राम मंदिर समारोह पर विपक्षी नेताओं ने कहा- ‘जय श्री राम’ किसी की संपत्ति नहीं

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा पर पिनराई विजयन ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि सभी को स्वतंत्र रूप से धर्म को मानने, उसका अभ्यास और प्रचार करने का समान अधिकार है. वहीं ममता बनर्जी ने भाजपा को 'महिला विरोधी' क़रार दिया. सिद्धारमैया ने कहा कि 'हम महात्मा गांधी के राम की पूजा करते हैं, भाजपा के राम की नहीं.'

प्राण-प्रतिष्ठा के समय अयोध्या का राम मंदिर. (फोटो साभार: फेसबुक/@BJP4India)

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा पर पिनराई विजयन ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि सभी को स्वतंत्र रूप से धर्म को मानने, उसका अभ्यास और प्रचार करने का समान अधिकार है. वहीं ममता बनर्जी ने भाजपा को ‘महिला विरोधी’ क़रार दिया. सिद्धारमैया ने कहा कि ‘हम महात्मा गांधी के राम की पूजा करते हैं, भाजपा के राम की नहीं.’

प्राण-प्रतिष्ठा के समय अयोध्या का राम मंदिर. (फोटो साभार: फेसबुक/@BJP4India)

नई दिल्ली: 22 जनवरी (सोमवार) को राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर  कुछ विपक्षी नेताओं ने धर्म और राजनीति के बीच धुंधली होती रेखाओं पर चिंता जताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की.

रिपोर्ट के अनुसार, एक वीडियो बयान में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि धर्म व्यक्तिगत मामला है और संविधान स्पष्ट कहता  है कि सभी व्यक्ति स्वतंत्र रूप से धर्म को मानने, उसका अभ्यास और प्रचार करने के अधिकार के समान हकदार हैं.

विजयन ने कहा, ‘धर्मनिरपेक्षता देश की आत्मा है. यह हमारे राष्ट्रीय आंदोलन के दिनों से ही एक राष्ट्र के रूप में हमारी पहचान का हिस्सा रही है. विभिन्न राज्यों से संबंध रखने वाले और किसी भी धर्म का हिस्सा न रहने वाले लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था. यह राष्ट्र समान रूप से भारतीय समाज के सभी लोगों और वर्गों का है. संविधान को कायम रखने की शपथ लेने वालों के रूप में हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे क्षेत्र के हर व्यक्ति को ये अधिकार प्राप्त हों. हम किसी एक धर्म को सभी धर्मों से ऊपर बढ़ावा नहीं दे सकते.’

उन्होंने आगे कहा, ‘यह हमारे समय से एक बड़ा विचलन है जब हमारे संवैधानिक पदाधिकारी धार्मिक आयोजनों में भाग को लेकर सतर्क रहते हैं क्योंकि यह एक धर्मनिरपेक्ष राज्य के रूप में हमारी साख पर सवाल उठाएगा. अब हम ऐसे समय में आ गए हैं, जब देश में किसी धार्मिक उपासना स्थल के उद्घाटन को एक सरकारी कार्यक्रम के तौर पर मनाया जा रहा है. हममें से अधिकांश को ट्रस्ट के प्रभारी द्वारा अनुष्ठान में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है. आइए, उन लोगों के रूप में, जिन्होंने संविधान को संरक्षित करने की शपथ है,  हम अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी को बरकरार रखते हुए इस कार्यक्रम में भाग लेने से इनकार कर इसके धर्मनिरपेक्ष चरित्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें.’

 डेक्कन हेराल्ड के अनुसार, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि भाजपा द्वारा बनाई जा रही उनकी ‘हिंदू विरोधी’ छवि से लड़ने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘हम महात्मा गांधी के राम की पूजा करते हैं, भाजपा के राम की नहीं. गांधी के लिए वो रघुपति राघव राजा राम थे. उनके अंतिम शब्द ही हे राम थे. कई लोग कहते हैं कि सिद्धारमैया नास्तिक हैं. मैं आस्तिक हूं. मेरे नाम में ही राम है. मैंने कभी भी ईश्वर के अस्तित्व का विरोध नहीं किया.’

