ग़ैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार और अफ़वाहें फैलाना भाजपा के शीर्ष नेताओं की आदत बन गई है: स्टालिन

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्यपाल आरएन रवि तमिलनाडु के मंदिरों में अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के सीधे प्रसारण को रोकने का आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आरोप लगाया कि अफ़वाह फैलाना उच्च पदों पर बैठे भाजपा नेताओं की आदत बन गई है.

एमके स्टालिन. (फोटो साभार: फेसबुक)

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्यपाल आरएन रवि तमिलनाडु के मंदिरों में अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के सीधे प्रसारण को रोकने का आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आरोप लगाया कि अफ़वाह फैलाना उच्च पदों पर बैठे भाजपा नेताओं की आदत बन गई है.

एमके स्टालिन. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: बीते सोमवार (22 जनवरी) को तमिलनाडु के मंदिरों में अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह के सीधे प्रसारण को लेकर भाजपा और सत्तारूढ़ डीएमके सरकार के बीच विवाद उस समय बढ़ गया, जब राज्यपाल आरएन रवि और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार पर ​‘दमन की गाथा​’ जारी रखने का आरोप लगाया.

दूसरी ओर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर और सीई) मंत्री पीके शेखरबाबू ने आरोपों को झूठ करार दिया है. मुख्यमंत्री स्टालिन ने आरोप लगाया कि उच्च पदों पर बैठे भाजपा नेताओं की आदत बन गई है कि वे गैर-जिम्मेदाराना तरीके से व्यवहार करते हैं और सामाजिक और मुख्यधारा मीडिया के माध्यम से अफवाहें फैलाते हैं और उन्हें सच बताते हैं.

एक बयान में उन्होंने कहा, ​‘दिल्ली और तमिलनाडु के नेता इस व्यवहार के अपवाद नहीं हैं.​’

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टालिन ने कहा कि भले ही एचआर एवं सीई मंत्री पीके शेखरबाबू ने आरोपों से इनकार किया था, फिर भी भाजपा नेता, जो ऊंचे पद पर हैं और जिन्हें भाजपा ने ऊंचे पद पर पहुंचाया है, ऐसे काम करते हैं, मानो वे ‘अफवाहों की वॉट्सएप यूनिवर्सिटी’ हों.

उन्होंने कहा, ‘उन्होंने कभी भी देश के संविधान का सम्मान नहीं किया.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु के सच्चे भक्त अपनी भक्ति को व्यक्तिगत विश्वास, आध्यात्मिक खोज और आंतरिक खुशी की खोज के रूप में मानेंगे.

उन्होंने कहा, ‘वे भगवान पेरुमल की पूजा करते हैं और पेरियार के सिद्धांतों का पालन करते हैं. वे अन्य धर्मों का सम्मान करते हैं. भाजपा नेता सद्भाव और शांति को बाधित करना चाहते हैं. आइए हम उन्हें फटकार लगाने वाले हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत करें.’

इससे एक दिन पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य सरकार द्वारा राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करने से कथित इनकार का जिक्र करते हुए आरोप लगाया था कि ‘तमिलनाडु में दमन गाथा जारी है’. उन्होंने सत्तारूढ़ डीएमके सरकार को ‘हिंदू विरोधी’ भी कहा था.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, निर्मला सीतारमण और तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई ने कांचीपुरम के कामाक्षी मंदिर में अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह का सीधा प्रसारण देखा था, जहां पहले अधिकारियों द्वारा एक एलईडी स्क्रीन हटा दी गई थी.

निर्मला सीतारमण और राज्यपाल पर पलटवार करते हुए स्टालिन ने कहा कि डीएमके के राजनीतिक विरोधी, जो पार्टी के युवा विंग सम्मेलन की सफलता से घबराए हुए हैं, जिसमें लाखों लोगों ने हिस्सा लिया थो, उन्होंने डीएमके सरकार के खिलाफ अफवाहें फैलाना शुरू कर दिया है.

द हिंदू के मुताबिक, सीतारमण की आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए कि एचआर और सीई अधिकारियों ने कांचीपुरम के कामक्षी अम्मन मंदिर में आयोजित भजनों के सीधे प्रसारण की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने भजनों का आयोजन किया था, उन्होंने शपथ-पत्र दिया था कि वे इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण नहीं करेंगे.

स्टालिन ने आरोप लगाया, ‘उन्होंने (सीतारमण) आसानी से सच्चाई को दबा दिया और अफवाह फैला दी. वह अब बेनकाब हो गई हैं.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएमके के दुश्मन अफवाहें फैला रहे हैं, क्योंकि वे सेलम में युवा विंग के सम्मेलन की जीत को पचा नहीं पा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘अफवाहों से विचलित न हों. अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें.’

मुख्यमंत्री स्टालिन ने राज्यपाल आरएन रवि के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि चेन्नई में एक मंदिर के पुजारियों के बीच डर की भावना थी.

एक बयान में मुख्यमंत्री स्टालिन ने राज्यपाल के एक सोशल मीडिया पोस्ट का भी हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया था कि माम्बलम के कोथंडारमार मंदिर में ​‘पुजारियों और मंदिर के कर्मचारियों के चेहरे पर अदृश्य भय और आशंकाएं बड़ी थीं​’. इस पर स्टालिन ने कहा कि वे (राज्यपाल) केवल बुरे पहलू ही देख सकते हैं.

उन्होंने कहा, ​‘पुजारियों ने स्पष्ट किया है कि उन्हें कोई डर नहीं है. राज्यपाल के संदेश के पीछे राजनीति के अलावा और क्या कारण हो सकता है?​’

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टालिन ने कहा, ‘तमिलनाडु में भक्त किसी भी मंदिर में पूजा कर सकते हैं. हम विभिन्न उत्सवों के लिए हजारों लोगों को इकट्ठा होते देख सकते हैं और ये भी देख सकते हैं कि अन्य धर्मों के लोग उन्हें सहयोग दे रहे हैं. तमिलनाडु में सांप्रदायिक सद्भाव है. राज्यपाल ने कोठंडारामार मंदिर में राम मंदिर की राजनीति को टटोलने की कोशिश की. किसी को आश्चर्य होता है कि क्या राज्यपाल के पास वास्तविक भक्ति या पाखंड है.’

इसी बीच, मंत्री पीके शेखरबाबू ने एक संवाददाता सम्मेलन में दोहराया कि विभाग ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित किसी भी प्रकार की पूजा को नहीं रोका है.

उन्होंने कहा, ​‘अकेले सोमवार को पेरुमल मंदिर सहित 20 मंदिरों में अभिषेक का आयोजन किया गया. पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के आवास के पास वेणुगोपाल स्वामी मंदिर में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण किया गया. जब आध्यात्मिकता का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया जाता है, तो विभाग कानून के अनुसार निर्णय लेता है.​’

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