राम मंदिर समारोह: अस्पतालों में छुट्टी से लेकर मांस दुकानें बंद रखने समेत कई सरकारी आदेश जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और भाजपा शासित राज्यों ने राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन यानी 22 जनवरी को लेकर विभिन्न सरकारी आदेश जारी किए हैं, जिनमें सरकारी छुट्टी से लेकर निर्बाध बिजली आपूर्ति और बाज़ार बंदी जैसे फ़रमान शामिल हैं. इस बीच एम्स दिल्ली ने दोपहर तक ओपीडी सेवाएं बंद रखने का फैसला वापस ले लिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मंदिर में. (फोटो साभार: X/@narendramodi)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और भाजपा शासित राज्यों ने राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन यानी 22 जनवरी को लेकर विभिन्न सरकारी आदेश जारी किए हैं, जिनमें सरकारी छुट्टी से लेकर निर्बाध बिजली आपूर्ति और बाज़ार बंदी जैसे फ़रमान शामिल हैं. इस बीच एम्स दिल्ली ने दोपहर तक ओपीडी सेवाएं बंद रखने का फैसला वापस ले लिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मंदिर में. (फोटो साभार: X/@narendramodi)

नई दिल्ली: 22 जनवरी को अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा राजनीतिकरण किया जा रहा है, यह सभी को पता है.

लेकिन जिस हद तक सरकारों ने – इस तथ्य के बावजूद कि वे विभिन्न धर्मों और संप्रदायों में फैली आबादी द्वारा चुनी गई हैं – आधिकारिक अधिसूचनाएं, आदेश और निर्देश जारी करना अपना काम बना लिया है, उससे इस तथ्य पर कोई भ्रम नहीं बचा है कि सोमवार (22 जनवरी) को होने वाले समारोह को राष्ट्रीय समारोह के रूप में देखा जाना चाहिए.

जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश केंद्र सरकार को मंदिर का निर्माण करने के लिए ट्रस्ट स्थापित करने का निर्देश देता है, लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों ने आधिकारिक आदेश जारी करके माहौल को हो-हल्ले वाला बना दिया है.

पेश है 22 जनवरी के दिन के लिए सभी सरकारी कार्रवाइयों की एक सूची – जिनमें वह कार्रवाई भी शामिल हैं, जिनका असर करदाताओं के स्वास्थ्य और धन पर पड़ना है.

अस्पतालों को मिलेगी आधे दिन की छुट्टी

द वायर ने अनुमान लगाया है कि एक फैसले से अकेले दिल्ली के केवल चार अस्पतालों में बाह्य-रोगी विभाग (ओपीडी) में इलाज के लिए आने वाले करीब 32,000 मरीज प्रभावित होंगे.

केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी अस्पतालों ने 20 जनवरी शाम को अधिसूचना जारी कर कहा कि ये अस्पताल अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के कारण 22 जनवरी को दोपहर 2:30 बजे तक बंद रहेंगे. हालांकि, विरोध के बाद एम्स ने इस फैसले को रद्द कर दिया है और कहा है कि यह खुला रहेगा.

कई मरीज देश के कोने-कोने और विदेश से विशेषज्ञ परामर्श के लिए केंद्रीय अस्पतालों में जाते हैं और लंबे इंतजार के बाद उन्हें ओपीडी में दिखाने के लिए एक तिथि मिलती है.

दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा संचालित अन्य सभी अस्पतालों – राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग अस्पताल – ने कुछ शर्तों के साथ इसी तरह की छुट्टी की अधिसूचनाएं जारी की थीं.

उनकी अधिसूचना का मतलब था कि ओपीडी सेवाएं प्रभावित होंगी, हालांकि आंशिक रूप से; निदान सेवाएं भी वैसी ही होंगी. इन अस्पतालों में सभी नियोजित सर्जरी भी रोक दी गई थीं. 21 जनवरी को दोपहर 12:20 बजे इस लेख को अपडेट करने तक इन अस्पतालों की अधिसूचना में कोई संशोधन नहीं हुआ है.

सभी अधिसूचनाओं से यह स्पष्ट था कि सोमवार (22 जनवरी) के लिए नियोजित सर्जरी नहीं की जाएंगी. एम्स, सफदरजंग अस्पताल और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अनुमानित 1,200 सर्जरी में देरी होगी. जहां एम्स में अब सर्जरी होंगी, वहीं अन्य तीन अस्पतालों की ओर से अधिसूचना में कोई संशोधन नहीं किया गया है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष शरद अग्रवाल ने कहा कि संगठन इस फैसले का न तो समर्थन करता है और न ही विरोध करता है.

द वायर से बातचीत में उन्होंने कहा, ​‘हम क्या कह सकते हैं. यह एक सरकारी नीति है. यह बहुत पवित्र दिन है. पूरा देश खुश है कि राम मंदिर बन गया है. मुझे नहीं लगता कि लोगों को ज्यादा परेशानी होगी. मैं इसके लिए प्रार्थना करता हूं और निजी अस्पताल की सेवाएं भी ली जा सकती हैं.​’

सरकारी कर्मचारियों के लिए आधे दिन की छुट्टी

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने समाचार संस्थानों को बताया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को राम मंदिर समारोह का सीधा प्रसारण देखने के लिए 22 जनवरी को आधे दिन की छुट्टी मिलेगी. सरकार ने एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की है और कर्मचारियों को दोपहर 2:30 बजे से पहले लॉग इन करने की आवश्यकता नहीं होगी.

