छात्रा ने पहले इस संबंध में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन आरोपी सहायक प्रोफेसर के ख़िलाफ़ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. आरोप है कि आरोपी पिछले एक साल से उसे परेशान कर रहा था. छात्रसंघ ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के अलावा सहायक प्रोफेसर को निलंबित करने की मांग की है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद पुलिस ने बीते रविवार (4 फरवरी) को 23 वर्षीय स्नातक छात्रा की शिकायत के आधार पर बलात्कार और आपराधिक धमकी के आरोप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के 31 वर्षीय सहायक प्रोफेसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
छात्रा का आरोप है कि सहायक प्रोफेसर पिछले एक साल से उसे परेशान कर रहा था.
छात्रा ने पहले इस संबंध में विश्वविद्यालय अधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन आरोपी के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. सहायक पुलिस आयुक्त (इलाहाबाद) राजीव कुमार यादव ने बताया कि छात्रा का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है और मामले की जांच की जा रही है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के अलावा सहायक प्रोफेसर को निलंबित करने की मांग की है.
पुलिस के अनुसार, छात्रा ने दावा किया कि सहायक प्रोफेसर ने पिछले साल उसके सामने प्रेम प्रस्ताव रखा था और जब उसने उसे अस्वीकार कर दिया, तो उसने लगातार उसके मोबाइल फोन पर कॉल करना और मैसेज भेजना शुरू कर दिया.
अपना नंबर ब्लॉक होने के बाद आरोपी ने छात्रा से संपर्क करने के लिए अलग-अलग फोन नंबरों का सहारा लिया. छात्रा ने आरोप लगाया कि सहायक प्रोफेसर ने कैंसर से पीड़ित होने का झूठा दावा करके इमोशनल ब्लैकमेल करने का भी प्रयास किया.
आरोपी ने कथित तौर पर छात्रा को अपने घर बुलाया और धमकी दी कि अगर उसने उससे मिलने से इनकार किया तो वह खुद को मार डालेगा. छात्रा ने दावा किया कि इसके बाद वह घर पर गई.
उस समय से आरोपी ने उसे इस बहाने से अपने घर पर बुलाया और तर्क दिया था कि एक शिक्षक और छात्रा के लिए सार्वजनिक रूप से मिलना अनुचित होगा.
छात्रा ने दावा किया कि सहायक प्रोफेसर उसे अपने घर ले गया और उसका यौन उत्पीड़न किया, जिसके परिणामस्वरूप उसकी तबीयत खराब होने के कारण उसे रात भर वहीं रहना पड़ा.
अगली सुबह जब वह जा रही थी, आरोपी ने कथित तौर पर उसे धमकी दी और घटना के बारे में किसी को बताने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि प्रोफेसर घटना के बाद से उन्हें लगातार धमकी दे रहे हैं.
विश्वविद्यालय में छात्र नेता और एबीवीपी के राज्य मीडिया संयोजक अभिनव मिश्रा ने कहा कि उन्होंने स्नातक छात्रा के आरोपों की एक उच्चस्तरीय समिति से जांच और सहायक प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.