ग़ायब परिजनों का पता लगाने के लिए विरोध कर रहीं बलोच महिलाओं की पाकिस्तान सरकार ने अनसुनी की

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में तक़रीबन एक महीने के ​आंदोलन के बाद बलोच महिलाओं ने बीते 22 जनवरी को इसे समाप्त कर दिया. महिलाओं ने पाकिस्तान सरकार पर उनके ख़िलाफ़ अत्याचार करने के आरोप लगाए हैं. इनके अनुसार, वे समाधान की तलाश में इस्लामाबाद आए थे, लेकिन इस्लामाबाद ने उनके ख़िलाफ़ हिंसा का एक और अध्याय जोड़ दिया.

/
बलूच महिलाओं के विरोध प्रदर्शन की एक तस्वीर. (सभी फोटो: वीनगैस)

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में तक़रीबन एक महीने के ​आंदोलन के बाद बलोच महिलाओं ने बीते 22 जनवरी को इसे समाप्त कर दिया. महिलाओं ने पाकिस्तान सरकार पर उनके ख़िलाफ़ अत्याचार करने के आरोप लगाए हैं. इनके अनुसार, वे समाधान की तलाश में इस्लामाबाद आए थे, लेकिन इस्लामाबाद ने उनके ख़िलाफ़ हिंसा का एक और अध्याय जोड़ दिया.

बलोच महिलाओं के विरोध प्रदर्शन की एक तस्वीर. (सभी फोटो: वीनगैस)

इस्लामाबाद/कराची: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में महीने भर से चल रहा बलोच महिलाओं का विरोध प्रदर्शन खत्म होने पर उन्होंने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, ‘इस्लामाबाद बलोच लोगों को पाकिस्तान के नागरिक के रूप में मान्यता नहीं देता है.’

पिछले आठ वर्षों से अपने भाई की तलाश कर रहीं हकमीन बलोच कहती हैं, ‘हमने खुद को समझाने की कोशिश की कि इस्लामाबाद कम से कम हमारी उपस्थिति को स्वीकार करेगा और हमारे दुखों को सुनने के लिए कुछ समय निकालेगा.’

कड़ाके की ठंड में यह विरोध प्रदर्शन बलोच यकजेहती समिति के तत्वावधान में किया गया था. प्रदर्शन की एक नेता महरंग बलोच कहती हैं, ‘हम नहीं जानते कि कैसे हमने यह यात्रा की. लेकिन जब आपके दिल में एक चिंगारी और आशा है, तो आप मौसम का भी मुकाबला कर सकते हैं.’

विरोध करने वालों में मारे गए बलोच व्यक्ति बालाच मोला बख्श की मां भी शामिल थीं. उन्होंने कहा, ‘हम अकेले हैं.’ उनके बेटे की हत्या के परिणामस्वरूप आंदोलन की शुरुआत हुई थी.

बलोच महिलाओं ने अपना विरोध प्रदर्शन खत्म कर दिया

22 दिसंबर 2023 को इस्लामाबाद में शुरू हुआ धरना 22 जनवरी 2024 को समाप्त हुआ. उपरोक्त हत्या के बाद नवंबर 2023 में आंदोलन शुरू हुआ और बाद में पीड़ितों के परिवारों और बलोचिस्तान की आबादी से समर्थन मिला.

इसे बलोचिस्तान के बाहर से भी समर्थन मिला और सिंध, दक्षिणी पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित-बाल्टिस्तान से जबरन गायब किए गए पीड़ितों के परिवार भी समर्थन में आ गए.

महरंग बलोच.

महरंग बलोच ने बीते 22 जनवरी को घोषणा की कि बलोच महिलाओं का विरोध प्रदर्शन समाप्त हो गया है और अगले दिन वे लोग बलोचिस्तान प्रांत के लिए प्रस्थान कर गईं.

उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद में उनके आगमन के बाद से उनके साथ सरकार द्वारा क्रूर व्यवहार किया गया है, इस तथ्य के बावजूद कि यह सरकार की हिंसा है, जिसे उनके लोगों ने बलोचिस्तान में दशकों तक सहा है.

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने धरने के दौरान उन्हें जीने के लिए जरूरी वस्तुओं से वंचित कर दिया था. पत्रकारों के संगठन द्वारा सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन में अपना पक्ष तय करने के एक अजीबोगरीब मामले में इस्लामाबाद के नेशनल प्रेस क्लब ने भी धरने के खिलाफ एक पत्र जारी किया था.

