छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम से साफ़ संकेत मिलता है कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों में हार का सामना करने जा रही है. इसलिए, वह अन्य पार्टियों में विभाजन की साज़िश कर रही है, क्योंकि उसे अपने बल पर चुनाव का सामना करने का भरोसा नहीं है.
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार (19 फरवरी) को सत्तारूढ़ भाजपा पर छत्तीसगढ़ में उनकी पार्टी के विधायकों को मंत्री पद और आगामी लोकसभा चुनाव के लिए टिकट का लालच देकर अपने पाले में करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
राजधानी रायपुर स्थित स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि भाजपा इस तरह की रणनीति का सहारा ले रही है, क्योंकि उसे अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों में हार की आशंका है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, एक सवाल के जवाब में बघेल ने कहा, ‘एक विधायक (कांग्रेस के) ने हाल ही में मुझे विधानसभा में बताया कि उन्होंने (भाजपा) उनसे लोकसभा चुनाव का टिकट देने और केंद्र में सत्ता बरकरार रखने पर मंत्री पद देने का वादा किया था. इस तरह की बातें लगातार जारी है.’
पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम से साफ संकेत मिलता है कि भाजपा को 2024 के राष्ट्रीय चुनावों में हार का सामना करने जा रही है. इसलिए, वह अन्य पार्टियों में विभाजन की साजिश कर रही है, क्योंकि उसे अपने बल पर चुनाव का सामना करने का भरोसा नहीं है.
2018 से 2023 तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे बघेल के नेतृत्व में बीते नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष किरणदेव ने बघेल के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि भाजपा उनसे जानना चाहती है कि आखिर कौन कांग्रेस विधायक हैं, जिन्हें भाजपा से ऑफर मिला है और किसने उनसे संपर्क किया, उसका पार्टी में स्तर क्या है?
उन्होंने कहा कि बघेल इस सवाल का जवाब कभी नहीं देंगे, क्योंकि वे जानते हैं कि उनकी बातें कोरी अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं है. यह तो कांग्रेस का दुर्भाग्य है कि वे अपने नेताओं को संभाल नहीं पा रही है, इसलिए उसके नेताओं का एक-एक कर कांग्रेस छोड़ने का सिलसिला जारी है.
उन्होंने कहा कि पहले भी वे झीरम नक्सल घाटी का सबूत जेब में रखने की बात करते थे, लेकिन खुद मुख्यमंत्री रहते हुए पांच साल तक जेब से उस सबूत को नहीं निकाल पाए, बस मीडिया में सुर्खियां पाने के लिए कुछ भी बयान दे देते है.