गुजरात चुनाव राउंडअप: प्रदेश में 8.94 लाख लीटर शराब, 1.67 करोड़ नकदी बरामद. राहुल का किसानों से वादा, राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो क़र्ज़ माफ़. रूपाणी ने कहा, जीडीपी के ताज़ा आंकड़े आलोचकों का मुंह बंद कर देंगे.
नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर रुख जारी रखते हुए उनसे पूछा कि निजी कंपनियों से ऊंची दरों पर बिजली खरीदकर जनता के पैसों को क्यों उड़ाया गया.
गांधी ने एक दिन में एक सवाल श्रृंखला के तहत मोदी से तीसरा सवाल पूछा कि वर्ष 2002 से 2016 के बीच 62,549 करोड़ रुपये की बिजली खरीदकर चार निजी कंपनियों का खजाना क्यों भरा गया.
उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री से मेरा तीसरा सवाल है कि वर्ष 2012 से 2016 के बीच 62,549 करोड़ रुपये की बिजली खरीदकर चार निजी कंपनियों का खजाना क्यों भरा गया.
इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया था कि आखिर आपके वित्तीय कुप्रबन्धन व पब्लिसिटी की कीमत गुजरात की जनता क्यों चुकाए.
प्रधानमंत्री से दूसरा सवाल करते हुए राहुल ने ट्वीट किया था, 22 सालों का हिसाब,गुजरात मांगें जवाब.
उन्होंने लिखा, गुजरात के हालात पर प्रधानमंत्री जी से दूसरा सवाल: 1995 में गुजरात पर कर्ज -9,183 करोड़ रुपये. 2017 में गुजरात पर कर्ज -2,41,000 करोड़ रुपये. यानी हर गुजराती पर 837737,000 का कर्ज.
उनके ट्वीट की अंतिम लाइन है, आपके वित्तीय कुप्रबन्धन व पब्लिसिटी की कीमत गुजरात की जनता क्यों चुकाए.
गौरतलब है कि राहुल ने इससे पहले ट्वीट किया था, 22 सालों का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब. गुजरात के हालात पर प्रधानमंत्रीजी से पहला सवाल: 2012 में वादा किया कि 50 लाख नए घर देंगे. 5 साल में बनाए 4.72 लाख घर. प्रधानमंत्री जी बताइए कि क्या ये वादा पूरा होने में 45 साल और लगेंगे.
जीडीपी के ताजा आंकड़े मोदी के आलोचकों का मुंह बंद कर देंगे: रूपाणी
अहमदाबाद: कांग्रेस और इसके उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर अर्थव्यवस्था की हालत को लेकर अनावश्यक हंगामा खड़ा करने का आरोप लगाते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि जीडीपी के ताजा आंकड़े उन लोगों का मुंह बंद कर देंगे जो कौवे की तरह शोर मचा रहे हैं.
रूपाणी ने आरोप लगाया कि राहुल ने जीएसटी की आलोचना करने के लिये अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस की ओर से हल्ला मचाने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किये गए ये दोनों फैसले फलदायी साबित हुए हैं.
रूपाणी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जब से मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नोटबंदी और जीएसटी जैसे कुछ साहसिक फैसले किए हैं, कांग्रेस नेताओं ने काफी हंगामा किया और दावा किया कि इन कदमों से अर्थव्यवस्था की हालत में गिरावट आई है. वे कौवे की तरह शोर मचाते हुए दावा कर रहे हैं कि व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
रूपाणी 2017-18 की जुलाई से सितंबर की अवधि में जीडीपी वृद्धि दर बढ़कर 6.3 फीसदी होने का उल्लेख कर रहे थे.
गुजरात में 8.94 लाख लीटर शराब, 1.67 करोड़ नकदी बरामद
नई दिल्ली: विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया के दौरान गुजरात में लगभग 8.94 लाख लीटर शराब, 1.67 करोड़ रुपये की नकदी व आठ करोड़ रुपये मूल्य का सोना बरामद किया गया है. यह बरामदगी चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त निगरानी व व्यय निगरानी टीमों ने की है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चुनाव आयोग की टीमों ने अब तक राज्य में 20.20 करोड़ रुपये मूल्य की शराब बरामद की है. गुजरात में शराबबंदी है.
