बिहार में विपक्षी भाजपा और सत्तारूढ़ जदयू के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने के लिए मिलर हाई स्कूल के आवंटन को लेकर विवाद हो गया है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने पार्टी को आवंटित मैदान को जदयू को आवंटित करने के लिए नीतीश कुमार सरकार की आलोचना करते हुए इसे ग़ुंडागर्दी बताया है.
नई दिल्ली: बिहार में विपक्षी भाजपा और जनता दल (यूनाइटेड) समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने के लिए राजधानी पटना के मिलर हाई स्कूल के आवंटन को लेकर आमने-सामने आ गए हैं. अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) समुदाय से आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर पिछड़े वर्ग के हितों की वकालत करने के लिए जाने जाते थे.
बिहार भाजपा प्रमुख सम्राट चौधरी ने 24 जनवरी के लिए भाजपा को आरक्षित मैदान को जदयू को आवंटित करने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की और इसे लोकतंत्र की हत्या और गुंडागर्दी बताया.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने धमकी दी कि अगर 24 जनवरी को भाजपा के लिए आरक्षित मैदान नहीं दिया गया तो पूरा कार्यक्रम बीरचंद पटेल मार्ग पर जदयू और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कार्यालय के सामने कर्पूरी जयंती मनाई जाएगी.
सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही बिहार में ईबीसी वोट बैंक को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं, जो सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाता है.
ताजा जाति सर्वेक्षण से पता चला है कि ईबीसी बिहार में सबसे अधिक आबादी वाला समुदाय है, जहां एससी 19.65 प्रतिशत, ओबीसी 27.12 प्रतिशत और ईबीसी 36.01 प्रतिशत हैं. इसलिए, 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ दल चुनावी लाभ पाने के लिए इस क्षेत्र पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहता है.
जदयू पूरे बिहार में बड़े पैमाने पर कर्पूरी ठाकुर की जयंती मना रहा है, जिन्हें जननायक के नाम से जाना जाता है. 24 जनवरी को जदयू पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में रैली का आयोजन कर रहा है, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए रात में रुकने की व्यवस्था मिलर हाई स्कूल मैदान में की गई है. उसी दिन गठबंधन सहयोगी राजद पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में उनकी जन्मशती मना रहा है.
मिलर हाई स्कूल मैदान में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने सवाल उठाते हुए कहा, ‘18 साल तक शासन करने के बाद अगर सरकार गुंडागर्दी पर उतर आए, तो इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा. हम जानते हैं कि जदयू के राजद के प्रभाव में आने के बाद ऐसी चीजें हो रही हैं. लालू जी के प्रभाव में बिहार के मुख्यमंत्री भी गुंडागर्दी कर रहे हैं.’
पत्रकारों को मैदान बुक करने के कागजात दिखाते हुए उन्होंने कहा कि जदयू का कहना है कि उसने इस मैदान को बुक करने के लिए दिसंबर में आवेदन किया था, लेकिन भाजपा ने एक नवंबर 2023 को आवेदन किया था.
उन्होंने कहा कि अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) प्राप्त हो गया था और शिक्षा विभाग ने जिला मजिस्ट्रेट पटना को मैदान खाली करने और इसे भाजपा के लिए आरक्षित करने का निर्देश दिया था.
चौधरी ने आगे कहा कि भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार (20 जनवरी) को पटना के जिला मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर सिंह से मुलाकात कर जमीन खाली करने का अनुरोध किया था.
उन्होंने आरोप लगाया कि अगर दिवंगत ठाकुर का विरोध करने वाला कोई नेता था तो वह नीतीश कुमार थे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लालू प्रसाद ने ठाकुर को हाईजैक कर लिया, लेकिन कभी उनकी विचारधारा को बढ़ावा नहीं दिया, बल्कि खुद को आगे बढ़ाने के लिए काम किया.
उन्होंने कहा, ‘हम फिर से जदयू से इस मैदान को खाली करने का अनुरोध कर रहे हैं. वे गुंडागर्दी नहीं कर सकते, लोकतंत्र की हत्या नहीं कर सकते. अगर ऐसा नहीं हुआ तो 24 जनवरी को हम बीरचंद पटेल मार्ग पर, जहां राजद और जदयू दोनों के कार्यालय हैं, उनकी जयंती मनाएंगे.’