गुजरात चुनाव राउंडअप: मोदी ने कहा, भाजपा को अगले 100 वर्षों तक गुजरात की सत्ता से बाहर नहीं किया जाना चाहिए. राहुल बोले, 22 सालों का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब.
अहमदाबाद/नई दिल्ली: गुजरात में अपना धुंआधार चुनाव प्रचार जारी रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स करार देने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला करते हुए बुधवार को मोरबी में कहा कि देश को लूटने वाले डकैतों के बारे में ही सोच सकते हैं.
राज्य में भाजपा सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए मोदी ने कहा, भाजपा ने बहुत चीजें की हैं और उसे अगले 100 वर्षों तक राज्य की सत्ता से बाहर नहीं किया जाना चाहिए.
राजग सरकार के मुख्य आर्थिक सुधार माल और सेवा कर (जीएसटी) की राहुल द्वारा बार-बार आलोचना किए जाने पर पलटवार करते हुए मोदी ने कहा कि हाल ही में एक अर्थशास्त्री उभरे हैं जो यह कहते हुए कि जीएसटी के लिए अधिकतम सीमा 18 फीसद तय किया जा सकता है, निहायत बेवकूफाना राय दे रहे हैं.
अपने गृह राज्य में सत्ता में बने रहने के प्रयास में जुटे मोदी ने जल संरक्षण, कृषि और सौराष्ट्र के विकास जैसी उपलब्धियां गिनाईं. गौरतलब है कि प्रदेश में भाजपा दो दशक से भी ज्यादा समय से सत्ता में है.
मोरबी में बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह हैंड-पंप मुहैया कराने जैसी बातों का श्रेय लेती हैं जबकि भाजपा नर्मदा जल योजना जैसे बड़े काम कर रही है. मोरबी में पहले चरण में नौ दिसंबर को मतदान होना है.
पाटीदार समुदाय के गढ़ में लोगों से भाजपा को वोट देने की पुरजोर अपील करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी पार्टी को 100 साल में भी सत्ता से बाहर नहीं जाना चाहिए.
गुजराती में दिए गए अपने भाषण में उन्होंने कहा, वर्तमान में, कुछ तथा कथित स्मार्ट लोग, कुछ नये अर्थशास्त्री उभर आए हैं जो लोगों को दिगभ्रमित कर रहे हैं.
राहुल गांधी द्वारा हिंदी फिल्म शोले के खलनायक को याद करते हुए वस्तु एवं सेवा कर को गब्बर सिंह टैक्स कहने का जवाब देते हुए मोदी ने कहा, जिन्होंने अपने पूरे जीवन में सिर्फ लोगों को लूटा है, वह सिर्फ डकैतों की बातें ही कर सकते हैं.
मोदी ने राहुल को घेरने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का भी उल्लेख किया. उन्होंने 1979 के माछू बांध बाढ़ हादसे का हवाला देते हुए कहा, मुझे याद है कि इंदिरा गांधी यहां आई थीं और स्थानीय पत्रिका चित्रलेखा ने उनकी तस्वीर प्रकाशित की थी जिसमें उन्होंने रुमाल से अपनी नाक ढंक रखी थी, वह दुर्गंध से बचने की कोशिश कर रही थीं. एक अन्य तस्वीर भी छपी थी जिसमें आरएसएस के कार्यकर्ता शव ले जा रहे थे.
प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे यहां कठिन समय में सहायता करने वालों को याद रखा जाता है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सौराष्ट और कच्छ में नर्मदा का पानी लाने के लिए बहुत मेहनत की.
भाजपा के 22 साल के शासन का हिसाब मांग रहा है गुजरात: राहुल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपना हमला तेज करते हुए प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की पिछले चुनाव में किए गए उसके वादों के लिए जवाबदेही तय करने की कोशिश की.
राहुल ने गुजरात में भाजपा के 22 साल के शासन का मुद्दा उठाते हुए बुधवार को कहा कि लोग भाजपा से जवाब मांग रहे हैं.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 22 सालों का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब. कांग्रेस नेता ने आवास के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या गुजरातियों को नये घर देने में 45 साल और लगेंगे.
22 सालों का हिसाब,
गुजरात मांगे जवाब।गुजरात के हालात पर प्रधानमंत्रीजी से पहला सवाल:
2012 में वादा किया कि 50 लाख नए घर देंगे।
5 साल में बनाए 4.72 लाख घर।प्रधानमंत्रीजी बताइए कि क्या ये वादा पूरा होने में 45 साल और लगेंगे?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 29, 2017
राहुल ने अपनी दलील के समर्थन में आंकड़ा पेश करते हुए कहा, प्रधानमंत्री से पहला सवाल गुजरात की स्थिति को लेकर है, 2012 में उन्होंने 50 लाख नये घर देने का वादा किया था लेकिन पांच साल में 4.72 लाख घर ही दिए. क्या प्रधानमंत्री बताएंगे कि क्या वादा पूरा करने में क्या 45 साल और लगेंगे?
