यह मामला तमिलनाडु में दो दलित किसानों को ईडी द्वारा समन जारी करने पर हुए विवाद से संबंधित था, जिसकी जांच बाद में बंद कर दी गई थी. निलंबित भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी बी. बालामुरुगन ने बीते 2 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बर्ख़ास्त करने की मांग की थी.
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजनीतिक उपकरण में बदलने का आरोप लगाने वाले भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी बी. बालमुरुगन को केंद्र सरकार ने बीते 29 जनवरी को निलंबित कर दिया.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के एक निलंबन आदेश में कहा गया है कि चेन्नई में डिप्टी कमिश्नर, गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के पद पर कार्यरत बालामुरुगन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही पर विचार किया जा रहा है. आदेश, जिसकी एक प्रति अखबार ने देखी है, में कोई अन्य कारण नहीं बताया गया है. निलंबित आईआरएस अधिकारी 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होने वाले हैं.
यह तमिलनाडु में दो दलित किसानों को ईडी द्वारा समन जारी करने पर हुए विवाद से संबंधित था (जिसकी जांच बाद में बंद कर दी गई थी). निलंबित आईआरएस अधिकारी ने बीते 2 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर सीतारमण को बर्खास्त करने की मांग की थी.
72 और 67 साल के दो किसान भाइयों ने एक स्थानीय भाजपा नेता जी. गुणशेखर पर उनकी जमीन को अवैध रूप से हड़पने की कोशिश करने का आरोप लगाया था.
आईआरएस अधिकारी ने अपने पत्र में कहा था, ‘उपरोक्त घटना से पता चलता है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कैसे भाजपा का विस्तारित हाथ बन गया है. वास्तव में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कार्यभार संभालने के बाद ईडी को सफलतापूर्वक भाजपा की ईडी में बदल दिया है.’
ईडी ने जुलाई 2023 में किसानों को समन जारी किया था, जो इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर फिर से सामने आया, जिससे विवाद पैदा हो गया, क्योंकि समन और ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) में उनकी जाति का उल्लेख किया गया था, जो पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के बराबर है.
रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 4 जनवरी को ईडी अधिकारियों ने कहा था कि किसान भाइयों एस. कन्नैयन और एस. कृष्णन के खिलाफ मामला बंद कर दिया गया है, क्योंकि जिस अपराध के आधार पर जांच शुरू हुई थी वह पहले ही हो चुका है. उन्होंने कहा था कि संघीय एजेंसी का किसानों को परेशान करने का कोई इरादा नहीं था.
निलंबित आईआरएस अधिकारी ने अखबार को बताया, ‘मैं भी दलित हूं. मैं किसानों की कठिनाइयों को जानता था.’
इस घटना के बाद जब 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर केंद्र सरकार के कार्यालय आधे दिन के लिए बंद थे, तो निलंबित अधिकारी ने सीतारमण और केंद्रीय राजस्व सचिव को लिखा था कि वह काम करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा था, ‘इससे वे और अधिक चिढ़ गए. जाहिर तौर पर इन दो घटनाओं के कारण मुझे निलंबित कर दिया गया है. वे मुझे सबक सिखाना चाहते हैं.’