सुप्रीम कोर्ट के चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लोकतंत्र की हत्या जैसा बताने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में पीठासीन अधिकारी के आचरण पर की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वहां जो कुछ हुआ वह लोकतंत्र की हत्या के समान है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने निर्देश दिया कि 30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर के चुनाव से संबंधित पूरा रिकॉर्ड सोमवार शाम 5 बजे तक पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सौंपा जाए. सीजेआई चंद्रचूड़ ने आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सवाल किया, ‘क्या यह रिटर्निंग ऑफिसर का आचरण है? … इस रिटर्निंग ऑफिसर को बताएं कि सुप्रीम कोर्ट की नज़र उन पर है. और हम इस तरह से लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे. इस देश की सबसे बड़ी ताकत चुनावी प्रक्रिया की शुचिता है, लेकिन यहां क्या हो रहा है!’ पीठ ने आदेश दिया कि 7 फरवरी को होने वाली नवनिर्वाचित परिषद की बैठक को अगले आदेश तक स्थगित किया जाए.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता चंपई सोरेन ने झारखंड विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है. हेमंत सोरेन की विवादास्पद गिरफ्तारी के बाद सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को हुए फ्लोर टेस्ट में चंपई सोरेन को 47 विधायकों का समर्थन मिला, जबकि 29 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया. झारखंड विधानसभा में 81 सदस्य हैं. झामुमो के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में 47 सदस्य हैं. इससे पहले विधायकों की किसी तरह की कथित खरीद-फरोख्त से बचने के लिए हैदराबाद गए झामुमो विधायक रविवार रात रांची लौटे थे. अदालत की इजाज़त से फ्लोर टेस्ट में शामिल होने वाले पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने सदन में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और कहा कि ‘हम जंगल से बाहर आकर इनके बराबर बैठ गए, तो इनके कपड़े मैले हो गए. आदिवासी हूं, कानून की उतनी जानकारी नहीं जितनी विपक्ष को है लेकिन सही गलत समझता हूं.’ उन्होंने राज्यपाल पर उनकी गिरफ्तारी में शामिल होने का भी आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा डरकर नहीं भागेगा, और आदिवासियों, दलितों और हाशिये पर पड़े लोगों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगा.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वादा किया है कि अगर आगामी लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की जीत हुई, तो देशभर में जाति जनगणना कराई जाएगी और आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की सीमा हटा दी जाएगी. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, झारखंड के रांची में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने दावा किया कि दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों को ‘बंधुआ मजदूर’ बनाया गया और बड़ी कंपनियों, अस्पतालों, स्कूलों, कॉलेजों और अदालतों में उनकी भागीदारी कम है. यह देखते हुए कि मौजूदा मानदंडों के तहत 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है, गांधी ने वादा किया कि कांग्रेस की हिस्सेदारी वाला इंडिया गठबंधन सरकार बनाता है, तो इस सीमा को हटा देगा. उन्होंने जोड़ा, ‘दलितों और आदिवासियों के आरक्षण में कोई कटौती नहीं होगी. मैं आपको गारंटी दे रहा हूं कि समाज के पिछड़े वर्गों को उनका अधिकार मिलेगा. सबसे बड़ा मुद्दा है- सामाजिक और आर्थिक अन्याय.’

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के निवासियों को निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण देने वाले कानून पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस आदेश ‘असंवैधानिक’ बताया था, जिसे हरियाणा सरकार ने चुनौती दी है. एनडीटीवी के अनुसार, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने हरियाणा सरकार द्वारा दायर अपील पर भारत सरकार और फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन को नोटिस जारी किया है. हरियाणा सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला तर्कहीन था. हाईकोर्ट ने हरियाणा के विभिन्न औद्योगिक निकायों द्वारा दायर कई याचिकाओं को सुनने के बाद अपना फैसला दिया था. 2020 में पारित हुए इस कानून को लेकर औद्योगिक निकायों की मुख्य शिकायत यह थी कि कानून नियोक्ताओं के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है क्योंकि निजी क्षेत्र की नौकरियां पूरी तरह से कौशल पर आधारित हैं और वो लोग, जो भारत के नागरिक हैं, उन्हें अपनी शिक्षा के आधार पर भारत के किसी भी हिस्से में नौकरी करने का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है.

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को किसी भी प्रकार के चुनाव प्रचार अभियान में बच्चों को शामिल करने से परहेज करने का निर्देश दिया है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, किसी भी चुनाव-संबंधी गतिविधियों में बच्चों के इस्तेमाल पर जीरो-टॉलरेंस की बात दोहराते हुए आयोग ने कहा कि पार्टियां किसी भी तरह की गतिविधि में बच्चों को शामिल नहीं करें, जहां किसी बच्चे को गोदी में पकड़ना, अपनी गाड़ी या वाहन में बच्चे को ले जाना या रैली में शामिल करना’ शामिल हो. आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों और रिटर्निंग अधिकारियों को बाल श्रम कानूनों और चुनावी दिशानिर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने की कहते हुए जोड़ा कि चुनाव मशीनरी द्वारा उनके अधिकारक्षेत्र के तहत इन प्रावधानों के किसी भी उल्लंघन पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

सरकार ने बताया है कि सीबीआई में 23% कर्मचारियों की कमी है और हज़ार से ज़्यादा केस लंबित हैं. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने अपनी 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि सीबीआई में विशेष निदेशक, संयुक्त निदेशक और डीआईजी के पद भी खाली हैं, क्योंकि 1,025 मामले (943 पंजीकृत मामले और 82 प्रारंभिक जांच) लंबित थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 दिसंबर 2022 तक सीबीआई की कुल स्वीकृत ताक़त 7,295 कर्मचारियों की थी, जिसके मुक़ाबले 5,600 अधिकारी पद पर थे.