सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि भारत ने अप्रैल-दिसंबर 2023 में 6,216 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग जोड़े हैं. यह चालू वित्त वर्ष के लिए 13,800 किमी निर्माण लक्ष्य का केवल 45 प्रतिशत है. सरकार ने 2022 में 10,457 किमी और 2023 में 10,331 किमी सड़कें बनाईं, जबकि लक्ष्य 12,500 किमी का था.
नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष के दौरान राजमार्ग निर्माण धीमा हो गया है और 13,800 किलोमीटर के अपने लक्ष्य का केवल 45 प्रतिशत ही पूरा कर पाया है. यह तब है जब केंद्र सरकार ने साल के पहले नौ महीनों में रिकॉर्ड 2.16 ट्रिलियन रुपये का पूंजीगत व्यय निर्धारित किया है.
लाइवमिंट की रिपोर्ट के अनुसार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि भारत ने अप्रैल-दिसंबर 2023 में 6,216 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग जोड़े हैं. यह चालू वित्त वर्ष के लिए 13,800 किमी निर्माण लक्ष्य का केवल 45 प्रतिशत है.
निर्माण का धीमा पड़ना कोई नई बात नहीं है. हालांकि मंत्रालय को 12,500 किमी के लक्ष्य मिला, लेकिन सरकार ने वित्त वर्ष 2022 में केवल 10,457 किमी और 2023 में 10,331 किमी सड़कें बनाईं. वित्त वर्ष 2024 का लक्ष्य 13,800 किमी है.
समाचार रिपोर्ट में एक अज्ञात सूत्र के हवाले से कहा गया है कि इस लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव है – इस तथ्य के बावजूद कि भारत ने इस वर्ष 6,216 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग जोड़े हैं, जो 2023 की तुलना में अभी भी अधिक है (जब दिसंबर 2023 के अंत तक लगभग 5,744 किमी का काम ही पूरा हो सका था).
सूत्रों ने सड़क परियोजनाओं को आवंटित करने में सरकार की देरी को भी राजमार्ग निर्माण धीमा होने का एक कारण बताया.
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार द्वारा अपने पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर 2,15,910 करोड़ रुपये या वित्त वर्ष 2024 के लिए 2,58,606 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च पूंजीगत व्यय का 83.49 प्रतिशत बढ़ाने के बावजूद यह मंदी आई है.
रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की एक रिपोर्ट बताती है कि चुनावों से ठीक पहले आने वाली वित्तीय वर्ष की आखिरी तिमाही में राजमार्ग निर्माण की गति धीमी हो जाती है.
समाचार रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इस साल आगामी लोकसभा चुनाव के साथ ऐसा होता है, तो पिछले तीन महीनों में हर दिन 80 किमी से अधिक राजमार्ग बनाना मुश्किल होगा.
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