राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से ‘इंदिरा गांधी’ और ‘नरगिस दत्त’ का नाम हटाया गया

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में शामिल ‘किसी निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार’ का नाम बदलकर ‘निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिल्म’ और ‘राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार’ का नाम बदलकर ‘राष्ट्रीय, सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म’ कर दिया गया है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17 अक्टूबर 2023 को नई दिल्ली में हुए 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में ‘मेप्पादियां’ फिल्म के लिए निर्देशक विष्णु मोहन को ‘किसी निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार’ दिया गया था. (फाइल फोटो साभार: पीआईबी)

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में शामिल ‘किसी निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार’ का नाम बदलकर ‘निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिल्म’ और ‘राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार’ का नाम बदलकर ‘राष्ट्रीय, सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म’ कर दिया गया है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17 अक्टूबर 2023 को नई दिल्ली में हुए 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में ‘मेप्पादियां’ फिल्म के लिए निर्देशक विष्णु मोहन को ‘किसी निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार’ दिया गया था. (फाइल फोटो साभार: पीआईबी)

नई दिल्ली: कमेटी फॉर रेशनलाइजेशन ऑफ फिल्म अवॉर्ड्स की सिफारिशों के आधार पर ‘किसी निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार’ और ‘राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार’, जो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का हिस्सा हैं, का नाम बदल दिया गया है.

इस कमेटी (समिति) ने सिफारिश की कि ‘किसी निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार’ का नाम बदलकर ‘निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिल्म’ कर दिया जाए और पुरस्कार राशि भी बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया जाए.

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा इसने ‘राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार’ का नाम बदलकर ‘राष्ट्रीय, सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म’ करने की भी सिफारिश की.

समिति ने सिफारिश की कि इस पुरस्कार को ‘सामाजिक मुद्दों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म और पर्यावरण संरक्षण पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म’ के साथ जोड़ दिया जाए. इसके तहत निर्देशक और निर्माता को 1.5 लाख रुपये के साथ रजत कमल प्रदान किया जाता था. इस राशि को बढ़ाकर अब दो-दो लाख रुपये कर दिए गए हैं.

अखबार ने बताया कि दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की राशि 10 लाख रुपये से बढ़कर 15 लाख रुपये कर दी गई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कमेटी फॉर रेशनलाइजेशन ऑफ फिल्म अवॉर्ड्स की अध्यक्षता सूचना और प्रसारण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव नीरजा शेखर ने की थी.

इसमें फिल्म निर्माता प्रियदर्शन, विपुल शाह, हाओबम पबन कुमार, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के प्रमुख प्रसून जोशी, छायाकार एस. नल्लामुथु के साथ-साथ सूचना और प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव पृथुल कुमार और मंत्रालय के निदेशक (वित्त) कमलेश कुमार सिन्हा शामिल थे.

समिति के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘समिति ने महामारी के दौरान इन बदलावों पर विचार-विमर्श किया. ये बदलाव करने का निर्णय अंतत: सर्वसम्मत था.’

अन्य परिवर्तनों में ‘सर्वश्रेष्ठ एवीजीसी फिल्म’ नामक एक नई श्रेणी का निर्माण शामिल है, जो सर्वश्रेष्ठ एनीमेशन फिल्म और सर्वश्रेष्ठ विशेष प्रभाव श्रेणियों को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में जोड़ती है.

सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के पुरस्कारों के नाम भी बदल दिए गए हैं और पुरस्कार राशि बढ़ा दी गई है. इसके अलावा सर्वश्रेष्ठ ऑडियोग्राफी और सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक जैसी पुरस्कार श्रेणियों में भी बदलाव किए गए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार (50,000 रुपये के साथ रजत कमल) का नाम बदलकर ‘मुख्य भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता’ (रजत कमल और 2 लाख रुपये) कर दिया गया है और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार (50,000 रुपये के साथ रजत कमल) का नाम अब ‘मुख्य भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री’ (रजत कमल और 2 लाख रुपये के साथ) हो गया है.

इसी तरह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार (50,000 रुपये के साथ रजत कमल) का नाम ‘सहायक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता’ (2 लाख रुपये के साथ रजत कमल) और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार का नाम ‘सहायक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री’ (रजत कमल के साथ 2 लाख रुपये) कर दिया गया है.

सर्वश्रेष्ठ ऑडियोग्राफी श्रेणी में तीन उप-श्रेणियां – लोकेशन सिंक साउंड रिकॉर्डिस्ट (केवल सिंक साउंड के लिए), साउंड डिजाइनर और फाइनल मिक्स्ड ट्रैक के रिकॉर्डिस्ट – को एक साथ संयोजित कर ‘सर्वश्रेष्ठ साउंड डिजाइन’ (साउंड डिजाइनर के लिए 2 लाख रुपये रजत कमल पुरस्कार के साथ) नाम दिया गया है.

इसी तरह सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक (बैकग्राउंड संगीत) और सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक (बैकग्राउंड स्कोर) की उप-श्रेणियों को मिलाकर ‘संगीत निर्देशक (बैकग्राउंड संगीत)’ कर दिया है, जिसकी पुरस्कार राशि रजत कमल के साथ 2 लाख रुपये होगी.

‘संविधान की अनुसूची 8 में निर्दिष्ट प्रत्येक भाषा में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म’ के पुरस्कार का नाम बदलकर ‘सर्वश्रेष्ठ (भाषा का नाम) फीचर फिल्म’ कर दिया गया है और पुरस्कार राशि दोगुनी होकर 2 लाख रुपये कर दी गई है. इसी तरह के बदलाव ‘संविधान की अनुसूची 8 में निर्दिष्ट भाषाओं के अलावा प्रत्येक भाषा में फीचर फिल्म’ श्रेणी में किए गए हैं.

समिति ने पुरस्कारों की प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए केवल असाधारण परिस्थितियों में साझा पुरस्कारों के साथ, प्रति श्रेणी केवल एक पुरस्कार देने की सिफारिश की.

स्वर्ण कमल विजेताओं के लिए समान नकद पुरस्कार 3 लाख रुपये और रजत कमल विजेताओं के लिए 2 लाख रुपये निर्धारित किए गए हैं.

पुरस्कारों का 70वां संस्करण इस वर्ष आयोजित किया जाएगा. इस संस्करण के लिए प्रविष्टियां समिति की सिफारिशों के आधार पर मांगी गई हैं.