आंकड़ों के अनुसार इन टीमों ने कुल मिलाकर 1.67 करोड़ रुपये की अवैध नकदी, 8.17 करोड़ रुपये मूल्य का 37.63 किलो सोना व अन्य कीमती धातुएं तथा 3.5 लाख रुपये मूल्य के नशीले पदार्थ बरामद किए हैं.
इसके अलावा कई कुछ लाख रुपये की विदेशी मुद्रा भी ब्रिटिश पौंड आदि के रूप में मिली है.आयोग ने गुजरात में लगभग 100 चुनाव व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं. गुजरात में 182 सीटों के लिए 9 व 14 दिसंबर को मतदान होना है.
राहुल का गुजरात के किसानों से वादा, राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो कर्ज माफ
लाठी: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात के चुनावी दंगल में किसानों का रुख कांग्रेस की तरफ करने का प्रयास करते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी प्रदेश की सत्ता में आई तो किसानों के कर्ज माफ कर दिये जायेंगे.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी को रबड़ स्टैम्प करार देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह देश के इस पश्चिमी राज्य को रिमोट कंट्रोल से चला रहे हैं.
गांधी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने अपने पांच-दस उद्योगपति मित्रों के 1.25 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किये लेकिन जब किसानों ने इसकी मांग मोदीजी और वित्तमंत्री अरुण जेटली जी से की तो उन्होंने कहा कि किसानों के कर्ज माफ करने की उनकी नीति नहीं है.
राहुल यहां अपने दो दिन के दौरे के दूसरे दिन पाटीदार बाहुल्य वाले अमरेली जिले में चुनाव प्रचार कर रहे थे.
उन्होंने चुनावी बैठक में कहा, मोदीजी 22 वर्ष तक किसानों की बात करते रहे लेकिन आपको कुछ नहीं मिला, आपकी जमीन ले ली गई, आपका पानी उद्योगपतियों को दे दिया गया और आपको फसल बीमा नहीं मिल रहा है.
उन्होंने कहा, हम आपसे वादा करते हैं कि हम गुजरात में सरकार बनाने के 10 दिनों के भीतर आपके कर्ज को माफ करने के लिए एक नीति बनायेंगे.
अब चिदंबरम का सवाल: क्या मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार भी स्टूपिड हैं
नई दिल्ली: माल एवं सेवा कर की अधिकतम सीमा 18 फीसदी तय करने संबंधी कांग्रेस की मांग की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आलोचना किए जाने के अगले ही दिन पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सवाल किया है कि क्या समान विचार रखने वाले सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार भी स्टूपिड हैं.
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, यदि कर की दर को अधिकतम 18 प्रतिशत तय करने की दलील ग्रैंड स्टूपिड थॉट बहुत बकवास विचार है तो, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉक्टर अरविन्द सुब्रमणयम और और अन्य कई अर्थशास्त्री थी स्टूपिड हैं. क्या प्रधानमंत्री ऐसा कह रहे हैं?
गुजरात में चार रैलियों को संबोधित करने के दौरान मोदी ने जीएसटी पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा था.
उन्होंने कहा कि हाल में एक अर्थशास्त्री उभरे हैं जो जीएसटी की दर 18 फीसदी पर सीमित करने का सुझाव देकर ग्रैंड स्टूपिड थॉट जीएसटी जाहिर कर रहे हैं.
सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के खिलाफ थे नेहरू: भाजपा
वड़ोदरा: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को गुजरात के ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर का दौरा किया जिस पर भाजपा ने दावा किया कि राहुल के पिता के नाना और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इस प्रसिद्ध मंदिर के पुनर्निर्माण का विरोध किया था.
भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने कहा कि नेहरू ने सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का विरोध किया था जिसे महमूद गजनी ने तोड़ दिया था. राहुल के मंदिर जाने का क्या मकसद है.