प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता नौ एवं 14 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपने अपने दल के प्रचार के लिए गुजरात में हैं. राहुल दो दिन चुनाव प्रचार करेंगे और इस दौरान प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर भी जाएंगे. कांग्रेस नेताओं ने बताया कि राहुल गुरुवार और शुक्रवार को कम से कम तीन जिलों में जनसभाएं भी करेंगे.
जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ गैर जमानती वारंट
अहमदाबाद की एक अदालत ने जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. जनवरी में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस को रोकने को लेकर उनके खिलाफ दर्ज एक मामले की सुनवाई के लिए पेश नहीं होने को लेकर अदालत ने उनके खिलाफ यह वारंट जारी किया है.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आरएस लंगा ने अदालत के समक्ष पेश नहीं होने को लेकर मंगलवार को मेवाणी और 12 अन्य लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया.
11 जनवरी को वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के खिलाफ एक रेल रोको विरोध प्रदर्शन के दौरान अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर राजधानी एक्सप्रेस को काफी देर तक रोकने के आरोप में मेवाणी और उनके समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था.
उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 143 गैरकानूनी सभा करने, 147 दंगा और भारतीय रेल अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में एक आरोप पत्र भी दायर किया गया था.
मेवाणी के वकील शमशाद पठान ने अपने मुवक्किल को पेशी से छूट दिए जाने की मांग को लेकर अदालत में आवेदन दिया था जिसपर मजिस्ट्रेट ने विचार करने से मना कर दिया. पठान ने इस आधार पर छूट की मांग की थी कि उनका मुवक्किल वडगाम विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र भरने में व्यस्त था.
मेवाणी लगातार दूसरी बार अदालत के समक्ष पेश नहीं हो पाए. मेवाणी ने सोमवार को गुजरात विधानसभा चुनाव में बनासकांठा के वडगाम से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने परोक्ष रूप से उनका समर्थन करते हुए वहां से अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है.
चुनाव में केंद्रीय सशस्त्र बल के 32,000 जवान तैनात होंगे
आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों में सीआरपीएफ और बीएसएफ जैसे केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के तकरीबन 32,000 जवानों के साथ राज्य पुलिस के तकरीबन 60,000 जवानों को तैनात किये जाने की संभावना है.
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि गुजरात में चुनाव ड्यूटी पर तैनाती के लिये केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तकरीबन 320 कंपनियां चुनाव आयोग को उपलब्ध कराई जा रही हैं.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न लेने की शर्त पर बताया कि सुरक्षाकर्मी जत्थों में गुजरात पहुंचेंगे और चुनाव आयोग की सिफारिशों के अनुसार सबको तैनात किया जाएगा.
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की एक कंपनी में 100 जवान होते हैं. इसके अतिरिक्त राज्य पुलिस के तकरीबन 60,000 जवानों को भी गुजरात में तैनात किये जाने की उम्मीद है.
पहले चरण में होगा 977 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला
चुनाव आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए आगामी नौ दिसंबर को होने वाले मतदान की तैयारियां पूरी कर ली हैं. पहले चरण में गुजरात विधानसभा की 182 में से 89 सीटों पर 977 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करने में 18 से 40 साल के आयुवर्ग के मतदाओं की अहम भूमिका होगी.
आयोग द्वारा राज्य में पहले चरण के चुनाव के लिए जारी आंकड़ों के मुताबिक पहले चरण में 57 महिलाएं और 920 पुरुष उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 2,12,29,941 मतदाता करेंगे. इनमें फोटो पहचान पत्र वाले 1,11,05,200 पुरुष और 1,01,24,494 महिला मतदाताओं के अलावा 247 अन्य, 29 अनिवासी भारतीय मतदाता और 6014 सर्विस वोटर शामिल हैं.
इस चरण के चुनाव में कुल वैध मतदाताओं में 18 से 40 साल के आयुवर्ग के 53.68 प्रतिशत युवा मतदाताओं की अहम भूमिका होगी. आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 18 से 25 साल के आयुवर्ग में 35.29 लाख और 26 से 40 साल के आयुवर्ग में 78.68 लाख मतदाता शामिल हैं.
राज्य में सभी सीटों पर वीवीपेट युक्त ईवीएम से मतदान के लिए पहले चरण में 24689 मतदान केंद्रों पर 27158 ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा. पहले चरण में शामिल 89 निर्वाचन क्षेत्रों में क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे छोटा विधानसभा क्षेत्र करंज चार वर्ग किमी और सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र अब्दासा 6278 वर्ग किमी है. जबकि मतदाताओं की संख्या के लिहाज से 1,57,250 मतदाताओं वाली उत्तरी सूरत सीट सबसे छोटी और सर्वाधिक मतदाताओं 4,28,695 वाली विधानसभा सीट कामरेज है.
राज्य में पहले चरण का मतदान नौ दिसंबर को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक होगा. इसमें दोनों राष्ट्रीय दलों कांग्रेस और भाजपा सहित 50 पंजीकृत दलों के उम्मीदवार चुनाव मैंदान में है. इनमें सर्वाधिक 27 उम्मीदवार जामनगर विधानसभा क्षेत्र में और सबसे कम तीन उम्मीदवार झागड़िया तथा गणदेवी विधानसभा क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
अखिलेश गुजरात में करेंगे जनसभाएं
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में चार दिन चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे.
सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बुधवार को बताया कि अखिलेश आगामी चार से सात दिसंबर तक गुजरात में पांच विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे सपा प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभाओं को संबोधित करेंगे. उनकी पहली चुनावी सभा 4 दिसंबर को जामनगर में होगी.
उन्होंने बताया कि अखिलेश भाजपा की सांप्रदायिक और विघटनकारी राजनीति के विरुद्ध धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को बल देने के लिए गुजरात की जनता का आह्वान करेंगे. वह भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों की जनविरोधी नीतियों का पर्दाफाश करेंगे और बताएंगे कि भाजपा किसान, नौजवान, अल्पसंख्यक और विकास विरोधी है. उसने उत्तर प्रदेश में पूर्ववर्ती सपा सरकार की सभी जनहित की योजनाओं को बंद कर दिया है.
चौधरी ने कहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गुजरात में अपना स्टार प्रचारक बनाया है. योगी अपना काम-काज छोड़कर जनता को गुमराह करने गुजरात पहुंच गए हैं.
अखिलेश ने कहा है कि गुजरात की जनता को इस बात से भी सतर्क रहना होगा कि भाजपा सपा पर तो परिवारवाद का झूठा आरोप लगाती है लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति की बेटी के स्वागत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पलक पांवड़े बिछाते दिखाई देते हैं. यह विरोधाभास की अजीब स्थिति है.
संसद सत्र विलंब से करने के पीछे गुजरात चुनाव एकमात्र कारण नहीं: महाजन
लोकसभा का आगामी शीतकालीन सत्र विलंब से बुलाए जाने के मुद्दे पर राजनीतिक दलों के बीच उत्पन्न मतभेद की खबरों पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को स्पष्ट किया कि शीतकालीन सत्र में विलंब करने के पीछे का एकमात्र कारण गुजरात विधानसभा चुनाव नहीं हैं.
महाजन ने बुधवार को इंदौर में संवाददाताओं से कहा, गुजरात में चुनाव के कारण शीतकालीन सत्र को विलंब करने की बात कही जा रही है. केवल गुजरात चुनाव के कारण यह हुआ ऐसा नहीं है. इसमें मेरा भी सुझाव था, क्योंकि मुझे बैठना है कुर्सी पर और मुझे मालूम है कि जब गुजरात में जोर शोर से चुनाव हो रहे हैं, तो कुछ न कुछ तो हंगामा लोकसभा में रोज होगा. मैंने इसे थोड़ा आगे करने का सुझाव दिया. अभी सब चुनाव में व्यस्त हैं. हंगामे के बजाय हम बाद में आराम से करें तो कुछ चर्चा कर पाएंगे. ये मेरी इच्छा थी.
उन्होंने कहा, यह फैसला कैबिनेट कमेटी का है. हम ये देख रहे हैं कि सत्र कम नहीं होना चाहिए, इसलिए इसे 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक रखा गया है और इससे पहले भी सत्र का समय आगे पीछे करते रहे हैं.
उन्होंने कहा, शीतकालीन सत्र या किसी भी सत्र के लिए नियम है कि इसके लिये कैबिनेट कमेटी बनी हुई है. कैबिनेट कमेटी ही तय करती है कि सत्र कब बुलाना है और किस दिन क्या विषय रखे जाएं. इसमें मेरी भी सलाह ली जाती है.
गुजरात समेत सभी आगामी चुनावों में होगा वीवीपीएटी का इस्तेमाल: आयोग
मुख्य चुनाव आयुक्त एके जोति ने बुधवार को कहा कि अगले महीने होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव और भविष्य में होने वाले सभी चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के साथ वोटर वेरिफायेबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा.
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ने त्रिपुरा के अगरतला में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह मशीन बैटरी से चलती है और इससे आसानी से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है.
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले नया ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनें खरीदेगा. सीईसी ने यह भी कहा कि ईवीएम और वीवीपीएटी का इस्तेमाल त्रिपुरा के सभी 3170 मतदान केंद्रों पर किया जाएगा. त्रिपुरा में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
त्रिपुरा के मतदाताओं की अंतिम सूची पांच जनवरी को प्रकाशित की जाएगी और राज्य विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा उसके बाद की जाएगी. मसौदा सूची के अनुसार, 12.30 लाख महिलाओं समेत 25.05 लाख लोग 2018 में राज्य में मतदान करने के योग्य हैं.
उन्होंने कहा कि फर्जी, मृत और विदेशी मतदाताओं समेत 28,000 से अधिक अयोग्य मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिये गए हैं. जोति ने कहा कि त्रिपुरा विधानसभा के चुनाव निर्बाध तरीके से कराने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी. साथ ही, बांग्लादेश से लगी 856 किलोमीटर लंबी सीमा सील कर दी जाएगी.
जोति के नेतृत्व में चुनाव आयोग के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और मुख्य चुनाव अधिकारी के साथ बैठक की. चुनाव आयोग का प्रतिनिधिमंडल राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों की निगरानी के लिए पहुंचा था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)