निर्धारित समयसीमा तक पैन को आधार से लिंक न कराने पर जुर्माना 1,000 रुपये था. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया है कि 29 जनवरी, 2024 तक आधार से लिंक न होने वाले पैन की संख्या 11.48 करोड़ है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने समय सीमा के भीतर अपने पैन को अपने आधार कार्ड से लिंक नहीं कर पाने वाले डिफॉल्टरों से जुर्माने के रूप में 600 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है.
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि ’29 जनवरी 2024 तक आधार से लिंक न होने वाले पैन की संख्या 11.48 करोड़ है. इसमें छूट प्राप्त श्रेणियां शामिल नहीं हैं.’
5 फरवरी (सोमवार) को सदन में टीएमसी सांसद माला रॉय के एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे. ज्ञात हो कि निर्धारित समयसीमा तक पैन को आधार से लिंक न कराने पर जुर्माना 1,000 रुपये था.
चौधरी ने कहा, ‘जिन व्यक्तियों ने अपने पैन को आधार से लिंक नहीं किया है, उनसे 1 जुलाई 2023 से 31 जनवरी 2024 तक शुल्क का कुल संग्रह 601.97 करोड़ रुपये है.’
पैन और आधार को लिंक करने की आखिरी तारीख 30 जून 2023 थी. पिछले कुछ वर्षों में तारीख को कई बार आगे बढ़ाया गया है क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा लिंकेज की इस प्रक्रिया के कदम को विवादास्पद माना गया है.
पैन या स्थायी खाता संख्या 10 अंकों की यूनिक अल्फ़ान्यूमेरिक पहचान संख्या (अक्षर और संख्या दोनों सहित) है जो मुख्य रूप से उन भारतीयों को जारी की जाती है जो प्रत्यक्ष कर का भुगतान करते हैं.
आधार एक 12 अंकों की व्यक्तिगत पहचान संख्या है जो भारत के निवासियों के लिए पहचान प्रमाण और पते के प्रमाण के रूप में कार्य करती है. लेकिन आधार कई विवादों के घेरे में रहा है, खासकर इस बात को लेकर कि यह किस बात का वैध प्रमाण है.
पिछले महीने ही केंद्र सरकार ने कहा था कि आधार नागरिकता या जन्म तिथि का प्रमाण नहीं है और अब आधार कार्ड और डाउनलोड में आईडी पर ही यह डिस्क्लेमर दर्ज होता है.
आयकर विभाग के आदेश में कहा गया है कि यदि करदाता समय सीमा के भीतर अपने दस्तावेजों को आधार से लिंक करने में विफल रहते हैं तो पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाएंगे. इसके अलावा, ऐसे पैन में कोई रिफंड नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा, लिंक करने में विफलता पर स्रोत पर कर कटौती या टीडीएस या कर संग्रह की उच्च दर लागू होगी.
पिछले साल नवंबर में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के एक प्रश्न के आरटीआई जवाब के अनुसार, कुल 70.24 करोड़ पैन कार्ड धारकों में से 57.25 करोड़ ने अपने कार्ड को आधार से जोड़ा था. आरटीआई जवाब के अनुसार, 12 करोड़ से अधिक पैन कार्ड – जिनमें से 11.5 करोड़ निष्क्रिय कर दिए गए हैं – आधार से लिंक नहीं किए गए हैं.
2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश- जिसने पैन कार्ड को आधार से जोड़ने के सरकार के फैसले को बरकरार रखा, जबकि बिना आधार वाले लोगों के लिए जुर्माना कम कर दिया- में ‘सरकार की दलीलों को बिना सोचे-समझे स्वीकार करने‘ को लेकर काफी चर्चा हुई थी.