अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश से सांप्रदायिक झड़पों की ख़बरें सामने आई हैं. महाराष्ट्र में मीरा भायंदर-वसई विरार क्षेत्र एक धार्मिक जुलूस के दौरान विभिन्न समूहों के बीच कुछ झड़पें हुईं. गुजरात के मेहसाणा ज़िले में धार्मिक जुलूस निकालाने के दौरान पथराव की सूचना है.
नई दिल्ली: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन (प्राण प्रतिष्ठा) होने से ठीक पहले देश के विभिन्न हिस्सों में कई पूर्व नियोजित हमले और ‘झड़पें’ देखी गईं. 22 जनवरी की पूर्व संध्या पर अनियंत्रित भीड़ ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जश्न मनाते हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर अराजकता और हिंसा फैलाई.
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के झाबुआ में भी एक ऐसी ही घटना देखी गई. स्क्रॉल की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने वाले लोगों का एक समूह एक चर्च के ऊपर चढ़ गया और भगवा झंडे लगा दिए. यह चर्च झाबुआ जिले के राणापुर के दबतलाई गांव में है.
एक वायरल वीडियो में लोगों को इमारत पर चढ़ते हुए और ईसाई धर्म के प्रतीक क्रॉस पर एक झंडा लगाते हुए देखा जा सकता है. भगवा झंडे पर अयोध्या के राम मंदिर की तस्वीर और ‘जय श्री राम’ लिखा हुआ था. यह घटना ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से एक दिन पहले 21 जनवरी को हुई.
In #MadhyaPradesh‘s #Jhabua, a saffron flag was put up on a Church amid the chant of ‘#JaiShriRam‘. pic.twitter.com/Os1KCDvi6S
— Hate Detector 🔍 (@HateDetectors) January 21, 2024
चर्च के पादरी नरबू अमलियार ने कहा कि रविवार की प्रार्थना पूरी होने के ठीक बाद लोगों का झुंड नारे लगाते हुए पहुंचा. उन्होंने क्विंट से कहा, ‘यह लगभग दोपहर 3 बजे हुआ, जब हमने अपनी रविवार की प्रार्थना पूरी की थी. ये लोग ‘जय श्री राम’ चिल्लाते हुए कहीं से आ गए. वहां कम से कम 25 आदमी थे और उनमें से कुछ लोग झंडे के साथ चर्च के ऊपर चढ़ गए.’
अमलियार ने कहा कि वह उन लोगों को पहचानते थे, क्योंकि वे पड़ोसी गांव के हैं.
उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने उन्हें पहचान लिया. मैं उनमें से कुछ के नाम भी जानता हूं. मैंने उन्हें समझाने का प्रयास किया कि यह ठीक नहीं है. उन्होंने हमारी कोई बात नहीं सुनी. मुझे समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.’
द क्विंट से बात करते हुए झाबुआ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अगम जैन ने कहा कि अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.
एसपी ने कहा, ‘हमारी टीम ने रविवार शाम को घटना स्थल का दौरा किया था. हमने जांचा कि क्या हुआ. एक व्यक्ति का घर था, जिसे वह प्रार्थना के लिए उपयोग करता है, यह कोई चर्च नहीं था. इसलिए हमने स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज नहीं की. वह व्यक्ति शिकायत दर्ज नहीं करना चाहता था, इसलिए अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है.’
हालांकि, अमलियार ने इस बात से इनकार किया कि यह उनका घर है. उन्होंने कहा, ‘यह एक चर्च है, जिसे मैंने 2016 में शुरू किया था. हर रविवार 30-40 लोग यहां प्रार्थना के लिए आते हैं. यह पूजा स्थल है. मेरा घर अलग है.’
अमलियार ने आगे बताया, ‘बाद में उन लोगों ने मुझे माफी मांगने के लिए बुलाया. इसलिए अभी तक मैंने फैसला नहीं किया है कि मुझे एफआईआर कराना चाहिए या नहीं. मैं अपने गांव के सरपंच से चर्चा करूंगा और उस पर फैसला लूंगा.’
