ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के तहखाने में ज़िला प्रशासन द्वारा पूजा करवाने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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वाराणसी की एक अदालत द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने के अंदर पूजा करने की अनुमति देने के आदेश के चौबीस घंटे से भी कम समय में जिला प्रशासन ने गुरुवार को उक्त स्थान पर पूजा-अर्चना करवाई. बुधवार को जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश ने जिलाधिकारी को तहखाने को अपने कब्जे में लेने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि अगले 7 दिनों में वहां पूजा शुरू हो जाए. रिपोर्ट के अनुसार,  ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर मामले में हिंदू वादियों के वकीलों में से एक विष्णु शंकर जैन ने कहा कि अदालत के आदेशों का अनुपालन में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के एक पुजारी ने मस्जिद के तहखाने में ‘प्रतिमाएं स्थापित करने’ के बाद ‘शयन आरती’ की थी. जैन ने यह भी बताया कि रोज़ वहां पांच बार सुबह 3:30 बजे, दोपहर 12 बजे (भोग), शाम 4 बजे, शाम 7 बजे और रात 10:30 बजे आरती होगी. उधर, मस्जिद के देखभाल करने वालों  ने जिला अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए और अदालत के आदेश के अनुपालन के जल्दबाजी भरे तरीके पर आपत्ति जताते हुए तत्काल इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया है.

आईआईटी, बॉम्बे ने सांस्कृतिक कार्यकर्ता, साहित्यिक आलोचक और बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के पूर्व प्रोफेसर गणेश देवी के एक लेक्चर को आखिरी समय में रद्द कर दिया. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, देवी को आईआईटी बॉम्बे के अधिकारियों द्वारा ‘इंस्टिट्यूट लेक्चर’ श्रृंखला के हिस्से के रूप में ‘द क्राइसिस विदइन: ऑन नॉलेज एंड एजुकेशन इन इंडिया’ शीर्षक पर 31 जनवरी को व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया था, जिसके बारे में छात्रों और शिक्षकों को एक महीने पहले ही बता दिया गया था. हालांकि, 30 जनवरी को अधिकारियों ने छात्रों और संकाय सदस्यों को सूचित किया कि ‘अप्रत्याशित परिस्थितियों के चलते लेक्चर रद्द कर दिया गया है.संस्थान द्वारा को अकादमिक कार्यक्रम रद्द करने का यह कोई पहला मामला नहीं है. संस्थान ने पिछले साल नवंबर में प्रोफेसर अचिन वानाइक के ‘इजरायल-फिलिस्तीन: ऐतिहासिक संदर्भ’ लेक्चर को रद्द किया था. उससे पहले साल 2022 में वामपंथी राजनीति पर ‘आधुनिक भारत में राजनीतिक वामपंथ की संस्कृतियां’ शीर्षक वाले दो दिवसीय सम्मेलन को भी रद्द किया गया था.

रिज़र्व बैंक के डेटा का विश्लेषण बताता है कि देश में सर्कुलेशन (चलन) में करेंसी की मात्रा में वृद्धि दर्ज की गई है. इकोनॉमिक टाइम्स के विश्लेषण के अनुसार, अक्टूबर 2023 से लेकर 19 जनवरी 2024 तक आरबीआई के ताजा आंकड़े करेंसी के इस्तेमाल में तेज वृद्धि का इशारा करते हैं, जो पिछले वर्ष से पहले के वित्तीय वर्षों में चलन में रहे करेंसी के उच्च स्तर के लगभग बराबर है. इससे पहले अक्टूबर 2023 में एक रिपोर्ट में सामने आया था कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सर्कुलेशन में करेंसी की मात्रा में गिरावट दर्ज की गई थी दी थी और कम से कम 10 वर्षों में पहली छमाही में ऐसा पहली बार हुआ था. 31 मार्च 2023 को चलन में 33.78 ट्रिलियन रुपये की करेंसी थी, जो 22 सितंबर को लगभग 76,658 करोड़ रुपये गिरकर 33.01 ट्रिलियन रुपये हो गई. तब इसकी वजह 2,000 रुपये के नोट को वापस लेना बताया गया था.

दिल्ली के महरौली क्षेत्र में अखुंदजी मस्जिद ढहाने को लेकर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) पर बिना नोटिस कार्रवाई करने का आरोप लगा है. द हिंदू के अनुसार, डीडीए ने मंगलवार (30 जनवरी) तड़के महरौली इलाके में स्थित क़रीब 600 साल पुरानी अखुंदजी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया. मस्जिद के मौलवी मोहम्मद जाकिर हुसैन ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने पूर्व सूचना नहीं दी और अधिकारियों के एक समूह ने उन्हें सुबह 5:30 बजे ही मस्जिद खाली करने के लिए कहा. संजय वन और महरौली ईदगाह के बीच स्थित मस्जिद का रखरखाव वक्फ बोर्ड द्वारा किया जा रहा था और इसके परिसर में एक मदरसा चलता था और एक क़ब्रिस्तान भी था. ध्वस्तीकरण की पूर्व सूचना न देने के आरोपों पर डीडीए के एक अधिकारी ने कहा है कि सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया था. अधिकारियों ने इस कार्रवाई को अतिक्रमण के खिलाफ एजेंसी के अभियान का हिस्सा बताया.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि उनकी सरकार राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू करने की अनुमति कभी नहीं देगी. हिंदुस्तान टाइम्स मुताबिक, वे केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर के उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे कि हफ्तेभर में सीएए एक सप्ताह में न केवल बंगाल में बल्कि पूरे देश में लागू किया जाएगा. स्टालिन ने कहा, ‘2021 में जैसे ही हम सत्ता में आए, हमने सीएए को वापस लेने की मांग करते हुए विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया. द्रमुक सरकार तमिलनाडु में इसे कभी भी लागू करने की अनुमति नहीं देगी.’ इससे पहले बीते 29 जनवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि भाजपा हमेशा किसी भी चुनाव से पहले सीएए का मुद्दा उठाती है.