द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
मणिपुर में जारी अशांति के बीच हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति (एसटी) में मेईतेई समुदाय को शामिल करने के अपने विवादित आदेश में बुधवार (21 फरवरी) को संशोधन कर दिया. राज्य में अशांति का कारण बने इस आदेश को हाईकोर्ट ने यह कहते हुए वापस ले लिया कि भारत के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी. वहीं, इंफाल शहर में बुधवार को राज्य पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) ने महिलाओं के एक समूह द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए एक अदालत परिसर के भीतर आंसू गैस का इस्तेमाल किया. पुलिस हाल ही में इंफाल पूर्वी जिले में इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) मुख्यालय से हथियार लूटने के आरोपी छह मेईतेई पुरुषों को चीराप अदालत में लेकर आई थी. अदालत द्वारा सभी आरोपियों को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के बाद आरोपियों की तत्काल रिहाई की मांग कर रहीं महिलाओं और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हो गई. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा. हालांकि, अगले दिन अदालत के वकीलों ने महिलाओं पर पुलिस की कार्रवाई की निंदा करने के लिए अदालत परिसर के भीतर धरना दिया और मांग की कि सरकार इसकी न्यायिक जांच कराए. इस बीच, कुकी बहुल चुराचांदपुर में जारी हिंसा के कारण जिले भर के 115 राहत शिविरों में रह रहे लोगों ने केंद्र सरकार द्वारा अपना राशन जारी रखने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. शरणार्थियों ने स्थानीय मीडिया को बताया है कि उनकी साप्ताहिक राशन आपूर्ति ‘बिना किसी कारण के’ बंद कर दी गई है.
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक ईश्वर साहू ने बीते वर्ष 8 अप्रैल को सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए अपने बेटे को न्याय दिलाने में देरी को लेकर बुधवार को अपनी ही पार्टी की राज्य सरकार पर सवाल उठाए. न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, विधानसभा चुनाव में भाजपा अक्सर ही साहू के बेटे भुनेश्वर की मौत को मुद्दा उठाती थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक ने कहा था कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ इसके लिए जिम्मेदार थी. पहली बार के विधायक साहू को पार्टी ने बेमेतरा ज़िले के साजा निर्वाचन क्षेत्र से टिकट भी दिया था और उन्होंने कांग्रेस के सात बार के विधायक रविंद्र चौबे को हराया था. बुधवार को विधानसभा में साहू ने कहा कि 34 आरोपियों में से अब तक सिर्फ 12 की गिरफ्तारी हुई है. उन्होंने सदन में पूछा कि क्या मुझे कभी न्याय मिलेगा या नहीं. साहू द्वारा विधानसभा में गुहार लगाने के तुरंत बाद राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि घटना की जांच सीबीआई करेगी.
रूसी रक्षा मंत्रालय के लिए काम करने वाले एक अधिकारी के अनुसार, रूसी सेना ने पिछले साल अपने मॉस्को भर्ती केंद्र में लगभग 100 भारतीयों की भर्ती की थी. द हिंदू के मुताबिक, अधिकारी ने बताया कि भर्ती किए गए भारतीयों को ‘सेना सुरक्षा सहायकों’ की भूमिका के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से पहले संबंधित जोखिमों के बारे में सूचित किया गया था. उन्हें युद्ध के मोर्चे पर भी तैनात किया जा सकता है. अधिकरी ने बताया कि भर्ती किए गए भारतीयों की वास्तविक संख्या अधिक हो सकती है क्योंकि उन्होंने जो आंकड़ा प्रदान किया है वह केवल मॉस्को केंद्र से संबंधित है. अनुबंधित अवधि न्यूनतम एक वर्ष है जिसमें छह महीने से पहले कोई छुट्टी या काम छोड़ने की अनुमति नहीं है, जबकि वेतन 50,000 रुपये बोनस के साथ 1.95 लाख रुपये मासिक है.
भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने के लिए नियमों में ढील दी है. इसके पीछे उद्देश्य निवेश को बढ़ावा देना है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस संबंध में बुधवार को एक सरकारी अधिसूचना जारी की गई. सरकार ने एक बयान में कहा कि एफडीआई नीति सुधार से रोजगार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है और कंपनियों को देश में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने की अनुमति मिलेगी. भारतीय अंतरिक्ष संघ के महानिदेशक एके भट्ट ने कहा कि इससे भारत को न केवल देश से बल्कि अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से भी नवीनतम तकनीकी प्रगति और बेहद जरूरी फंड मिलेगा.
नेटफ्लिक्स को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सलाह दी है कि वह ‘द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: बरीड ट्रुथ’ नामक डॉक्यूमेंट्री अपने मंच पर रिलीज करने से पहले इसकी स्क्रीनिंग सीबीआई के सामने करे. द हिंदू के मुताबिक, यह आदेश तब आया जब सीबीआई ने 23 फरवरी को रिलीज होने वाली इस सीरीज की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग की थी. याचिका में सीबीआई ने अपनी चिंता का कारण शीना बोरा हत्या मामले में जारी ट्रायल पर पड़ने वाले प्रभाव को बताया है. डॉक्यूमेंट्री हत्या की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी पर ही बनी है.
हरियाणा पुलिस ने 2023 की नूंह हिंसा के सिलसिले में कांग्रेस विधायक मम्मन खान पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए हैं. हिंसा में छह लोगों की जान चली गई थी. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, नूंह पुलिस की अंतिम रिपोर्ट में कहा गया है कि फिरोजपुर झिरका के विधायक पर हिंसा भड़काने के लिए यूएपीए की धारा 3, 10 और 11 के साथ-साथ अन्य आरोप लगाए गए हैं. पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपियों में से एक ने जांचकर्ताओं को बताया कि मम्मन खान ने दंगे भड़कने से पहले स्थानीय सरपंचों के माध्यम से उपद्रवियों को पैसे देने की व्यवस्था की थी. इसमें यह भी कहा गया है कि विधायक के नाम वाले वॉट्सऐप ग्रुप – आईटी सेल मम्मन खान या यूथ टीम मम्मन खान- भड़काऊ पोस्ट फैलाने के लिए बनाए गए थे.