कर्नाटक के हुबली के किसान नेता किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश के रास्ते दिल्ली जा रहे थे, लेकिन जब वे भोपाल रेलवे स्टेशन पर उतरे तो उन्हें पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया. मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि यह स्पष्ट है कि इस कृत्य के पीछे आपराधिक दिमाग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपा सरकार का है.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में कर्नाटक के हुबली के किसान नेताओं की गिरफ्तारी पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार (12 फरवरी) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की. किसान मंगलवार को दिल्ली में शुरू किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए कर्नाटक से मध्य प्रदेश के रास्ते दिल्ली जा रहे थे.
मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा, ‘मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हुबली के किसानों की गिरफ्तारी, जब वे कल (मंगलवार) दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के लिए जा रहे थे, अत्यधिक निंदनीय है. मैं मांग करता हूं कि मध्य प्रदेश सरकार हमारे राज्य के सभी किसानों को तुरंत रिहा करे और उन्हें कल दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में भाग लेने दे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘हालांकि गिरफ्तारी मध्य प्रदेश सरकार ने की है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इस कृत्य के पीछे आपराधिक दिमाग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपा सरकार का है.’
The arrest of Hubballi farmers by the Madhya Pradesh government, as they were heading to a protest in Delhi tomorrow, is highly condemnable.
I demand that the Madhya Pradesh government immediately release all the farmers from our state who have been arrested and allow them to…
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) February 12, 2024
सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों को डराना है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जब भी भाजपा सत्ता में आती है, चाहे केंद्र में हो या राज्यों में, इतिहास गवाह है कि उनकी आक्रामकता का पहला निशाना किसान बनते हैं. जब पहली बार भाजपा ने कर्नाटक में सरकार बनाई तो उर्वरक (फर्टिलाइजर) की मांग कर रहे किसानों पर बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली सरकारी ने बेरहमी से गोलियां बरसाई थीं.’
उन्होंने कहा, ‘केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा दिल्ली और उत्तर प्रदेश में की गई हिंसा के कारण कई किसानों की मौत हो गई. नरेंद्र मोदी सरकार की वर्तमान कार्रवाइयों को देखते हुए ऐसा लगता है कि उनका मुख्य उद्देश्य किसानों को डरा-धमका कर समर्पण कराना है.’
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, घटनाक्रम से परिचित एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कर्नाटक के किसान विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए जा रहे थे, जब वे रविवार (11 फरवरी) रात भोपाल रेलवे स्टेशन पर उतरे.
अधिकारी ने कहा कि उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 151 (शांति भंग करना) के तहत हिरासत में लिया गया है.
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘दिल्ली में किसानों के विरोध प्रदर्शन के संबंध में मिले एक खुफिया इनपुट के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है.’
कुछ किसानों ने आरोप लगाया कि उन्हें जबरदस्ती एक जगह ले जाया गया, इस दौरान एक महिला किसान घायल हो गईं.
हालांकि, भोपाल के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) रामजी श्रीवास्तव ने कहा, ‘25 महिलाओं समेत सभी 75 किसान सुरक्षित हैं. उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है. उन्हें दिल्ली जाने से रोका गया और कानून-व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध किया गया. वे एक मैरिज हॉल में रह रहे हैं, जहां उन्हें सभी भोजन और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.’
यह पूछे जाने पर कि अगर वे कर्नाटक लौटने के लिए राजी नहीं हुए तो क्या करेंगे, डीसीपी ने कहा, ‘24 घंटे के बाद हम कानून के मुताबिक अगला कदम तय करेंगे.’
आम किसान यूनियन के नेता राम इनानिया को जहां नर्मदापुरम में हिरासत में लिया गया, वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता शिवकुमार शर्मा और उसके अध्यक्ष अनिल यादव को भोपाल में हिरासत में लिया गया.
घटना से परिचित लोगों ने बताया कि वॉट्सऐप पर भेजे गए एक संदेश में अनिल यादव ने कहा कि उन्हें रविवार रात जेल भेज दिया गया था और पुलिस ने शर्मा को किसी अज्ञात स्थान पर रखा है.
हुबली के किसान नेताओं के अलावा पुलिस ने मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले से राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष शिवराज राजोरिया को भी गिरफ्तार कर लिया.
साथ ही पिपरिया से नेता महेश उपाध्याय और सचिन शर्मा को भी पकड़ा गया. एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें एक एसडीएम कोर्ट ने जेल भेज दिया है.
नर्मदापुरम के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गुरु करण सिंह ने कहा, ‘पुलिस को इनपुट मिला था कि तीनों नेता विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए दिल्ली जा रहे थे, इसलिए उन्हें आईपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया है.’