उन्होंने कहा, ‘हम समाधान की तलाश में इस्लामाबाद आए थे, लेकिन इसके बजाय इस्लामाबाद ने बलोच लोगों के खिलाफ हिंसा का एक और अध्याय जोड़ दिया.’

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि हमारे विरोध स्थल के करीब ही सरकार ने ‘हमारे आंदोलन के विरोध में एक और प्रदर्शन (काउंटर प्रोटेस्ट)’ खड़ा कर दिया, जिसका नेतृत्व ‘डैथ स्क्वाड के सदस्य’ कर रहे थे, जिन्हें बलोच महिलाओं के खिलाफ हिंसा इस्तेमाल करने के लिए बुलाया जा सकता था.

बलोच महिलाओं के विरोध प्रदर्शन की एक तस्वीर.

सरकार की क्रूर कार्रवाई

महरंग ने प्रेसवार्ता में कहा, ‘यह कोई धरना नहीं था, यह एक खुली जेल थी जिसमें हमें कैद किया गया था और सरकार की हर क्रूर कार्रवाई हमें तोड़ने के लिए थी.’

धरने की समाप्ति की घोषणा करने के बाद वह द वायर के साथ बैठीं और बलोच महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बारे में विस्तार से बताया, इस दौरान वह रो पड़ीं.

महरंग ने कहा कि शुरुआती दिनों में जब उनका आंदोलन क्वेटा पहुंचा था, तब उनके पास कोई टेंट नहीं था और उन्होंने आग के चारों ओर घेरा बनाकर समय गुजारा. उनके वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे और सर्दियों की ठंड में बारिश का पानी अंदर घुस गया था. गर्मी और सुरक्षा के लिए एक-दूसरे से लिपटकर उन्होंने अच्छे मौसम के लिए प्रार्थना की.

20 दिसंबर 2023 को जब उनका विरोध इस्लामाबाद पहुंचा तो प्रशासन और पुलिस ने उन्हें नेशनल प्रेस क्लब में जाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया.

महरंग वरिष्ठ नागरिकों के लिए चिंतित थीं, जब निर्णय लिया गया कि सड़क पर धरना दिया जाएगा. उनके पास शौचालय, भोजन और जलाऊ लकड़ी जैसी सुविधाओं का अभाव था. इसके बावजूद भी सभी प्रदर्शनकारी एकजुट थे और सड़क पर धरना शुरू कर दिया.

महरंग ने कहा, ‘मांओं ने हमारे फैसले का पूरी तरह से समर्थन किया और उन्होंने अपनी चप्पलों को खुले आसमान के नीचे तकिए में बदल दिया.’

इस्लामाबाद के रवैये ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त कर दिया है कि बलोच लोगों को राज्य का हिस्सा नहीं माना जाता है. प्रदर्शनकारियों को तार की बाड़ से घेर दिया गया था और उनकी निगरानी के लिए कैमरे लगाए गए थे. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हिंसा रोजमर्रा की बात थी.

ठंड में वे ‘चाय की तरह कफ सीरप’ पीती थीं. शौचालय का उपयोग करने से बचने के लिए उन्होंने पानी भी कम पिया.

प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान बड़े पैमाने पर उनकी अनदेखी करने के लिए मानवाधिकार संगठनों की भी आलोचना की.

बलोच महिलाओं के विरोध प्रदर्शन की एक तस्वीर.

कई लोगों ने कहा, ‘बलूचिस्तान में कई सामूहिक कब्रें हैं, जिनकी जांच की जानी चाहिए और डीएनए परीक्षण कराए जाने चाहिए. हालांकि, कोई भी मानवाधिकार संगठन इसके बारे में बात नहीं करता है.’

महरंग ने कहा कि लोगों को जबरन गायब किए जाने पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह ने उन्हें पत्र लिखकर कहा है कि वे जबरन गायब किए जाने के मुद्दे की जांच करने की अनुमति लेने के लिए पाकिस्तान को पत्र लिखते रहे हैं.

महरंग पूछती हैं, ‘संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह यह सार्वजनिक क्यों नहीं करता कि पाकिस्तान इन लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं करता है?’