सिंह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष पर गुजरात के किसानों को गुमराह करने की कोशिश का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहाकि राहुल गांधी गुजरात के किसानों और आम लोगों को गुमराह कर रहे हैं और उन्हें खेती का बुनियादी ज्ञान नहीं है.
सिंह ने कहा, राहुल राजनीतिक रूप से भोले हैं और उन्हें अनुभव नहीं है. दरअसल पूरा नेहरू-गांधी परिवार खेती की बुनियादी बातों को नहीं जानता.
सौराष्ट्र में वर्ष 2012 के प्रदर्शन को दोहराने में विकास परियोजनाएं बन सकती है बाधा
राजकोट: भारतीय जनता पार्टी गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में पिछले विधानसभा चुनावों में किए गए अपने दमदार प्रदर्शन को दोहराने की इच्छुक है लेकिन इस बार उसे विपरीत स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है.
इस बार की जीत के रास्ते में अधूरी परियोजनाओं, नोटबंदी का असर और जीएसटी पर लोगों की नाराजगी रोड़े अटका सकती है.
182 सदस्यों वाली गुजरात विधानसभा में सौराष्ट्र से 48 विधायक हैं. भाजपा ने वर्ष 2012 के राज्य विधानसभा चुनावों में इस क्षेत्र से 32 सीटों पर जीत हासिल की थी.
विपक्षी पार्टियां सरकार पर विभिन्न विकास कार्यों को पूरा कर पाने में असफल होने का आरोप लगा रही है. इनमें खासकर नहर संपर्क और सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं.
सौराष्ट्र के लिए भाजपा के प्रवक्ता राजू ध्रुव ने इस पर आंशिक रूप से सहमत होते हुए दावा किया कि इनमें से ज्यादातर परियोजनाएं पूरी होने के कगार पर हैं इसलिए पार्टी को इन्हें पूरा करने के लिए एक बार फिर जीतने की जरूरत है.
सौराष्ट्र गुजरात का सबसे बड़ा क्षेत्र है जिसके अंतर्गत 11 जिले आते हैं. पिछले साल गुजरात सरकार को ऊना में दलितों के आक्रोश का सामना करना पड़ा था जहां गोरक्षकों ने दलित समुदाय के कुछ लोगों को प्रताड़ित किया था. इस घटना का वीडियो वायरल हो गया था और समाचारों की सुर्खियां बना था.
इसके अलावा नोटबंदी के परिणामों और जीएसटी से आ रही शुरुआती समस्याएं भी भगवा पार्टी के लिए चिंता का विषय है जो दो दशक से भी ज्यादा समय से राज्य में सत्ता पर काबिज है.
गुजरात कांग्रेस सचिव और पार्टी की राजकोट इकाई के प्रमुख महेश राजपूत ने कहाकि भाजपा सत्ता में आने के लिए संघर्ष कर रही है. पार्टी ने हार्दिक पटेल को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए सत्ता का गलत इस्तेमाल किया और वह सोशल मीडिया के माध्यम से कई झूठ प्रचारित कर रही है. भाजपा विकास के अलावा सबकुछ कर रही है और अधूरी परियोजनाएं इस बात का सटीक उदाहरण हैं.
मोदी, राहुल के मंदिर जाने पर सिसोदिया का व्यंग्य
नई दिल्ली: गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के मंदिरों में जाने पर व्यंग्य करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि काश नेताओं में चुनाव से पहले सरकारी स्कूलों के दर्शन करने की परंपरा होती.
दोनों बड़े राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं के मंदिर में जाने पर चुटकी लेते हुए सिसोदिया ने देश की शिक्षा व्यवस्था पर भी चोट की है.
सिसोदिया ने ट्वीट किया, अगर चुनावों से ठीक पहले मंदिर-दर्शन की जगह सरकारी स्कूलों के दर्शन की राजनीतिक परंपरा होती तो देश के हर बच्चे को आज बेहतरीन शिक्षा मिल रही होती. शिक्षित राष्ट्र-समर्थ राष्ट्र.
गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा के मद्देनजर चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी लगातार प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों में जा कर पूजा अर्चना कर रहे हैं.
