ईडी के अधिकारियों ने मंगलवार सुबह मनरेगा फंड के कथित गबन की जांच के सिलसिले में चिनसुराह स्थित सुभदीप साधुखा के घर पर उन्हें संदीप साधुखा समझकर छापा मारा. परिवार का कहना है कि उनके गलत पहचान की बात कहने पर भी ईडी अधिकारियों ने उनकी नहीं मानी.
कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी मंगलवार को पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में एक व्यवसायी के आवास पर पहुंचे, जबकि वास्तव में उन्हें जाना किसी अन्य व्यक्ति के यहां था.
एनडीटीवी के मुताबिक, पीड़ित परिवार ने ऐसी घटना की दोबारा होने पर केंद्रीय एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी.
केंद्रीय बलों के जवानों के साथ ईडी अधिकारियों की एक टीम ने मंगलवार सुबह चिनसुराह में सुभदीप साधुखा के घर पर छापा मारा, यह समझकर कि वह संदीप साधुखा है.
यह छापेमारी मनरेगा फंड के कथित गबन की जांच के सिलसिले में थी.
सुभदीप के पिता ने कहा, ‘शुरुआत में ईडी अधिकारियों ने हमारी बात नहीं सुनी. हमने उन्हें बार-बार बताया कि मेरा बेटा सुभदीप है, संदीप नहीं, लेकिन वे हमें परेशान करते रहे. ईडी के दस अधिकारी छापा मारने आए थे.’
सुभदीप खांसी-खराश में खाई जाने वाली दवाओं का पारिवारिक व्यवसाय संभालते हैं और वे कई दशकों से चिनसुराह में रह रहे हैं.
नाराज पिता ने कहा, ‘हम हैरान हैं. यह हमारे परिवार का बहुत बड़ा अपमान है. अगर ऐसी गलतियां दोहराई गईं तो हम कानूनी मदद लेंगे.’
ईडी की छापेमारी का विरोध करने वाले स्थानीय लोगों ने परिवार को सभ्य और क्षेत्र में जाना-पहचाना बताया.
एक स्थानीय निवासी ने कहा, ‘किसी भी केंद्रीय जांच एजेंसी से ऐसी गलतियों की उम्मीद नहीं की जाती है.’
केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी जल्द ही वहां से निकल गए और सही पते पर पहुंचे, जहां उन्होंने करीब सात घंटे तक तलाशी अभियान चलाया.
एनडीटीवी ने बताया है कि संपर्क करने पर ईडी के एक अधिकारी ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.