 2023 के बीच टाइम सिटी मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी नामक एक कंपनी ने सरयू नदी के पास 1.13 करोड़ रुपये में ज़मीन का एक टुकड़ा ख़रीदा, जिसे कुछ हफ्तों बाद अडानी समूह को तीन गुना से भी अधिक कीमत पर बेच दिया गया. टाइम सिटी समूह एक पूर्व भाजपा विधायक का है.

गौतम अडानी. (फोटो साभार: फेसबुक/Adani Group)

मुंबई: अयोध्या में राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह से कुछ ही दिन पहले समाचार वेबसाइट स्क्रॉल डॉट इन ने अपनी विस्तृत जांच में स्थानीय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं और अडानी समूह के बीच भूमि सौदे के बारे में पता लगाया है.

स्क्रॉल के संवाददाता आयुष तिवारी की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर और दिसंबर 2023 के बीच टाइम सिटी मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी नामक एक फर्म ने सरयू नदी के पास 1.13 करोड़ रुपये में जमीन का एक छोटा टुकड़ा खरीदा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि हफ्तों बाद जमीन अडानी समूह को तीन गुना से भी अधिक कीमत पर 3.57 करोड़ रुपये में बेची गई.

टाइम सिटी सहारा समूह के पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट चंद्र प्रकाश शुक्ला द्वारा स्थापित टाइम सिटी समूह का एक हिस्सा है. शुक्ला भाजपा में शामिल हो गए थे और 2017 से 2022 के बीच कप्तानगंज से विधायक थे. यह समूह शुक्ला के पूर्व व्यावसायिक सहयोगी पंकज पाठक द्वारा चलाया जाता है, जो भाजपा सदस्य हैं. जिनके बारे में स्क्रॉल की रिपोर्ट कहती है कि ‘उनके भाजपा की राज्य इकाई में कई दोस्त है.’

इस सौदे में किसानों ने ही औने-पौने दाम में जमीन बेच दी. भूमि सौदा कई पारिस्थितिकी संबंधी प्रश्न भी उठाता है.

अक्टूबर 2023 में टाइम सिटी ने माझा जमथरा में एक हेक्टेयर जमीन खरीदी. वह जमीन घनसीरा यादव और कबूतरा देवी यादव के परिवार की थी.

माझा जमथरा में जो जमीन अडानी समूह को बेची गई थी, वह सरयू के पास पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील आर्द्रभूमि का हिस्सा है, जो सारस क्रेन, ग्रे हेरोन और भारतीय लोमड़ी का निवास स्थान है. दिसंबर 2022 से सरकार ने इस क्षेत्र में किसी भी नए निर्माण पर रोक लगा दी है.

माझा जमथरा फैजाबाद, अयोध्या और सरयू नदी के बीच एक विशाल, गैर आबादी वाला क्षेत्र है – उस स्थान से करीब 5 किलोमीटर दूर जहां कभी बाबरी मस्जिद थी और अब राम मंदिर बन रहा है.

स्क्रॉल के सवालों के जवाब में अडानी समूह के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘(इसकी सहायक कंपनियों में से एक द्वारा) किया गया लेन-देन पूरी तरह से कानूनी है और सभी कानूनों और विनियमों के अनुसार किया गया है. कंपनी ने मौजूदा सर्किल रेट पर जमीन खरीदी है.’

स्क्रॉल की जांच में आगे पाया गया कि फरवरी 2021 में यादव परिवार ने विरासत में मिली 0.56 हेक्टेयर जमीन दो लेन-देन में 33.53 लाख रुपये में कानपुर निवासी सुधा दीक्षित को बेच दी. यह राशि जमीन के सर्किल रेट (न्यूनतम) मूल्य से काफी कम है, रिपोर्ट का दावा है कि तब यह 77.46 लाख रुपये की थी.

स्क्रॉल के खुलासे में कहा गया है कि इन दोनों लेन-देन में एक कॉमन गवाह सूर्यभान सिंह थे, जो टाइम सिटी के कानूनी सलाहकार हैं.

दो साल बाद इस संपत्ति को दीक्षित ने टाइम सिटी को दो विक्रय-पत्रों – यानी दो अलग-अलग लेन-देन में 40 लाख रुपये में बेच दी. दोनों विक्रय-पत्रों में गवाह जयभान सिंह और अविनाश सिंह थे.

पिछले साल नवंबर में यादव परिवार ने 0.44 हेक्टेयर का एक और भूखंड सीधे टाइम सिटी को 33 लाख रुपये में बेच दी. इस बार भी सौदा सर्किल कीमत से काफी कम पर हुआ और सौदे के गवाह अविनाश सिंह और सीताराम यादव थे.

इन तीन लेन-देन में लगभग सभी गवाह स्थानीय भाजपा नेताओं से जुड़े हुए हैं.

सूर्यभान और जयभान भाजपा कार्यकर्ता और अयोध्या जिला पंचायत के सदस्य चंद्रभान सिंह के भाई हैं. अविनाश चंद्रभान के बेटे हैं. सीताराम यादव फैजाबाद के अमानीगंज से भाजपा नगर निगम पार्षद सुमन यादव के ससुर हैं.

लेन-देन के साथ-साथ, दूसरा पहलू जो जांच के दायरे में आया है, वह पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में एक निजी खरीददार को भूमि की बिक्री की वैधता है.

स्क्रॉल की रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा गठित 2019 की समिति पर प्रकाश डालती है, जिसने पाया था कि माझा जमथरा आर्द्रक्षेत्र के आसपास का क्षेत्र राज्य सरकार का है.

एनजीटी की ठोस अपशिष्ट प्रबंधन निगरानी समिति को सबसे पहले मई 2019 में अयोध्या के एक पुजारी द्वारा माझा जमथरा में जल प्रदूषण के बारे में सचेत किया गया था.

समिति की अंतरिम रिपोर्ट में संलग्न भूमि रिकॉर्ड से पता चलता है कि माझा जमथरा में अडानी समूह द्वारा खरीदी गई भूमि का एक बड़ा हिस्सा इस जलमग्न क्षेत्र के अंतर्गत आता है.

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.