छत्तीसगढ़: ईसाई समुदाय का आरोप- उन्हीं लोगों द्वारा पीटा गया, जो राम मंदिर रैलियों में शामिल थे

छत्तीसगढ़ के जशपुर ज़िले में बीते 21 जनवरी को एक हिंदुत्व समूह द्वारा ईसाई समुदाय के कुछ लोगों को पीटने की घटना सामने आई है. आरोप है कि हमलावार वही लोग थे, जो नियमित रूप से राम मंदिर समारोह से संबंधित रैलियों में भाग ले रहे थे. हिंदूत्व समूह ने भी ईसाई समूह पर पथराव के आरोप में केस दर्ज कराया है.

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(इलस्ट्रेशन: परिप्लब चक्रवर्ती/द वायर)

छत्तीसगढ़ के जशपुर ज़िले में बीते 21 जनवरी को एक हिंदुत्व समूह द्वारा ईसाई समुदाय के कुछ लोगों को पीटने की घटना सामने आई है. आरोप है कि हमलावार वही लोग थे, जो नियमित रूप से राम मंदिर समारोह से संबंधित रैलियों में भाग ले रहे थे. हिंदूत्व समूह ने भी ईसाई समूह पर पथराव के आरोप में केस दर्ज कराया है.

(इलस्ट्रेशन: परिप्लब चक्रवर्ती/द वायर)

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्वाचन क्षेत्र कुनकुरी में ईसाई समुदाय के कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि बीते 21 जनवरी (रविवार) को एक हिंदुत्व समूह के सदस्यों ने उन्हें लाठियों से पीटा और समुदाय की महिला सदस्यों को परेशान किया.

शिव प्रसाद महतो द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, स्थानीय पादरी महानंदा और कुछ अन्य लोग उस दिन दोपहर के भोजन के लिए दुलदुला थाना क्षेत्र के तहत आने वाले बासुदेवपुर गांव में शिव के घर गए थे. वापस लौटते समय उन पर एक हिंदुत्व समूह के सदस्यों ने हमला किया था.

कथित तौर पर ईसाई समूह से पूछताछ भी गई और दोबारा गांव में न आने के लिए कहा गया था.

ईसाई समूह का हिस्सा रहे किशोर ने द वायर को बताया, ​‘जैसे ही हम शिव के घर से निकले, उन्होंने हाथ में लाठियां लेकर हमें रोक लिया. ये वही लोग थे, जो नियमित रूप से राम मंदिर रैलियों में भाग लेते रहे थे.​’

अयोध्या में राम मंदिर के शुभारंभ समारोह का जश्न मनाने के लिए उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में रैलियां निकाली गई थीं. राम मंदिर का उद्घाटन एक दिन पहले 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है.

किशोर ने आगे कहा, ‘उन्होंने हमें पीटा. यही नहीं जब हमारे साथ की महिलाओं ने उन्हें रोकने की कोशिश तो उन्हें सड़क पर घसीटा गया.’

पादरी महानंदा बेहोश हो गए और उनके परिवार वाले उन्हें स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां से उन्हें कुनकुरी के होली क्रॉस अस्पताल में रेफर कर दिया गया.

इस बीच, नरेश कुमार यादव और कई अन्य, जिन्हें शिव की एफआईआर में आरोपी के रूप में नामित किया गया था, ने भी शिव और अन्य के खिलाफ एक केस दर्ज कराया है, जिसमें दावा किया गया है कि वे बस पूजा का सामान लेकर जा रहे थे. रास्ते में उन्होंने पादरी और अन्य लोगों से उनकी पहचान के बारे में पूछताछ की कि वे गांव में क्यों आए थे तो उन पर पथराव किया गया.

यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में 23 राज्यों में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हुई हैं. 155 घटनाओं के साथ उत्तर प्रदेश सबसे आगे है, इसके बाद 84 घटनाओं के साथ छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर है.

ईसाई समुदाय के सदस्यों ने द वायर को बताया कि पिछले हफ्ते ही जशपुर जिले में एक हिंदुत्व समूह द्वारा पांच पादरियों की पिटाई की गई थी.

छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम ने कहा है कि बीते 21 जनवरी को कुंडरा गांव में लोगों ने स्थानीय पादरी के घर में घुसकर गाली-गलौज करने के साथ उनके घर पर भगवा झंडे लगा दिए थे. उन्होंने कथित तौर पर पादरी को हिंदू धर्म नहीं अपनाने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी थी.

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