पिछले दिनों मोदी ने प्रदेश के प्रसिद्ध द्वारकाधीश और सोमनाथ मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पूजा की है. वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष ने भी सोमनाथ मंदिर में पूजा की।
ग्रामीण सौराष्ट्र में जल संकट और अधूरी सिंचाई परियोजनाओं के मुद्दों को उठाकर अपनी जमीन मजबूत करने की कोशिश में कांग्रेस
राजकोट: कांग्रेस सौराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी जमीन को मजबूत करने के लिए मुख्य तौर पर जल संकट और अधूरी सिंचाई परियोजनाओं से जुड़े मुद्दे को उठा रही है. पार्टी को लगता है कि इन समस्याओं से लोग खुद को हाशिये पर पा रहे हैं.
विपक्षी दल ने 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में सौराष्ट्र क्षेत्र की 48 में से 13 सीटें जीती थी जबकि भाजपा ने 32 सीटों पर जीत का परचम लहराया था.
भाजपा के विकास के दावे को धाराशायी करने के लिए विपक्षी पार्टी ने इस बार एक सोशल मीडिया यूजर द्वारा दिये गए एक गुजराती नारे विकास गांडो थायो छे (विकास पागल हो गया)का जबरदस्त इस्तेमाल किया है.
कांग्रेस ग्रामीण इलाकों में जल की कमी के मुद्दे को रेखांकित करने पर लगी हुई है. कांग्रेस की गुजरात इकाई के सचिव महेश राजपूत ने दावा किया कि शहरी इलाकों को पर्याप्त पानी मिलता है लेकिन सौराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को ऐसा लगता है कि उनको हाशिए पर छोड़ दिया गया है.
राजपूत ने कहाकि भाजपा के धुआंधार अभियान का सोशल मीडिया पर मजाक उड़ाया जाना पहला संकेत है कि सत्तारुढ़ दल बैकफुट पर जा रही है. हमने इन मामलों में दखल देने और जल संकट, अवसंरचना और ग्रामीण इलाकों में आय बेहतर करने की जरूरत जैसे बुनियादी मुद्दों को उठाने का फैसला किया.
इसके अलावा पार्टी को पाटीदार आरक्षण आंदोलन, किसानों की दयनीय स्थिति और सौराष्ट्र में नोटबंदी के प्रभावों का भी लाभ मिलने की उम्मीद है.
राजपूत ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त में सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई परियोजना एसयूयूएनआई के शुरू होने से संबंधित उत्सव में हिस्सा लेने के लिए राजकोट के दौरे को आंख में धूल झोंकने वाला बताया. परियोजना अब तक पूरी नहीं हुई है लेकिन मोदी और भाजपा ने दिखाया कि पूरी परियोजना पांच वर्ष में पूरी हो चुकी है.
उन्होंने दावा किया, ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति के लिए नहर और पाइपलाइन बनाने का अहम काम अब भी अधूरा है.
स्थानीय कांग्रेस नेताओं के अनुसार 2012 के विधानसभा चुनावों से पहले एसयूयूएनआई परियोजना की घोषणा से भाजपा को बहुत बल मिला था.
कांग्रेस के एक नेता ने कहा, एसयूयूएनआई परियोजना पूरे सौराष्ट्र के लिए एक बड़ा वादा था. लोगों ने उनकी मोदी की बातों पर भरोसा करके उनको वोट दिया. इसलिए भाजपा ने सौराष्ट्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया.
2012 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा भी एक चीज थी….जो एक भावनात्मक मुद्दा बन गया.
उन्होंने दावा किया, पिछले तीन वर्ष में चीजें बदली हैं. मोदी प्रधानमंत्री बने लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में जल संकट का शायद ही समाधान हुआ. नोटबंदी और जीएसटी से ग्रामीण एवं कस्बाई इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए.
सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में कांग्रेस प्रवक्ता निद्दत बारोट ने कहा कि किसानों को अपनी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है, यह भी एक प्रमुख मुद्दा है.
मोदी तीन दिसंबर को राजकोट में रैली करेंगे. सौराष्ट्र के सभी 11 जिलों में गुजरात चुनाव के पहले चरण में नौ दिसंबर को मतदान होंगे-
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)