सिद्धारमैया ने ‘जय श्री राम’ का नारा भी लगाया और भीड़ से इसे जोर से दोहराने को कहा. उन्होंने कहा, ‘यह नारा किसी की संपत्ति नहीं है.’

उन्होंने जोड़ा, ‘पूरा देश श्री रामचंद्र की पूजा करता है. मेरे गांव में मैंने राम मंदिर के निर्माण के लिए धन दिया है. सिद्धारमैया याद किया कि कैसे वह धनुर्मास के दौरान अपने गांव में भजन गया करते थे.

उन्होंने यह भी कहा, ‘… कोई भी भगवान यह नहीं चाहता कि उससे अत्यधिक प्रेम किया जाए. बासवन्ना ने कहा कि ईश्वर हमारे भीतर हैं. इसीलिए उन्होंने कहा कि शरीर ही मंदिर है. अगर पूजा ‘नाटकीय’ है तो भगवान प्रसन्न नहीं होंगे.’

सिद्धारमैया ने कहा कि सभी धर्म मानवता की भलाई चाहते हैं. ‘गांधी समेत सभी ने राम राज्य की बात की. कुवेम्पु ने यही कहा है – पूरी मानवता के लिए शांति. इसीलिए संविधान सह-अस्तित्व और सद्भाव की बात करता है. हमें एक-दूसरे से नफरत किए बिना मानवता के साथ रहना चाहिए.’

उधर, पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा महिला विरोधी है.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, कोलकाता में निकाली गई सर्व-धर्म रैली में उन्होंने कहा, ‘वे (भाजपा) भगवान राम के बारे में बात करते हैं, लेकिन सीता का क्या? वनवास के दौरान वे भगवान राम के साथ थीं. वे उनके बारे में नहीं बोलते क्योंकि वे महिला विरोधी हैं. हम देवी दुर्गा के उपासक हैं, इसलिए उन्हें हमें धर्म के बारे में लेक्चर देने की कोशिश नहीं करनी चाहिए में कहा.

उन्होंने जोड़ा, ‘मेरा चुनाव से पहले धर्म का राजनीतिकरण करने में विश्वास नहीं है. मैं इसके ख़िलाफ़ हूं. मुझे भगवान राम की पूजा करने वालों से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन लोगों की खान-पान की आदतों में दखल पर आपत्ति है.’

मालूम हो कि ममता बनर्जी ने ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह का निमंत्रण यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि ‘प्राण प्रतिष्ठा’ करना हमारा (नेताओं का) काम नहीं है,  यह पुजारियों का काम है. हमारा काम इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है.’

रविवार को उन्होंने कहा कि  उनकी सर्व-धर्म रैली किसी का मुकाबला करने के लिए नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘मैं किसी का विरोध करने के लिए ऐसा नहीं कर रही हूं. मैं पहले ही कह चुकी हूं कि धर्म व्यक्तियों का होता है लेकिन त्योहार सभी के लिए होते हैं.’

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के प्रदेश अध्यक्ष पनक्कड़ सैयद सादिक अली शिहाब थंगल ने कहा कि भाजपा राजनीतिक फायदे के लिए भगवान राम का दुरुपयोग कर रही है.

थंगल ने रविवार को कोझिकोड में मुस्लिम यूथ लीग द्वारा आयोजित महा रैली का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘आईयूएमएल राम मंदिर के खिलाफ नहीं है, लेकिन पार्टी भाजपा द्वारा खेले गए राजनीतिक खेल को सामने ला रही है. जो लोग पार्टी चला रहे हैं वे नफरत फैला रहे हैं और इस मकसद के लिए राम मंदिर का इस्तेमाल कर रहे हैं.’