राजद से नाता तोड़ने के बाद भाजपा के सहयोग से नीतीश कुमार ने फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

नीतीश कुमार के अलावा भाजपा से दो उप-मुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के अलावा बिजेंद्र प्रसाद यादव, संतोष कुमार सुमन, श्रवण कुमार समेत छह अन्य मंत्रियों ने भी रविवार को शपथ ली. राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि 2024 में जदयू ख़त्म हो जाएगी. ये लोग कुछ भी करें, मुझे विश्वास है कि बिहार के लोग हमारे साथ हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फोटो साभार: फेसबुक)

नीतीश कुमार के अलावा भाजपा से दो उप-मुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के अलावा बिजेंद्र प्रसाद यादव, संतोष कुमार सुमन, श्रवण कुमार समेत छह अन्य मंत्रियों ने भी रविवार को शपथ ली. राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि 2024 में जदयू ख़त्म हो जाएगी. ये लोग कुछ भी करें, मुझे विश्वास है कि बिहार के लोग हमारे साथ हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: लालू प्रसाद यादव की राजद से गठनबंधन तोड़ने के बाद बिहार की राजधानी पटना स्थित राजभवन के राजेंद्र मंडपम हॉल में ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष के बीच नीतीश कुमार ने 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

भाजपा से दो उप-मुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के अलावा डॉ. प्रेम कुमार (भाजपा), विजय कुमार चौधरी (जदयू), बिजेंद्र प्रसाद यादव (जदयू), श्रवण कुमार (जदयू), संतोष कुमार सुमन (हिदुस्तानी अवाम मोर्चा) और सुमित कुमार सिंह (स्वतंत्र) ने मंत्रियों के रूप में शपथ ली.

राजद से नाता तोड़ने पर पार्टी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ‘वह एक थके हुए मुख्यमंत्री थे. मैं आपको लिखित में दे सकता हूं कि जदयू पार्टी 2024 में खत्म हो जाएगी. जनता हमारे साथ है.’

राजद-जदयू गठबंधन वाली पूर्ववर्ती सरकार में तेजस्वी यादव उप-मुख्यमंत्री थे.

उन्होंने कहा, ‘मैं जो कहता हूं वह करता हूं. 2024 में जदयू खत्म हो जाएगी. खेल तो अभी शुरू हुआ है. ये लोग कुछ भी करें, मुझे विश्वास है कि (बिहार के) लोग हमारे साथ हैं और हमारा समर्थन करेंगे.’

उन्होंने ‘जदयू को अपने साथ लेने के लिए’ भाजपा को भी बधाई दी.

नीतीश कुमार ने रविवार सुबह बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर से मुलाकात कर राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

अपने इस्तीफे के तुरंत बाद नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा था, ‘आप सब लोगों से हम बता देते हैं कि हमने मुख्यमंत्री पद इस्तीफा दे दिया और जो सरकार थी उसको भी समाप्त करने की बात हमने गवर्नर साहब को बता दी है.’

इस कदम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा था, ‘ये नौबत इसलिए आई क्योंकि ठीक नहीं चल रहा था. सबकी राय, पार्टी की राय, चारों तरफ से राय आ रही थी, हमने सब लोगों की बात सुन ली, इसलिए आज हमने इस्तीफा दे दिया. अभी जो सरकार थी, उसे समाप्त कर दिया गया.’

नीतीश ने कहा था, ‘हम पिछले डेढ़ साल से गठबंधन (भारत) पर काम कर रहे थे, लेकिन बात नहीं बन पा रही थी. अब, हम एक नया गठबंधन बनाएंगे.’

लालू प्रसाद यादव की राजद वर्तमान में 79 विधायकों के साथ 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है – लेकिन अपने दम पर आधे के आंकड़े (122) से बहुत पीछे है. भाजपा 78 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है और जदयू के पास 45 विधायक हैं.

पिछले सप्ताह नीतीश के इस कदम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म था. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विचारधारा के बावजूद गठबंधनों के बीच नियमित बदलाव के लिए प्रसिद्ध हैं. जैसा कि द वायर ने रिपोर्ट किया है कि नीतीश को अपने सहयोगियों के प्रति अस्थिर रहने की आदत है.

2017 में जब नीतीश ने अचानक महागठबंधन छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की, तो राजद मुश्किल में पड़ गया था. फिर, जब दो साल पहले उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ा, तो भाजपा नेताओं को तब तक कोई सुराग नहीं लगा था, जब तक कि उन्होंने फिर से पाला बदलने के अपने फैसले की घोषणा नहीं की थी.

अब रिपोर्टों से पता चलता है कि लालू प्रसाद यादव, जिनके साथ नीतीश लंबे समय से दोस्त और दुश्मन दोनों के रूप में जुड़े हुए हैं, को भी नीतीश के किसी भी नए कदम के बारे में जानकारी नहीं थी.

वि​पक्ष के इंडिया गठबंधन के नेताओं ने नीतीश के इस कदम की आलोचना की है.

शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत ने कहा, ‘अयोध्या में राम हैं और बिहार में पलटू राम हैं. जब नीतीश ने लालू से हाथ मिलाया था तो भाजपा और खुद अमित शाह ने उन्हें पलटू राम कहा था. शाह ने कहा था कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे बंद हैं. अब उसका क्या हुआ? भाजपा के लोग बड़े पलटू राम हैं.’

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘देश में ‘आया राम-गया राम’ जैसे कई लोग हैं. पहले वो और हम मिलकर लड़ रहे थे. जब मैंने लालू जी और तेजश्वी जी से बात की तो उन्होंने भी कहा कि नीतीश जा रहे हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘अगर वह रुकना चाहता तो रुक जाता, लेकिन वह जाना चाहता है. इसलिए ये बात हमें पहले से ही पता थी, लेकिन इंडिया गठबंधन को बरकरार रखने के लिए हमने कुछ नहीं कहा. अगर हम कुछ गलत कहेंगे तो गलत संदेश जाएगा. इसकी जानकारी हमें लालू प्रसाद यादव जी और तेजश्वी यादव जी ने पहले ही दे दी थी. आज वह सच हो गया.’

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