द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार की विफलताओं पर एक ब्लैक पेपर जारी किया, जिसमें पिछले दस वर्षों में ‘आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक अन्याय’ को उजागर किया गया. रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में एक प्रेस वार्ता में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘10 साल अन्याय काल’ नाम का 54 पेज का दस्तावेज़ जारी करते हुए दावा किया कि मोदी सरकार ने अपने दस वर्षों के कार्यकाल में ‘देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है, बेरोजगारी बढ़ गई है, देश के कृषि क्षेत्र को नष्ट कर दिया, महिलाओं के खिलाफ अपराधों को बढ़ावा दिया और देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ गंभीर अन्याय किया.’ खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जब भी संसद में अपनी बात रखते हैं तो अपनी असफलताओं को छिपाते हैं. वहीं, जब हम सरकार की असफलताओं के बारे में बोलते हैं, तब उसे महत्व नहीं दिया जाता है. इसलिए हम ब्लैक पेपर निकालकर जनता को सरकार की विफलताओं के बारे में बताना चाहते हैं. पार्टी के ब्लैक पेपर में बढ़ती महंगाई, अपराध और बेरोजगरी के संबंध में सरकार के विभिन्न दावों पर सवाल उठाए गए हैं.
असम सरकार ने बताया है कि सीएम हिमंता बिस्वा और अन्य वीआईपी लोगों की की हवाई यात्रा पर सरकारी खजाने से 58,23,07,104 रुपये खर्च किए गए. द वायर और द क्रॉसकरंट द्वारा असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की चार्टर्ड उड़ानों से गैर-सरकारी यात्रा पर असम सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करने पर की रिपोर्ट प्रकाशित होने के तीन दिन बाद राज्य सरकार ने विधानसभा को बताया है कि 10 मई, 2021 से 30 जनवरी तक, 2024 तक ‘सीएम और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के एयरलिफ्ट/हेलीकॉप्टर शुल्क’ पर राज्य के खजाने से कुल 58,23,07,104 रुपये खर्च किए गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, यह जवाब 6 फरवरी को शिवसागर से विधायक और रायजोर दल के नेता अखिल गोगोई के लिखित प्रश्नों के एक सेट के जवाब में दिया गया. हालांकि, सरकार ने विशेष रूप से सरमा द्वारा चार्टर्ड उड़ानों पर खर्च की गई राशि का विवरण नहीं दिया. विधायक ने खास तौर पर इसी की जानकारी मांगी थी. सरकार के अनुसार, इस तरह की सुविधाओं पर 10 मई 2021 से 31 दिसंबर 2022 के बीच कुल 10,19,81,946 खर्च किए गए. वित्त वर्ष 2022-23 में इस पर 34,01,05,848 रुपये का सार्वजनिक धन व्यय किया गया और जनवरी 2023 से जनवरी 2024 तक खर्च की गई राशि 14,02,19,313 रुपये रही.
दिल्ली में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में शामिल होने के बीच तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा है कि प्रधानमंत्री प्रदेशों को म्युनिसिपाल्टी समझते हैं. द हिंदू के मुताबिक, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन में पहुंचे स्टालिन ने कहा कि प्रधानमंत्री को देश में न तो राज्यों का अस्तित्व पसंद है और न ही मुख्यमंत्रियों का. राज्यों और उनके लोगों का सम्मान करने वाले पिछले प्रधानमंत्रियों के उलट मोदी जी राज्यों को ‘नगर पालिका’ समझते हैं. स्टालिन ने आरोप लगाया कि वित्त पर राज्यों का अधिकार छीनना ऑक्सीजन रोकने के समान है और केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ऐसा कर रही है. यह जोड़ते हुए कि ‘जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद से सभी राज्य फाइनेंस की भारी कमी का सामना कर रहे हैं, स्टालिन ने कहा कि केंद्र सरकार को वित्तीय संकट को दूर करने के लिए काम करना चाहिए, लेकिन वे विकास उपायों को लागू करने के लिए राज्यों के ऋण लेने में बाधाएं पैदा कर रहे हैं. ज्ञात हो कि विजयन केरल पर लगाए गए ‘वित्तीय प्रतिबंधों’ को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आंतरिक सुरक्षा का हवाला देते हुए भारत और म्यांमार के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था ख़त्म कर दी है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को इस बारे में ट्विटर पर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और म्यांमार की सीमा से लगे भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की जनसांख्यिकीय संरचना को बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) को खत्म कर दिया जाएगा. इससे पहले सरकार द्वारा सोलह सौ किलोमीटर से अधिक के भारत-म्यांमार बॉर्डर की फेंसिंग (बाड़बंदी) किए जाने की खबर आई थी. एक सूत्र ने बताया था कि फेंसिंग का काम अगले साढ़े चार साल में पूरा हो जाएगा और इस तरफ आने वाले किसी भी व्यक्ति को वीजा लेने की ज़रूरत पड़ेगी.
केंद्र सरकार ने बताया है कि पाकिस्तान के साथ वायु और समुद्र मार्ग से कुछ व्यापार हो रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में बताया कि इस पड़ोसी देश ने भूमि सीमा के माध्यम से सभी व्यापार को ‘एकतरफा’ तरीके से रोक दिया है. मंत्री ने जोड़ा कि यह पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र से मध्य एशियाई देशों में भारतीय सामानों के ट्रांज़िट की अनुमति दे. उन्होंने बताया कि पहले जो भी व्यापार होता था, सब अटारी-वाघा बॉर्डर और कराची बंदरगाह के जरिये होता था. अब, कोई भी व्यापार भूमि मार्ग से नहीं किया जा रहा है. उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान में पाकिस्तान के साथ समुद्री और हवाई मार्गों के माध्यम से होने वाला व्यापार जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट, इनलैंड कंटेनर डिपो, तुगलकाबाद, मुंद्रा सेज़, एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स मुंबई और एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स हैदराबाद सहित कुछ अन्य के माध्यम से हो रहा है.