राजस्थान: इसरो से जुड़े संगठन के निर्देश पर स्कूल-कॉलेजों में राम थीम वाली प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से जुड़े भारत अंतरिक्ष सप्ताह ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर राज्य के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ‘राम अंतरिक्ष वेदशाला’ के हिस्से के रूप में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने को कहा था.

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भारत अंतरिक्ष सप्ताह की वेबसाइट का स्क्रीनग्रैब. (फोटो साभार: https://indiaspaceweek.org/)

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से जुड़े भारत अंतरिक्ष सप्ताह ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर राज्य के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ‘राम अंतरिक्ष वेदशाला’ के हिस्से के रूप में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने को कहा था.

भारत अंतरिक्ष सप्ताह की वेबसाइट का स्क्रीनग्रैब. (फोटो साभार: https://indiaspaceweek.org/)

जयपुर: ‘राम भक्त’, ‘माता सीता’ और ‘हनुमान जी’ के रूप में सजे छात्रों की फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता के साथ-साथ राम द्वारा धनुष तोड़ने और राम, लक्ष्मण तथा सीता के वन भ्रमण जैसे विषयों पर ड्राइंग और पेंटिंग प्रतियोगिताएं दो दिवसीय ‘राम अंतरिक्ष वेदशाला’ की कुछ थीम थीं.

इस कार्यक्रम का आयोजन भारत अंतरिक्ष सप्ताह की ओर से होना था, जो 9 और 10 फरवरी को राजस्थान के स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में मनाया जाना था.

अन्य राज्यों में भी ‘राम अंतरिक्ष वेदशाला’ के ऐसे ही आयोजनों की खबरें हैं.

बहरहाल, राजस्थान सरकार के कॉलेज शिक्षा विभाग द्वारा 8 फरवरी को जारी एक परिपत्र में राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों के प्राचार्यों को निर्देश दिया गया था कि जनवरी में भारत अंतरिक्ष सप्ताह द्वारा राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को राम अंतरिक्ष वेदशाला के आयोजन के बारे में लिखे गए एक अन्य पत्र का अनुपालन सुनिश्चित करें. पत्र में वेदशाला के हिस्से के रूप में उपरोक्त गतिविधियों का उल्लेख है.

इसकी वेबसाइट के अनुसार, भारत अंतरिक्ष सप्ताह एक अनुमोदित नोडल संस्थान है, जो इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईआईआरएस) का हिस्सा है – जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के आउटरीच नेटवर्क की एक इकाई है.

18 जनवरी के एक पत्र में भारत अंतरिक्ष सप्ताह ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को राज्य के स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में राम अंतरिक्ष वेदशाला के हिस्से के रूप में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने की अपनी योजना के बारे में बताया था.

पत्र के अनुसार, जिसे कॉलेज शिक्षा विभाग के 8 फरवरी के परिपत्र में संलग्न और उद्धृत किया गया था, छात्रों से राम पर आधारित फैंसी ड्रेस प्रतियोगिताओं में भाग लेने की उम्मीद की गई थी.

फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में चार विषय शामिल किए गए थे- ‘राम भक्तों’ के रूप में तैयार होना और प्राण प्रतिष्ठा समारोह अभिनीत करना; सीता के रूप में तैयार होना और अशोक वाटिका में पेड़ लगाने का अभिनय करना; हनुमान के रूप में तैयार होना और हनुमान द्वारा संजीवनी पर्वत लाने का अभिनय करना और राम, लक्ष्मण, हनुमान तथा रावण का वेश रखकर शत्रु के श्रेष्ठ गुणों का सम्मान करना.

इसी तरह, ड्राइंग और पेंटिंग प्रतियोगिता में भी पांच थीम थीं – प्राण प्रतिष्ठा समारोह, सीता द्वारा पेड़ों को पानी देना, राम का धनुष तोड़ना; राम, लक्ष्मण, सीता द्वारा वन भ्रमण और हनुमान तथा अन्य वानर सेना द्वारा रामसेतु निर्माण.

अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से कुछ दिन पहले भारत अंतरिक्ष सप्ताह द्वारा शर्मा को लिखे गए पत्र में कहा गया था, ‘श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा समारोह हो जाने के बाद भारत एक नए युग में प्रवेश करेगा. श्रीराम जी के आदर्शों को अपने जीवन में उतारना होगा, स्वयं को राममय एवं प्रकृतिमय बनाना होगा. रामराज्य पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत संपन्न एवं स्वर्णिम काल था. रामराज्य वन क्षेत्रों से भरा था. सभी वृक्ष हरे-भरे, पुष्प तथा फल संपन्न थे. वही परंपरा ही हम सबको यह बताती है कि प्रकृति रामराज्य का आधार है.’

पत्र में कहा गया था कि हजारों साल पहले भगवान श्रीराम ने प्रकृति के साथ जुड़कर और प्रकृति के बीच रहकर प्रकृति को बचाने के लिए हमें प्रेरित किया. उनके 14 वर्ष के वनवास से हमें पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा मिलती है.

राजस्थान कॉलेज शिक्षा विभाग ने अपने परिपत्र में सभी सरकारी कॉलेज प्राचार्यों से भारत अंतरिक्ष सप्ताह के पत्र का पालन करने का आग्रह किया था, जिसका पालन भी किया गया.

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