मोदी डिग्री मामले में अदालत द्वारा केजरीवाल, संजय सिंह की याचिका ख़ारिज करने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की दो याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्रियों को लेकर गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा उनके खिलाफ दायर किए गए आपराधिक मानहानि मामले के संबंध में अहमदाबाद मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा जारी किए गए समनों को रद्द करने की मांग की गई थी. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, याचिकाएं खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि केजरीवाल और सिंह ने समन रद्द करने के लिए जिन आधारों का हवाला दिया है, उन्हें मुकदमे के दौरान मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है. जनवरी में दोनों नेताओं को अस्थायी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी तक मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी, जबकि गुजरात हाईकोर्ट को तब तक उनकी याचिकाओं पर फैसला करने का निर्देश दिया था.

कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि आयकर विभाग ने उसके बैंक खातों को फ्रीज़ कर दिया है और उसके सांसदों से इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने और नकद योगदान में कथित 45 दिन की देरी पर वसूली के रूप में 210 करोड़ रुपये की मांग की है. कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस और यूथ कांग्रेस दोनों के खाते फ्रीज़ कर दिए गए हैं… वास्तव में यह लोकतंत्र ही है, जो भारत में ‘फ्रीज़’ हो गया है. हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के तुरंत बाद पार्टी ने कहा कि उनके बैंक खाते अनफ्रीज़ कर दिए गए हैं. एक वीडियो संदेश में कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा कि आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने ‘आगे की सुनवाई होने तक’ कांग्रेस के खातों को अनफ्रीज़ कर दिया है.

बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख नीतीश कुमार के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में लौटने के कुछ दिनों बाद, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने शुक्रवार को कहा कि उनके दरवाजे नीतीश के लिए हमेशा खुले हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, नीतीश को एक और मौका देने संबंधी सवाल के जवाब में यादव ने कहा कि ‘जब (वह) आएंगे, तब देखेंगे.’ जब उनसे पूछा गया कि क्या दो बार धोखा देने वाले नीतीश के लिए दरवाजे अभी भी खुले हैं, तो उन्होंने कहा कि ‘दरवाजा खुला ही रहता है.’

कर्नाटक के मंगलुरु स्थित सेंट गेरोसा स्कूल में एक अंग्रेजी शिक्षिका को भगवान राम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक बयान देने के लिए बर्खास्त किए जाने के कुछ दिनों बाद, स्कूल की प्रधानाध्यापिका (हेडमिस्ट्रेस) ने गुरुवार को कहा कि शिक्षिका निर्दोष थीं और भाजपा विधायक वेदव्यास कामथ के दबाव में हमें उन्हे बर्खास्त करने के लिए विवश होना पड़ा. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हेडमिस्ट्रेस सिस्टर अनिता ने कहा कि सिस्टर प्रभा (शिक्षिका) ने कविता की व्याख्या करते समय हिंदुओं या किसी अन्य धर्म या प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की थी. स्कूल को उन्हें विधायक कामथ और हिंदू कार्यकर्ताओं के एक समूह द्वारा स्कूल के बाहर प्रदर्शन करने के चलते बर्खास्त करना पड़ा. कथित घटना 8 फरवरी की है जब सिस्टर प्रभा ने कक्षा 7 के छात्रों के लिए ‘वर्क इज वर्शिप’ विषय पर एक कक्षा ली थी, जिसके बाद उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए दो ऑडियो संदेश सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए थे.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव पर चर्चा कल होगी और तब तक के लिए सदन स्थगित कर दिया गया है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, विधानसभा में बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि यह तथाकथित शराब घोटाला कोई घोटाला है ही नहीं. वे (भाजपा) निष्पक्ष जांच नहीं करना चाहते. इस घोटाले की आड़ में आम आदमी पार्टी (आप) के सभी नेता गिरफ्तार हो चुके हैं. उनका एकमात्र उद्देश्य किसी न किसी तरह दिल्ली सरकार को गिराना है. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को छठां समन भेजा था और 19 फरवरी को प्रस्तुत होने के लिए कहा है.

ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के दो छात्रों को कथित तौर पर अयोध्या के राम मंदिर के बारे में पोस्टर लगाने और एक चर्चा में शामिल होने के लिए निलंबित कर दिया गया. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे ‘छात्र आचार संहिता का उल्लंघन’ माना है. विश्वविद्यालय छात्र अनुशासन समिति ने 10 फरवरी को एक छात्र को दिए नोटिस में कहा कि आप कथित तौर पर छात्र आचार संहिता के गंभीर उल्लंघन में शामिल हैं. आपको कथित तौर पर ऐसे पोस्टर लगाते और ऐसी चर्चा में शामिल होते पाया गया, जिनका उद्देश्य विश्वविद्यालय क्षेत्र की अखंडता और शांति को हानिकारक रूप से प्रभावित करना था.