अर्थव्यवस्था पर केंद्र द्वारा लाए गए श्वेत-पत्र पर राज्यसभा में अल्पकालिक चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने इसका इस्तेमाल ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए किया है. इसमें नोटबंदी, बेरोज़गारी, मुद्रास्फीति, किसानों की दिक्कत और अर्थव्यवस्था की स्थिति के मुद्दों को छोड़ दिया गया है.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने बीते शनिवार (11 फरवरी) को कहा कि अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र इस देश की ‘काली सच्चाइयों’ को छिपाने के लिए सरकार द्वारा लाया गया और इसमें नोटबंदी, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, किसानों की दिक्कत और अर्थव्यवस्था की स्थिति के मुद्दों को छोड़ दिया गया है.
राज्यसभा में श्वेत पत्र पर अल्पकालिक चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने इसका इस्तेमाल ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने बेरोजगारी बढ़ाकर एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) क्षेत्र को नष्ट कर दिया. यह कोई श्वेत पत्र नहीं है, यह एक ऐसा पत्र है जो इस देश की काली सच्चाईयों को छुपा रहा है.
भाजपा द्वारा नई गारंटी देने पर उन्होंने नौकरियों, काला धन वापस लाने, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने और 2023 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने पर प्रधानमंत्री द्वारा दी गई गारंटी की स्थिति जानना चाहा.
उन्होंने कहा कि युवा और किसान निराश हैं और इसीलिए वे संसद तक मार्च कर रहे हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार भारत रत्न पुरस्कार का इस्तेमाल ‘राजनीतिक उद्देश्यों’ के लिए कर रही है.
डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कहा कि 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान कृषि और एमएसएमई क्षेत्रों के कारण अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत बढ़ी. उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र वर्तमान सरकार के तहत विफल हो रहे हैं.
टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने कहा कि श्वेत पत्र में नोटबंदी और बेरोजगारी दर को गायब करना सरकार की ‘घोर विफलता’ को दर्शाता है.
माकपा सदस्य जॉन ब्रिटास ने कहा, ‘यह एक श्वेत पत्र नहीं है, बल्कि एक चुनाव पत्र है.’