महाराष्ट्र
सबरंग वेबसाइट की एक रिपोर्ट कई अन्य रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताती है कि महाराष्ट्र के मीरा भायंदर-वसई विरार क्षेत्र स्थित नया नगर में निकाले जा रहे एक धार्मिक जुलूस के दौरान विभिन्न धर्मों से संबंधित समूहों के बीच कुछ झड़पें हुईं.
घटना 21 जनवरी को सुबह 10:30 बजे के आसपास हुई. पुलिस के समय पर हस्तक्षेप के कारण, दो समूहों के बीच भड़के सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने की क्षमता वाली एक छोटी झड़प बड़ा होने से पहले ही शांत कर दी गई. उक्त झड़प कथित तौर पर एक धार्मिक संस्थान के पास नारेबाजी के कारण शुरू हुई थी.
सोशल साइट ‘एक्स’ पर ‘हेट डिटेक्टर्स’ की एक पोस्ट के अनुसार, डीजीपी (जोन) जयंत बाजबल ने मौखिक बहस को ‘मामूली मसले पर हुई छोटी सी हाथापाई’ बताया. क्षेत्र में व्याप्त तनाव को देखते हुए डीसीपी बाजबल ने भी नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने का आग्रह किया और जनता को आश्वस्त किया कि घटना के संबंध में कोई सांप्रदायिक हिंसा की सूचना नहीं मिली है.
यह भी बताया गया है कि क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए विशेष रूप से क्षेत्र में अफवाह फैलाने वालों की उपस्थिति के कारण पुलिसकर्मियों की पर्याप्त तैनाती की गई है.
इलाके में फ्लैग मार्च भी किया गया और 22 जनवरी की सुबह तक स्थिति शांतिपूर्ण रही.
In a timely intervention, the Mira Bhayandar – Vasai Virar (MBVV) police successfully diffused a minor scuffle that erupted between two groups during a rally in #NayaNagar on Sunday night.
The incident, which had the potential to escalate tensions on the eve of the #RamMandir… pic.twitter.com/Rlas7Vdcfs
— Hate Detector 🔍 (@HateDetectors) January 21, 2024
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उक्त घटना के सिलसिले में इलाके से पांच गिरफ्तारियां की गई हैं. पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ धारा 307 (हत्या का प्रयास) भी लगाई है. यह भी बताया गया है कि जिस नारे से बहस हुई और अराजकता फैल गई, वह तीन से चार वाहनों में मौजूद हिंदू समुदाय के लोगों द्वारा लगाया गया था.
भले ही पुलिस ने लोगों को ऐसी अफवाहें फैलाने से आगाह किया था, जो पहले से ही संवेदनशील स्थिति को और खराब कर सकती थीं, लेकिन मीरा भायंदर घटना से संबंधित एकतरफा बयान और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिनमें भगवा झंडा लगी कारों पर हमला होते हुए दिखाया गया था.
गुजरात
सांप्रदायिक झड़प की एक और घटना गुजरात के मेहसाणा जिले से सामने आई, जब अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की पूर्व संध्या पर ‘शोभा यात्रा’ निकाली जा रही थी.
एक्स पर हेट डिटेक्टर के सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, जब उक्त जुलूस खेरालु के बेलिम वास में हटादिया इलाके से गुजर रहा था तो पथराव की सूचना मिली थी.
A communal clash erupted in north #Gujarat‘s #Mehsana district during a “shobha yatra” procession on the eve of consecration ceremony of #RamMandir in #Ayodhya, #UttarPradesh .
Police said that when the procession was passing through #Hatadiya area in #BelimVas of #Kheralu, when… pic.twitter.com/GGGRMoKJ6X
— Hate Detector 🔍 (@HateDetectors) January 21, 2024
पुलिस के अनुसार, जुलूस के साथ डीजे पर बज रहे तेज संगीत और इलाके में पटाखे फोड़े जाने के कारण पथराव हुआ. पथराव में शामिल दोनों समुदायों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस अधिकारियों ने कम से कम तीन राउंड आंसू गैस के गोले दागे.
सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे वीडियो क्लिप में छतों से पत्थर फेंके जाने का जिक्र करते हुए गांधीनगर रेंज के पुलिस उप-महानिरीक्षक वीरेंद्र यादव ने कहा था कि ‘स्थिति नियंत्रण में है, क्योंकि एक पुलिस टीम जुलूस की निगरानी कर रही थी. हम अपराध दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं.’