इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित ब्लॉक किए गए लिंक और एकाउंट की सूची में 35 फेसबुक लिंक, 35 फेसबुक एकाउंट, 14 इंस्टाग्राम एकाउंट, 42 ट्विटर एकाउंट, 49 ट्विटर लिंक, 1 स्नैपचैट एकाउंट और 1 रेडिट एकाउंट शामिल हैं.
नई दिल्ली: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ बनाए रखने के लिए सोमवार (19 फरवरी) को किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित 177 सोशल मीडिया एकाउंट और लिंक के खिलाफ अपने आपातकालीन ब्लॉकिंग आदेशों को अंतिम रूप दिया यानी इन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया.
आपातकालीन आदेश पिछले सप्ताह गृह मंत्रालय के अनुरोध पर जारी किए गए हैं. ये 14 फरवरी को जारी अंतिम आदेशों के अतिरिक्त हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 19 और 14 फरवरी को जारी किए गए अंतिम ब्लॉकिंग आदेश सशर्त, अंतरिम आदेश हैं और आंदोलन की अवधि के लिए जारी किए गए हैं, जिसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भारत में एकाउंट और चैनलों को बहाल कर सकते हैं. यह पहली बार नहीं है कि ऐसे अस्थायी आदेश जारी किए गए हैं, क्योंकि विरोध प्रदर्शन उग्र है.
सोमवार को 35 फेसबुक लिंक, 35 फेसबुक एकाउंट, 14 इंस्टाग्राम एकाउंट, 42 ट्विटर एकाउंट, 49 ट्विटर लिंक, 1 स्नैपचैट एकाउंट और 1 रेडिट एकाउंट के खिलाफ आदेश जारी किए गए हैं. जहां फेसबुक और ट्विटर (अब एक्स) को आदेश देना आम बात है, यह स्नैपचैट को जारी किया गया पहला ब्लॉकिंग आदेश है. ताजा आदेश में यूट्यूब चैनलों या वीडियो के विरुद्ध कोई ब्लॉक आदेश जारी नहीं किए गए.
सोमवार को धारा 69ए अवरोधक समिति की बैठक में मेटा (फेसबुक और इंस्टाग्राम दोनों के लिए), एक्स और स्नैपचैट के प्रतिनिधि उपस्थित हुए. रेडिट से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ.
सोमवार के आदेशों के माध्यम से जिन एकाउंट्स को ब्लॉक किया गया है, उनमें ‘यूनियनिस्ट सिख मिशन’ के मनोज सिंह दुहान का एक्स एकाउंट और गैंगस्टर से राजनेता बने लाखा सिंह सिधाना के लिए समर्थन व्यक्त करने वाले फेसबुक पेज शामिल हैं.
14 फरवरी के ब्लॉकिंग आदेशों के माध्यम से अवरुद्ध किए गए एकाउंट किसान एकता मोर्चा के @kisanektamorcha, @Tractor2twitr, @Tractor2twitr_P प्रगतिशील किसान मोर्चा के @FarmersFront आदि के एक्स एकाउंट शामिल थे.
13 फरवरी को किसानों के दिल्ली चलो मार्च को देखते हुए 14 फरवरी के ब्लॉकिंग आदेश 8 या 9 फरवरी को आपातकालीन आदेश के रूप में जारी किए गए थे.
मालूम हो कि 2021 में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकार ने इसी तरह प्रदर्शनकारियों और इस मुद्दे पर रिपोर्टिंग करने वाले कई पत्रकारों के सोशल मीडिया एकाउंट को ब्लॉक कर दिया था. आखिरकार, तत्कालीन ट्विटर (अब एक्स) ने सरकार के रोक लगाने वाले आदेशों को कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती दी, लेकिन केस हार गया.
जुलाई 2021 में ट्विटर ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी 10 ब्लॉकिंग आदेशों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था. बाद में ट्विटर ने हाईकोर्ट को बताया था कि सरकार ने किसान आंदोलन और कोविड प्रबंधन पर सवाल उठाने वाले ट्विटर एकाउंट को ब्लॉक करने के लिए कहा था.