राष्ट्रीय दलों को 2022-23 में मिले कुल कॉरपोरेट चंदे का 90 प्रतिशत भाजपा को मिला: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित कुल प्राप्त दान (20,000 रुपये से अधिक) की राशि 12,167 चंदों से 850.438 करोड़ रुपये थी, जिसमें से भाजपा को 719.858 करोड़ रुपये मिले. भाजपा को 2022-23 में चुनावी बॉन्ड से 1,294.14 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जो कांग्रेस से सात गुना अधिक था.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक)

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित कुल प्राप्त दान (20,000 रुपये से अधिक) की राशि 12,167 चंदों से 850.438 करोड़ रुपये थी, जिसमें से भाजपा को 719.858 करोड़ रुपये मिले. भाजपा को 2022-23 में चुनावी बॉन्ड से 1,294.14 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जो कांग्रेस से सात गुना अधिक था.

(प्रतीकात्मक फोटो: इस्मत आरा/द वायर)

नई दिल्ली: चुनाव सुधारों पर काम करने वाले संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार, भाजपा ने 2022-23 में लगभग 720 करोड़ रुपये का दान प्राप्त करने की घोषणा की है, जो चार अन्य राष्ट्रीय दलों – कांग्रेस, आप, सीपीआई(एम)/माकपा और नेशनल पीपुल्स पार्टी द्वारा प्राप्त कुल राशि से पांच गुना अधिक है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एडीआर द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित कुल प्राप्त दान (20,000 रुपये से अधिक) की राशि 12,167 चंदों से 850.438 करोड़ रुपये थी. देश की छठी राष्ट्रीय पार्टी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने घोषणा की कि उसे वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 20,000 रुपये से अधिक का कोई चंदा नहीं मिला.

पंजीकृत राजनीतिक दलों के लिए एक वित्तीय वर्ष में उन्हें प्राप्त 20,000 रुपये से अधिक के व्यक्तिगत चंदे का खुलासा करना अनिवार्य है.

भाजपा ने 7,945 चंदों से 719.858 करोड़ रुपये और कांग्रेस ने 894 चंदों से 79.924 करोड़ रुपये प्राप्ति की घोषणा की है. भाजपा द्वारा घोषित चंदा इसी अवधि के लिए कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और माकपा द्वारा घोषित कुल दान से पांच गुना से अधिक है. एनपीपी पूर्वोत्तर का एकमात्र राजनीतिक दल है, जिसे राष्ट्रीय दल का दर्जा प्राप्त है.

एडीआर ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय दलों को दिल्ली से कुल 276.202 करोड़ रुपये का चंदा मिला, इसके बाद गुजरात से 160.509 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र से 96.273 करोड़ रुपये का चंदा मिला.

वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों का कुल चंदा 91.701 करोड़ रुपये बढ़ गया, जो पिछले वित्त वर्ष 2021-22 से 12.09 प्रतिशत अधिक है. एडीआर ने कहा कि भाजपा को मिला चंदा वित्त वर्ष 2021-22 के 614.626 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में 719.858 करोड़ रुपये हो गया, जो 17.12 प्रतिशत की वृद्धि है. एडीआर ने कहा कि हालांकि वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान पार्टी के चंदे में 41.49 प्रतिशत की कमी आई.

वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कांग्रेस का चंदा 95.459 करोड़ रुपये से घटकर वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 79.924 करोड़ रुपये हो गया, जो 16.27 प्रतिशत की गिरावट है.

एडीआर के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 के बीच इसको मिले दान में 28.09 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में, माकपा द्वारा घोषित दान में 39.56 प्रतिशत (3.978 करोड़ रुपये) और आप द्वारा घोषित दान में 2.99 प्रतिशत (1.143 करोड़ रुपये) की कमी देखी गई.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, कॉरपोरेट/व्यावसायिक क्षेत्र द्वारा राष्ट्रीय दलों को दिया गया दान 680.495 करोड़ रुपये था – जो कुल दान का 80.017 प्रतिशत था – जिसमें से भाजपा को 610.491 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस को कुल 55.625 करोड़ रुपये मिले.

भाजपा को मिले 610.491 करोड़ रुपये 2022-23 में अन्य सभी राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित कॉरपोरेट दान की कुल राशि 70.004 करोड़ रुपये से आठ गुना अधिक थे.

मालूम हो कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 2022-23 में चुनावी बॉन्ड के माध्यम से 1,294.14 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जो वर्ष के दौरान उसकी कुल आय का लगभग 54 फीसदी था और उसके मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पार्टी से सात गुना अधिक था. इस अवधि में कांग्रेस को चुनावी बॉन्ड के माध्यम से सिर्फ 171.02 करोड़ रुपये मिले हैं.

चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कांग्रेस को मिली यह रकम वित्त वर्ष 2021-22 में उसे मिली 236 करोड़ रुपये की राशि से कम है.