वाम दलों ने कहा है कि यह कदम असंवैधानिक है.

कुछ राज्यों में पूरे दिन की छुट्टी

भारतीय जनता पार्टी शासित कुछ राज्यों ने घोषणा की है कि 22 जनवरी को पूरे दिन की छुट्टी रहेगी और सभी सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज भी उस दिन बंद रहेंगे.

उत्तर प्रदेश, गोवा, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और असम ने ऐसे आदेश जारी किए हैं. केंद्र सरकार के सीधे नियंत्रण वाले केंद्र शासित प्रदेशों पुदुचेरी और चंडीगढ़ के प्रशासन ने भी इसी तरह के आदेश दिए हैं.

इस बीच, नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल ने भी छुट्टी दे दी है.

मुद्रा और शेयर बाज़ार बंद रहेंगे

भारतीय रिजर्व बैंक ने घोषणा की है कि 22 जनवरी को मुद्रा बाजार बंद रहेंगे. मिंट की एक रिपोर्ट में आरबीआई के हवाले से कहा गया है कि उस दिन सरकारी प्रतिभूतियों (प्राथमिक और माध्यमिक), विदेशी मुद्रा, मुद्रा बाजार आदि में कोई लेनदेन और निपटान नहीं होगा.

साथ ही, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भी सोमवार को बंद रहेंगे.

मंदिरों में स्वच्छता अभियान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी के समारोह से पहले स्वच्छता अभियान की शुरुआत की है. यह स्वाभाविक रूप से एक महान अवधारणा है – सिवाय इसके कि मोदी की अपनी शर्तानुसार, यह देश भर के मंदिरों में होगा.

‘स्वच्छ तीर्थ’ बैनर के तहत मोदी के आधिकारिक चैनलों पर अपलोड किए गए एक मिनट लंबे वीडियो में उन्हें महाराष्ट्र के नासिक में कालाराम मंदिर में सफाई गतिविधियों में व्यस्त दिखाया गया है.

केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा के मुख्यमंत्रियों ने भी इसका अनुसरण किया है और इसी तरह के अभियान में भाग लिया है, और पूरे भारत से मंदिरों के सामने सफाई करते हुए अपनी तस्वीरें अपलोड की हैं.

बृहन्मुंबई नगर निगम – जो दुनिया के सबसे अमीर नगर निकायों में से एक है – ने भी लोगों से मंदिर परिसर की सफाई के इसी तरह के अभियान में भाग लेने के लिए कहा है. 10 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक कचरे के साथ मुंबई हाल ही में दुनिया के 10 सबसे गंदे बड़े शहरों में शामिल हो गया है.

मांसाहार की दुकानें बंद

राजस्थान की भाजपा सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है कि 22 जनवरी को राज्य भर में मांस और चिकन की दुकानें बंद रहेंगी.

हिंदू त्योहारों के आसपास मांस और चिकन की दुकानों को बंद करने के लिए की जाने वाली बलपूर्वक और अक्सर हिंसक कार्रवाई पहले हिंदुत्व समूहों और उनके सदस्यों द्वारा की गई गतिविधियों का हिस्सा थी. इस संबंध में एक सरकारी अधिसूचना इस कवायद को वैधता प्रदान करती है.

कई अध्ययनों से पता चला है कि 38 फीसदी से अधिक भारतीय शाकाहारी नहीं हैं.

बिजली आपूर्ति

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने अधिकारियों को अयोध्या के राम मंदिर में समारोह से संबंधित सभी कार्यक्रमों के दौरान ‘निर्बाध उच्च गुणवत्ता वाली बिजली आपूर्ति’ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. उन्होंने रिहर्सल करने को कहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उस दिन कोई व्यवधान न हो.

गौरतलब है कि बिजली कटौती देश भर में, खासकर जम्मू कश्मीर और दक्षिण में, खबरें बन रही है.

पूरे तेलंगाना और विशेष रूप से हैदराबाद में निर्धारित बिजली कटौती होगी.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर बताती है कि नोएडा के सेक्टर 53 – उसी उत्तर प्रदेश राज्य में जहां अयोध्या है – में बिजली कटौती के कारण लोग हीटर नहीं चला पा रहे हैं, बावजूद इसके कि वे कड़ाके की ठंड से जूझ रहे हैं. इसके अलावा, पांच से छह घंटे की बिजली कटौती के कारण फेफड़ों की बीमारी के रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है.

मुफ़्त ट्रेनें

भाजपा शासित छत्तीसगढ़ को अयोध्या तीर्थयात्रा के इच्छुक लोगों को मुफ्त ट्रेन यात्रा कराने की मंजूरी मिल गई है. नए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 10 जनवरी को इस फैसले की घोषणा की.

900 किलोमीटर की इस यात्रा के लिए एक साप्ताहिक ट्रेन चलाई जाएगी.

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

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