केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बधाई देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है. इसमें कहा गया है कि उन्होंने सदियों पुराना सपना पूरा किया. राम मंदिर आंदोलन स्वतंत्र भारत का एकमात्र आंदोलन था, जो सभी को एक साथ लाया. करोड़ों भारतीय इससे भावनात्मक रूप से जुड़े हुए थे.
नई दिल्ली: अयोध्या में नए राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते बुधवार (24 जनवरी) को एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया कि जहां 1947 में ‘देश के शरीर को आजादी मिली थी’, वहीं इसकी आत्मा की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को की गई थी, और ‘सभी ने आध्यात्मिक संतुष्टि का अनुभव किया.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कैबिनेट की ओर से केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा पढ़े गए प्रस्ताव में बुधवार की बैठक को ‘ऐतिहासिक… कैबिनेट ऑफ द मिलेनियम’ कहा गया और कहा गया कि मोदी ने ‘सदियों पुराना सपना पूरा किया’, जिसे ‘भारतीय सभ्यता’ ने पांच शताब्दियों से देखा था.
इसमें कहा गया है, ‘आपको ( नरेंद्र मोदी) लोगों से जो प्यार मिला है, उसने आपको जननायक के रूप में स्थापित किया है. लेकिन नए युग में प्रवेश के बाद, आप नए युग के प्रणेता के रूप में भी उभरे हैं.’
बाद में कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी पत्रकारों को देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘बैठक की शुरुआत में कैबिनेट की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया.’
प्रस्ताव में कहा गया है कि हालांकि भारत में कैबिनेट प्रणाली अस्तित्व में आने के बाद से और ब्रिटिश काल में वायसराय की कार्यकारी परिषद के कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक कार्य किए गए हैं, लेकिन ऐसा अवसर कभी नहीं आया और 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया कार्य इतिहास में अद्वितीय है.
इसमें कहा गया है, ‘एक जन आंदोलन के रूप में आपातकाल के दौरान भी लोगों के बीच एकता थी, लेकिन वह एकता प्रतिरोध के कदम के रूप में तानाशाही के खिलाफ थी. लेकिन भगवान राम के लिए जो जन आंदोलन हम देख रहे हैं वह एक नए युग की घोषणा का संकेत है.’
इसमें कहा गया है, ‘राम जन्मभूमि आंदोलन स्वतंत्र भारत का एकमात्र आंदोलन था, जो सभी को एक साथ लाया. करोड़ों भारतीय इस आंदोलन से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए थे और इस पल का इंतजार कर रहे थे.’
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए उनके 11 दिवसीय अनुष्ठान और भगरान राम से जुड़े तीर्थ स्थलों की यात्रा के लिए उनकी सराहना करते हुए कैबिनेट ने कहा कि इसने ‘राष्ट्रीय एकता और ऊर्जा प्रदान’ की है और ‘हम इसके लिए आपको न केवल कैबिनेट सदस्यों के रूप में बल्कि सामान्य नागरिक की हैसियत से भी सम्मानित करते हैं.’
इसमें कहा गया है, ‘इस देश के लोगों ने सदियों से इस क्षण का इंतजार किया है और अब भव्य राम मंदिर के निर्माण के साथ एक नए युग की घोषणा हुई है.’
प्रस्ताव में इसे जन आंदोलन बताया गया है और कहा गया है कि इस प्रकार का अनुष्ठान केवल भगवान द्वारा आशीर्वाद प्राप्त किसी व्यक्ति के हाथों ही किया जा सकता है.
प्रस्ताव में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में मोदी द्वारा की गईं टिप्पणियों को याद किया गया, जहां उन्होंने कहा था कि ‘हजारों साल बाद लोग इस तारीख (22 जनवरी 2024) को याद रखेंगे. यह सौभाग्य है कि हम सभी इस क्षण को जी रहे हैं और इसके साक्षी बन रहे हैं’ और कहा कि ‘आज की कैबिनेट को मिलेनियम कैबिनेट कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.’
इस बीच, नए राम मंदिर में दर्शन के लिए अयोध्या में भक्तों की भारी भीड़ के बीच मोदी ने अपने मंत्रियों को मंदिर का दौरा टालने की सलाह दी है. सूत्रों ने कहा कि मोदी ने मंदिर में वीआईपी दौरों से जनता को होने वाली असुविधा पर चिंता व्यक्त की है.
क्या पूरा मंत्रिमंडल राम मंदिर का दौरा करेगा, इस सवाल के जवाब में अनुराग ठाकुर ने कहा कि फिलहाल कोई भी सदस्य वहां नहीं जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘कैबिनेट की ओर से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है कि कैबिनेट मंत्री वहां जाएंगे.’