कर्नाटक के भाजपा नेता केएस ईश्वरप्पा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील कर कहा था कि वे दक्षिण भारत को अलग देश बनाने की बात कहने वाले कांग्रेस सांसद डीके सुरेश और विधायक विनय कुलकर्णी को गोली मारने के लिए एक क़ानून लाएं. केस दर्ज होने पर उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रवाद और हिंदुत्व से जुड़े सिद्धांतों पर अपने ख़िलाफ़ ऐसी 100 एफ़आईआर से भी नहीं डरते हैं.
नई दिल्ली: भाजपा नेता और पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा की ‘गद्दारों को गोली मारो’ वाली टिप्पणी पर विवाद शनिवार (10 फरवरी) को और तेज हो गया, जब कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जिस पर ईश्वरप्पा ने कहा कि वह ऐसे मामलों से नहीं डरते हैं.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह विवाद गुरुवार (8 फरवरी) को तब शुरू हुआ, जब ईश्वरप्पा ने दावणगेरे में एक कार्यक्रम में कहा था, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करना चाहता हूं कि वे दो गद्दारों – डीके सुरेश और विनय कुलकर्णी को गोली मारने के लिए एक कानून लाएं, जो दक्षिण भारत को एक अलग देश बनाना चाहते हैं.’
इसके बाद इलाके के निवासी हनुमनथप्पा (36 वर्ष) की शिकायत के आधार पर दावणगेरे एक्सटेंशन पुलिस थाने ने मामला दर्ज किया था. मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए ईश्वरप्पा ने शिवमोगा में संवाददाताओं से कहा कि वह इस तरह की एफआईआर से डरते नहीं हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं राष्ट्रवाद और हिंदुत्व से जुड़े सिद्धांतों पर अपने खिलाफ ऐसी 100 एफआईआर से भी नहीं डरता हूं.’
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार (9 फरवरी) को कहा था कि भाजपा नेता के बयान के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई थी.
सिद्धारमैया ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि क्या यह एक राष्ट्रीय पार्टी से जुड़े नेता की भाषा है.
यह दावा करते हुए कि दक्षिणी राज्यों से एकत्र किए गए करों (टैक्स) को उत्तर भारत में वितरित किया जा रहा है, कांग्रेस सांसद और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई सुरेश ने 1 फरवरी को कहा था कि अगर ‘अन्याय’ को सुधारा नहीं गया तो दक्षिणी राज्य एक अलग राष्ट्र की मांग करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.
ईश्वरप्पा की टिप्पणी के बाद बेंगलुरु ग्रामीण से सांसद सुरेश ने शनिवार को उन्हें चुनौती दी कि दूसरे लोगों के गोली मारने का इंतजार करने के बजाय वे स्वयं गोली मार दें.
सुरेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘कोई और मुझे गोली क्यों मारे? अगर आप (ईश्वरप्पा) मुझे समय देते हैं तो मैं कर्नाटक, इसकी भूमि और कन्नड लोगों की खातिर आपके सामने खड़ा हो जाऊंगा.’
उन्होंने कहा कि वह जल्द ही भाजपा नेता ईश्वरप्पा से मिलने का समय तय करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘आप चाहते हैं कि आपका नेतृत्व आपकी सराहना करे. आप (हत्यारों की) तलाश में इधर-उधर क्यों जा रहे हैं? मैं आपके घर आऊंगा. मैं जल्द ही एक समय तय करूंगा और एक सप्ताह के भीतर आपसे मिलूंगा. आप मुझे गोली मारना चाहते हैं या चाकू मारना चाहते हैं, तैयार रहें.’
शिवकुमार ने कहा कि उनके भाई जानते हैं कि इस तरह की धमकियों से कैसे निपटना है.
उपमुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘सुरेश धमकियों से डरने वाला व्यक्ति नहीं है. हम जानते हैं कि इससे कैसे निपटना है. हम अतीत में ऐसी कई धमकियों से निपट चुके हैं.’
शिवकुमार ने कहा कि हर किए का फल मिलता है.
उन्होंने कहा, ‘ईश्वरप्पा ने एक बार विधानसभा में मेरे पिता के बारे में बात की थी और हर कोई जानता है कि आगे क्या हुआ. आज ईश्वरप्पा कहां हैं?’
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि कुछ लोग ईश्वरप्पा की ‘गद्दारों को गोली मारो’ वाली टिप्पणी को अलग अर्थ देने के लिए तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं.
येदियुरप्पा ने शिवमोगा में संवाददाताओं से कहा, ‘लोग ईश्वरप्पा के बयान पर इस तरीके से बात कर रहे हैं कि उसे नकारात्मक अर्थ दिया जा सके. ईश्वरप्पा ने केवल देशद्रोहियों को गोली मारने के लिए कानून लाने की मांग की थी. ईश्वरप्पा के बयान और उनके खिलाफ की गईं टिप्पणियों के बीच कोई संबंध नहीं है.’
येदियुरप्पा ने कहा कि ईश्वरप्पा अपने खिलाफ एफआईआर का सामना करने में सक्षम हैं.
ईश्वरप्पा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने अपनी सीमाओं के भीतर रहने पर जोर दिया. हुबली में शेट्टार ने कहा, ‘ईश्वरप्पा ने अपने बयान का बचाव किया है. मैंने पहले भी कई बार कहा है कि किसी को भी ‘लक्ष्मण रेखा’ पार नहीं करनी चाहिए.’
भाजपा के पूर्व विधायक एमपी रेणुकाचार्य ने ईश्वरप्पा का समर्थन करते हुए कहा कि देश के विभाजन पर कोई भी चुप नहीं रह सकता है.
रेणुकाचार्य ने कहा, ‘ईश्वरप्पा एक कट्टर हिंदुत्व समर्थक हैं. उन्होंने केवल सच बोला है. जब कोई देश के विभाजन के बारे में बात करे तो वह कैसे चुप रह सकते हैं?’
उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक के साथ कथित अन्याय के खिलाफ 7 फरवरी को दिल्ली में कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रदर्शन का मकसद सुरेश के बयान से पैदा हुए विवाद से जनता का ध्यान भटकाना था.
ईश्वरप्पा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कर्नाटक के आईटी/बीटी मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि यह भाजपा नेता की बुद्धि के स्तर को दर्शाता है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने कलबुर्गी में संवाददाताओं से कहा, ‘गोली मारने के लिए कानून लाने का आपका (ईश्वरप्पा का) बयान आपकी बुद्धि के स्तर को दर्शाता है. उन्होंने पहले ही राजनीति से ‘अनैच्छिक सेवानिवृत्ति’ ले ली है और वह ‘मार्गदर्शक मंडल’ में भी जगह नहीं बना सके. जब वह मुख्यधारा में ही नहीं हैं तो उनके बयानों को गंभीरता से क्यों लिया जाए.’
इस बीच, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईश्वरप्पा की टिप्पणी के विरोध में उनके घर की ‘घेराबंदी’ करने की कोशिश की. वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें एहतियातन हिरासत में ले लिया.