उम्मीद खो दी है

अधिकांश पीड़ित परिवारों को पहले से ही पता था कि पाकिस्तान सरकार उनकी बात नहीं सुनेगी, लेकिन कई लोगों को हालिया प्रदर्शन में एक उम्मीद मिली.

सम्मी दीन बलोच, जो एक दशक पहले अपने पिता डॉ. दीन मोहम्मद बलोच के कथित अपहरण के बाद से उनके लिए आवाज उठा रहा हैं, ने कहा कि वह निराश नहीं हैं, क्योंकि वह पहले से ही सरकार के व्यवहार से अवगत थीं. उन्होंने कहा, ‘लेकिन इस बार, हमारा बलोच राष्ट्र हमारी ताकत बन गया है, और वे हमारे साथ हैं.’

रोबिना बलोच 9 साल से सरकार से अपने भाई के बारे में जानकारी मांग रही हैं कि वो कहां है. जब सरकार ने उनके खिलाफ हिंसा की तो वह समझ गईं कि सरकार उनके मामलों पर गौर नहीं करेगी. रोबिना को लगता है कि अदालत और मीडिया उसके सहायक हैं.

बलोच महिलाओं के विरोध प्रदर्शन की एक तस्वीर.

एक मां नाज़ बीबी बलोच ने कहा कि अगर इस आंदोलन के नेता नहीं होते तो वह इस्लामाबाद नहीं आतीं. उन्होंने कहा, ‘हर रात मैं उम्मीद करती हूं कि अगली सुबह मेरे बेटे के बारे में खबर लाएगी. इस्लामाबाद को एक मां का दुख महसूस नहीं होता है.’

एक अन्य परिवार के सदस्यों ने कहा कि वे अपने लापता रिश्तेदारों की तस्वीरें लेकर आए थे और अब तस्वीरें लेकर अपने घर लौट रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘कब तक हम तस्वीर लेकर सरकार से पूछेंगे कि हमारे परिवार के सदस्य कहां हैं?’

जनमत संग्रह

जब प्रदर्शनकारी बलूचिस्तान लौटीं तो उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. प्रदर्शनकारियों ने द वायर को बताया कि यह समर्थन किसी भी राजनीतिक समूह से अधिक है. स्थानीय लोगों ने राजनीतिक दलों के बैनर फाड़ दिए.

सम्मी ने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया और क्वेटा के नाम से मशहूर शाल में जनसभा में शामिल हुए. उन्होंने आगे कहा, ‘अब बलोच लोगों के पास अपना मंच है, जो उनके मुद्दों को बिना भेदभाव के उठाएगा.’

बलूचिस्तान सरकार ने शुरू में धारा 144 लगाकर बलोच महिलाओं को क्वेटा में बैठक करने से रोकने की कोशिश की था. बाद में, इसने उन्हें कुछ प्रतिबंधों के साथ सभा आयोजित करने की अनुमति दे दी.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बैठक ऐतिहासिक थी. एक प्रदर्शनकारी महिला ने कहा, ‘यह कोई बैठक नहीं है, बल्कि यह जनमत संग्रह है.’

महरंग ने आगे कहा, ‘हमने इस्लामाबाद में अपने तंबू समेट लिए हैं, लेकिन अपने उम्मीदें नहीं छोड़ी हैं.’

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games pkv games bandarqq dominoqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq https://sayalab.com.mx/lab/pkv-games/ https://sayalab.com.mx/lab/dominoqq/ https://sayalab.com.mx/lab/bandarqq/ https://blog.penatrilha.com.br/penatri/pkv-games/ https://blog.penatrilha.com.br/penatri/bandarqq/ https://blog.penatrilha.com.br/penatri/dominoqq/ http://dierenartsgeerens-mechelen.be/fileman/Uploads/logs/bocoran-admin-jarwo/ https://www.bumiwisata-indonesia.com/site/bocoran-admin-jarwo/ http://dierenartsgeerens-mechelen.be/fileman/Uploads/logs/depo-25-bonus-25/ http://dierenartsgeerens-mechelen.be/fileman/Uploads/logs/depo-50-bonus-50/ https://www.bumiwisata-indonesia.com/site/slot77/ https://www.bumiwisata-indonesia.com/site/kakek-merah-slot/ https://kis.kemas.gov.my/kemas/kakek-merah-slot/