2013 से 2022 के बीच ठंड के कारण हर साल औसतन 800 से अधिक लोगों की मौत हुई: रिपोर्ट

एक रिपोर्ट के अनुसार, 2013 से 2022 के दशक के बीच ठंड के कारण हर साल औसतन 810 लोगों की मौत हुई है. इस दौरान साल 2015 में ठंड से सबसे अधिक 1,149 लोगों की मौत हुई और 2021 में सबसे कम 618 मौतें दर्ज की गईं. साल 2022 में ठंड से सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में 192 लोगों की मौत ​की सूचना है.

एक रिपोर्ट के अनुसार, 2013 से 2022 के दशक के बीच ठंड के कारण हर साल औसतन 810 लोगों की मौत हुई है. इस दौरान साल 2015 में ठंड से सबसे अधिक 1,149 लोगों की मौत हुई और 2021 में सबसे कम 618 मौतें दर्ज की गईं. साल 2022 में ठंड से सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में 192 लोगों की मौत ​की सूचना है.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी आंकड़ों और बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, 2013-2022 के दशक में ठंड के कारण हर साल औसतन 810 लोगों की मौत हुई है.

इस दशक में 2015 में इस कारण से सबसे अधिक 1,149 मौतें हुईं और 2021 में सबसे कम 618 मौतें दर्ज की गईं. एनसीआरबी ऐसी मौतों को ‘प्रकृति के कारण आकस्मिक मृत्यु’ श्रेणी के अंतर्गत दर्ज करता है.

एनसीआरबी की ‘भारत में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या 2022’ रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में ठंड के कारण 720 लोगों की मौत हो गई. साल 2022 में इस कारण सबसे अधिक मौत दर्ज करने वाले राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में 192, पंजाब में 123 और झारखंड में 117 लोगों की जान गई है.

केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय की नवीनतम पर्यावरण सांख्यिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में देश के 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से प्रत्येक में शीतलहर के दिनों की औसत संख्या 57 हो गई है.

2022 में हरियाणा में ऐसे दिनों की सर्वाधिक संख्या दर्ज की गई, जो कि 9 है, इसके बाद मध्य प्रदेश (7 दिन) और छत्तीसगढ़ और तेलंगाना (प्रत्येक में 6-6 दिन) का स्थान है.

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ऐसे दिनों की सबसे अधिक संख्या 103 दर्ज की गई.

इसने यह भी गणना की कि इस दशक (2013-2022) में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख वाले क्षेत्र में सबसे अधिक 85 शीतलहर वाले दिन दर्ज किए गए, इसके बाद हरियाणा (79 दिन), बिहार (61 दिन) और उत्तर प्रदेश (56 दिन) का स्थान रहा.

इस समय अवधि में दिल्ली में 51 शीतलहर वाले दिन दर्ज किए गए.

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, शीत लहरें तब उत्पन्न होती हैं जब तापमान या तो एक निश्चित सीमा से नीचे चला जाता है या नियमित तापमान की तुलना में महत्वपूर्ण गिरावट का अनुभव करता है. ये सीमाएं विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न होती हैं.

गुरुवार (25 जनवरी) को इसकी मौसम ब्रीफिंग में कहा गया कि अगले दो दिनों तक उत्तर भारत में घना कोहरा, ठंडा दिन और शीतलहर की स्थिति जारी रहेगी.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, 16 जनवरी की सुबह दिल्ली की लोधी रोड मौसम वेधशाला में न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था.

इस सर्दी में उत्तर भारत में घने कोहरे के कारण उड़ानों और ट्रेनों में देरी होने के साथ, उनका मार्ग परिवर्तन या उन्हें रद्द भी करना पड़ा है.